Roznama Khabrein
No Result
View All Result
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو
اردو
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو
No Result
View All Result
No Result
View All Result
Home समाचार

रामपुर: मुसलमानों की तुलना में हिंदू इलाकों में बंपर वोटिंग!

RK News by RK News
December 12, 2022
Reading Time: 1 min read
0
रामपुर: मुसलमानों की तुलना में हिंदू इलाकों में बंपर वोटिंग!

“सपा नेता आजम खान के गढ़ रामपुर में बूथ-वार मतदान पर नजर डालने से पता चलता है कि हिंदू बाहुल्य और मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों के बीच मतदान में व्यापक अंतर है। मुसलमानों की तुलना में हिंदुओं ने बंपर वोटिंग की है जिसके चलते रामपुर विधानसभा में पहली बार कमल खिला है और BJP के आकाश सक्सेना जीते। 5 दिसंबर को रामपुर विधानसभा चुनाव में सिर्फ 33% मतदान हुआ था। तब सपा ने आरोप लगाया था कि मतदाताओं (विशेष रूप से मुस्लिम) को मतदान करने के लिए बाहर नहीं आने दिया गया है। गुरुवार को सपा अपने नेता आजम खान अपराजित गढ़ में चुनाव हार गए।”

RELATED POSTS

गौतम अडानी टॉप 20 से भी हुए बाहर

रामचरितमानस विवाद: आरजेडी- एसपी की मान्यता रद्द हो, वीएचपी की इलेक्शन कमिशन से मांग

“28 महीने और लंबी लड़ाई के बाद..”: केरल के पत्रकार सिद्दिक कप्पन को मिली ज़मानत।

सबरंग इंडिया हिंदी की रिपोर्ट के अनुसार भाजपा उम्मीदवार आकाश सक्सेना को 62 प्रतशित वोट मिले हैं। वहीं सपा प्रत्याशी और आजम के सहयोगी मोहम्मद असीम राजा के 36 प्रतिशत ही वोट मिले हैं। रामपुर में बूथ-वार मतदान पर एक नजर डालने से पता चलता है कि हिंदू बाहुल्य क्षेत्रों और मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों के बीच मतदान में कितना व्यापक अंतर है।

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, रामपुर विधानसभा क्षेत्र के लगभग 65% मतदाता मुस्लिम हैं। मुस्लिम समुदाय की करीब 80% आबादी शहरी क्षेत्रों में रहती है। जबकि हिंदू ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त संख्या में हैं। 3.8 लाख मतदाताओं में से 2.7 लाख मतदाताओं का निर्वाचन क्षेत्र शहरी है। इस चुनाव में शहरी क्षेत्रों के मुस्लिम बाहुल्य बूथों पर हिंदू बाहुल्य बूथों की तुलना में आधा मतदान हुआ है। रामपुर शहरी में कुल 325 में से 77 मतदान केंद्र हिंदुओं के वर्चस्व वाले थे। उन केंद्रों की मतदाता सूची में 68,000 से अधिक वोटर हैं। वोटिंग वाले दिन उन 77 मतदान केंद्रों पर करीब 46% मतदान हुआ। इसके विपरीत, जिन शेष 248 मुस्लिम बाहुल्य बूथों पर 2 लाख से अधिक मतदाता हैं, वहां केवल 23% मतदान हुआ।

मुस्लिम बाहुल्य मतदान केंद्रों पर वोटिंग प्रतिशत कम

कुछ मुस्लिम इलाकों, जैसे पीला तालाब के सात बूथों पर मतदान सिर्फ 4% हुआ है। कोठीबले रोड और बजरिया हिम्मत खान, यह दोनों मुस्लिम बहुल बूथ हैं, वहां क्रमश: 5% और 7% मतदान हुआ है। रामपुर शहरी के 90 से अधिक मतदान केंद्रों पर 20% से कम मतदान हुआ, वह सभी मुसलमानों के वर्चस्व वाले हैं। यहां तक ​​कि सपा के गढ़, जहां पार्टी का कार्यालय है, वहां के 17 मतदान केंद्रों पर मतदान केवल 24% हुआ है। रामपुर शहरी के केवल एक मुस्लिम बहुल मतदान केंद्र सराय गेट घोसियान पर सबसे अधिक 39% मतदान दर्ज किया गया है।

हिंदू बाहुल्य क्षेत्रों में बंपर मतदान

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, रामपुर शहरी में एक हिंदू बहुल बूथ पर सबसे कम मतदान 27% हुआ है। रामपुर शहरी में हिंदू बहुल बूथों पर सबसे अधिक मतदान 74% हुआ है। रामपुर के ग्रामीण इलाकों में, जहां भाजपा को काफी समर्थन प्राप्त है, वहां 80% से अधिक भी मतदान हुआ है। हिंदू बहुल माने जाने वाले 32 ग्राम-स्तरीय बूथों पर मतदान 60% से अधिक रहा है। लेकिन, कई मुस्लिम बहुल गांवों जैसे अजीतपुर, शाजदनगर, फजुल्ला नगर और अली नगर में मतदान 30 से 40 प्रतिशत के बीच रहा है।

यह सब तब हुआ है जब सपा उम्मीदवार असीम राजा के लिए प्रचार करते हुए आज़म खान ने बार-बार मुस्लिम क्षेत्रों में मतदाताओं से बड़ी संख्या में बाहर आने और मतदान करने के लिए कहा था, क्योंकि उन्होंने इन चुनावों को मुस्लिम गौरव और अपनी विरासत की परीक्षा के रूप में पेश किया था। मतदान से पहले ही उन्होंने बार-बार आरोप लगाया कि पुलिस मतदाताओं को मतदान केंद्रों पर जाने से रोकने के लिए डर का माहौल बना रही है। हालांकि भाजपा और राज्य प्रशासन ने खान के आरोपों का खंडन किया था। कई बार आजम खान ने भावुक तकरीर भी की थी। खास है कि दिग्गज समाजवादी नेता आज़म खान की हेट स्पीच की वजह से सदस्यता रद्द होने के चलते रामपुर में उपचुनाव हुआ था।

दरअसल इस उपचुनाव में समाजवादी पार्टी नेता आजम खान, वोटों के समीकरण को देखते हुए अपने प्रत्याशी की जीत को लेकर मुतमईन थे। वहीं, दूसरी ओर प्रदेश की भाजपा सरकार आजम खान की इस विरासत पर किसी भी सूरत में कब्जाना चाहती थी। इसी के चलते चुनाव के दिन सपा प्रत्याशी व पार्टी कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन पर धांधली के आरोप लगाए, लेकिन उनके इस आरोप को विपक्षी दल का रिवायती इल्जाम समझते हुए उस वक्त ज्यादा तवज्जो नहीं दी गई। मतदान खत्म होने के बाद जब यहां मतदान का कुल प्रतिशत एक तिहाई पर अटक गया तो सपा के आरोपों की गंभीरता समझ आने लगी। गिनती के बाद भाजपा प्रत्याशी आकाश सक्सेना की जीत के बाद यह आरोप और ज्यादा मुखर होकर उभरें।

आजम खान के समर्थकों का आरोप है कि पुलिस ने मतदान केंद्र तो छोड़िए लोगों को घर तक से नहीं निकलने दिया। हर 10 मिनट में मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में पुलिस की टुकड़ी डंडे फटकारने आ रही थी। पुलिस का उद्देश्य महिलाओं में आतंक फैलाना था, जिसमें वह काफी हद तक सफल भी हुई।

आज़म खान के घर से कुछ दूरी पर मौ कमर का घर है। घर में उनका बेटा उमर एक्सीडेंट में पैर की चोट की वजह से एक साल से बिस्तर पर होने के कारण चुनाव में हिस्सा लेने पोलिंग बूथ तो नहीं जा सका, लेकिन मतदान के अधिकार का प्रयोग करने पर पुलिस जो सबक यहां के लोगों की सीखा रही, उससे वह घर में रहकर भी वाकिफ है।

उमर के अनुसार “अब्बा घर के दरवाजे पर खड़े थे। अचानक पुलिस आई तो लोगों में भगदड़ मच गई। लोग भागने लगे, लेकिन अब्बा तो अपने घर के दरवाजे पर खड़े थे। वह भागकर क्यों और कहां जाते? लेकिन पुलिस ने इसके बाद भी उन्हें धक्का देकर गिराते हुए पीटना शुरू कर दिया, जिससे उनका हाथ टूट गया है। वह अभी अस्पताल में ही अपना इलाज करा रहे हैं।”

एक और युवक जो मतदान केंद्र पर वोट डालने गया, के अनुसार, पुलिस ने उस दिन पूरा तांडव मचा रखा था। मुस्लिम इलाके के मतदाताओं को पहले तो बूथ पर नहीं आने दिया। पुलिस ने गली-मोहल्लों में बैरिकेडिंग कर दी थी, जहां से मतदाताओं को निकलने नहीं दिया गया। जो मतदाता किसी तरह बूथ तक पहुंचे भी तो उन्हें बहुतों को यह कहकर लौटा दिया कि उनके पास उनकी पहचान सिद्ध करने का सही दस्तावेज नहीं है। मतदान पर्ची, वोटर आईडी या फिर आधार कार्ड तक से भी पुलिस मुसलमानों को वोट नहीं डालने दे रही थी। कुछ लोग कथित तौर पर अपने पासपोर्ट लेकर भी मतदान केंद्रों तक पहुंचे, लेकिन आरोप है कि उन्हें भी वोट नहीं डालने दिया जा रहा था।

सवाल है कि क्या एक विधायक के लिए ये सब हुआ? रामपुर विधानसभा के उपचुनाव में यदि सत्ताधारी भाजपा का प्रत्याशी हार भी जाता तो बहुमत की सरकार को तब भी कोई खतरा नहीं था। जनज्वार के इस लाख टके के सवाल का जवाब आज़म खान की आज तक की राजनीति में छिपा है। रामपुर रियासत के खिलाफ राजनीति के रंगमंच पर नमूदार हुए आज़म इस शहर से 10 बार विधायक रह चुके हैं। रामपुर के आवाम में नवाब परिवार का भरपूर सम्मान होने के बाद भी आज़म लोगों के बीच लोकप्रिय रहे हैं। हालांकि नवाब परिवार से भी जनप्रतिनिधि बनते रहे हैं। राजपरिवार के साथ राजनीतिक जंग के दौरान आज़म खान कई बार विवादास्पद बयानबाजी भी करते आए हैं, लेकिन पिछली सपा सरकार के दौरान रामपुर के लिए जौहर यूनिवर्सिटी की स्थापना करना शायद आज़म के लिए एक मुश्किल फैसला साबित हुआ।

इसी से सवाल ‘क्या एक विधायक के लिए ये सब हुआ?, जवाब नहीं में है। यह केवल एक विधानसभा सीट की बात नहीं थी, शायद आज़म के साम्राज्य को समाप्त करने का मिशन था। जिस तरह बीते दिनों आज़म, बकरी चोर, किताब चोर जैसे तमाम हास्यपद मुकदमों की जद में आते चले गए। इसके पीछे कुछ गुनाह उनकी खुद की बदजुबानी के चलते तो थे ही, शायद बेशुमार मुकदमे थोपकर उन्हें जेल में रखने के पीछे उनके कद को खत्म करना भी था। ऐसे में कुछ दिन पहले ही जेल से बाहर आए आज़म अगर सपा प्रत्याशी को ये चुनाव जीतवाने में सफल हो जाते तो रामपुर की राजनीति में फिर से अपनी प्रासंगिकता साबित करते हुए, अपने विरोधियों को पीछे हटने के लिए मजबूर कर देते। लेकिन अभी जब आज़म के पुत्र अब्दुल्लाह आज़म भी रामपुर की राजनीति में अपना दखल बनाए हुए हैं तो क्या आज़म का साम्राज्य इतनी आसानी से खत्म हो सकेगा, जवाब भविष्य के गर्भ में है?

ShareTweetSend
RK News

RK News

Related Posts

समाचार

गौतम अडानी टॉप 20 से भी हुए बाहर

February 3, 2023
समाचार

रामचरितमानस विवाद: आरजेडी- एसपी की मान्यता रद्द हो, वीएचपी की इलेक्शन कमिशन से मांग

February 2, 2023
समाचार

“28 महीने और लंबी लड़ाई के बाद..”: केरल के पत्रकार सिद्दिक कप्पन को मिली ज़मानत।

February 2, 2023
समाचार

Budget 2023:: जानू क्या हुआ सस्ता और महंगा

February 1, 2023
समाचार

New Income Tax Regime : जानें क्या है नया टैक्स स्लैब, 7 लाख से कम आय पर नहीं लगेगा इनकम टैक्स

February 1, 2023
समाचार

अदानी टॉप 10 अमीरों की लिस्ट से भी बाहर

January 31, 2023
Next Post
पीएम की अध्यक्षता वाले पैनल से चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति हो: कांग्रेस

पीएम की अध्यक्षता वाले पैनल से चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति हो: कांग्रेस

गुजरात: बीजेपी की शानदार जीत के बावजूद नहीं टूटा यह रिकॉर्ड

गुजरात: बीजेपी की शानदार जीत के बावजूद नहीं टूटा यह रिकॉर्ड

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recommended Stories

अमित शाह ने महंगाई पर कांग्रेस के प्रदर्शन को’ राम मंदिर’ से जोड़ दिया

अमित शाह ने महंगाई पर कांग्रेस के प्रदर्शन को’ राम मंदिर’ से जोड़ दिया

August 6, 2022

RRB-NTPC : छात्र हॉस्टलों पर पुलिस की छापेमारी ,खान सर समीर कई मशहूर कोचिंग सैंटरो के खिलाफ़ केस

January 27, 2022
अगर मगर के खेल में टीम इंडिया एशिया कप से बाहर

अगर मगर के खेल में टीम इंडिया एशिया कप से बाहर

September 8, 2022

Popular Stories

  • नूपुर को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, कहा- बयान के लिए टीवी पर पूरे देश से माफी मांगे

    नूपुर को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, कहा- बयान के लिए टीवी पर पूरे देश से माफी मांगे

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • दुआएं कुबूल, हल्द्वानी में नहीं चलेगा बुलडोजर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • खबरदार! धंस रहा है नैनीताल, तीन तरफ से पहाड़ियां दरकने की खबर, धरती में समा जाएगा शहर, अगर .…..!

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • मदरसों को बम से उड़ा दो, यति नरसिंहानंद का भड़काऊ बयान

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • यूपी में एक मदरसा ऐसा भी…. जिसके प्रिंसिपल एक पंडित जी

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • लाउडस्पीकर पर अजान से नहीं होता किसी के मौलिक अधिकार का उल्लंघनः हाई कोर्ट

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
Roznama Khabrein

The Roznama Khabrein advocates rule of law, human rights, minority rights, national interests, press freedom, and transparency on which the newspaper and newsportal has never compromised and will never compromise whatever the costs.

More... »

Recent Posts

  • गौतम अडानी टॉप 20 से भी हुए बाहर
  • रामचरितमानस विवाद: आरजेडी- एसपी की मान्यता रद्द हो, वीएचपी की इलेक्शन कमिशन से मांग
  • “28 महीने और लंबी लड़ाई के बाद..”: केरल के पत्रकार सिद्दिक कप्पन को मिली ज़मानत।

Categories

  • Uncategorized
  • अन्य
  • एजुकेशन
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • विचार
  • समाचार
  • हेट क्राइम

Quick Links

  • About Us
  • Support Us
  • Terms & Conditions
  • Privacy Policy
  • Grievance
  • Contact Us

© 2021 Roznama Khabrein Hindi

No Result
View All Result
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو

© 2021 Roznama Khabrein Hindi

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?