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Bihar voter list controversy: विपक्ष के विरोध पर election commission का यू-टर्न, अब यह कहा

RK News by RK News
June 30, 2025
Reading Time: 1 min read
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बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से तीन महीना पहले निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की शुरुआत की। लेकिन उसने सोमवार को नए नियमों पर स्पष्टीकरण जारी किया। आयोग ने पहले कहा था कि घर घर सत्यापन के दौरान लोगों को जन्म स्थान प्रमाणपत्र और जन्मतिथि का प्रमाण देना होगा। अपने पिता का भी जन्म स्थान प्रमाण देना होगा। यही सब शर्ते एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) में भी हैं। कांग्रेस, टीएमसी समेत तमाम विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया और कहा कि मोदी सरकार चुनाव आयोग के जरिए एनआरसी लाना चाहती है। चुनाव आयोग ने 30 जून सोमवार को आधिकारिक तौर पर कहा कि अब किसी प्रमाण को देने की जरूरत नहीं है।

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•••चुनाव आयोग ने किया कहा

आयोग का बयान है कि “2003 की मतदाता सूची में नामांकित 4.96 करोड़ मतदाताओं को कोई दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता नहीं है। इन 4.96 करोड़ मतदाताओं के बच्चों को अपने माता-पिता से संबंधित कोई अन्य दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता नहीं है।” कांग्रेस, टीएमसी, आरजेडी और वामपंथी दलों ने बिहार में विधानसभा चुनाव से ठीक तीन महीने पहले मतदाता सूची के चुनाव आयोग के ‘विशेष गहन पुनरीक्षण’ का विरोध किया है।बिहार के 38 जिलों में रविवार से 78,000 से अधिक बूथ-स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) ने 7.72 करोड़ मतदाताओं के सत्यापन के लिए घर-घर सर्वे शुरू किया है। यह प्रक्रिया अगले एक महीने तक चलेगी और इसका मकसद मतदाता सूची से अयोग्य नाम हटाना और सभी पात्र मतदाताओं को शामिल करना है। आयोग ने स्पष्ट किया कि यह “डी-नोवो” प्रक्रिया नहीं है, यानी मतदाता सूची को नए सिरे से नहीं बनाया जा रहा है।

•••नए और 2003 के बाद के मतदाताओं के लिए नियम
इससे पहले आयोग ने आधिकारिक तौर पर कहा था कि जिन मतदाताओं के नाम 2003 की सूची में नहीं हैं, उन्हें अपनी पात्रता साबित करने के लिए 11 सरकारी दस्तावेजों में से एक जमा करना होगा। इनमें जन्म प्रमाण पत्र, नागरिकता की स्थिति, या निवास का प्रमाण शामिल है। 1 जुलाई 1987 से पहले जन्मे लोगों को केवल अपनी जन्म तिथि/स्थान का प्रमाण देना होगा, जबकि 1987 से 2004 के बीच जन्मे लोगों को अपने और एक माता-पिता का, और 2004 के बाद जन्मे लोगों को अपने और दोनों माता-पिता का प्रमाण देना होगा। विपक्ष और कई जनसंगठनों ने इन्हीं नियमों पर आपत्ति की थी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बिहार में ‘महाराष्ट्र की मैच फिक्सिंग’ दोहराए जाने का डर जताया है। राहुल गांधी ने 7 जून को इंडियन एक्सप्रेस में लिखा था, “…क्योंकि महाराष्ट्र की यह मैच फिक्सिंग अब बिहार में भी दोहराई जाएगी और फिर वहां भी, जहां-जहां बीजेपी हार रही होगी।” राहुल गांधी ने महाराष्ट्र की मैच फिक्सिंग के बारे में और भी कई बातें लिखी थीं। उन्होंने बिहार के बारे में जो कही थी उसे अब पूरा विपक्ष कह रहा है। राहुल ने ‘चुनाव की चोरी का पूरा खेल!’ शीर्षक से अपने पोस्ट में लिखा था कि 2024 का महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लोकतंत्र में धांधली का ब्लूप्रिंट था। उन्होंने चुनाव आयोग की नियुक्ति करने वाले पैनल पर कब्जा का आरोप लगाया

Tags: bihar electionBihar voter list controversyelection commission
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