किशोरों से ज्यादा अब किशोरियां घरों से भाग रही हैं। किशोरियों को ज्यादा गुस्सा आ रहा है। किशोरी संरक्षण गृह के आंकड़े बताते हैं कि बालिकाओं के भागने के आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं। 9 से लेकर 14 वर्ष तक की बच्चियों के भागने की संख्या अकेले 60 प्रतिशत से ज्यादा है। बच्चियां छोटी छोटी बातों पर ही घर छोड़ दे रही है। कोई मोबाइल में रील देखने से रोकने पर घर से भाग रहा है तो कोई बात करने से रोकने पर। कुछ बच्चियां मोबाइल न देने की वजह से घर से भागी। संरक्षण गृह में बंद कई बच्चियां तो ऐसी आयी हैं जो बाहर अकेले जाने से रोकने की वजह से भाग निकलीं। किशोरी संरक्षण गृह की अधीक्षिका सफलता बताती हैं कि बच्चियां छोटी छोटी बातों पर गुस्सा करती हैं। वह कहती हैं कि कई बच्चियां तो ऐसी आयी हैं जो केवल इसलिए घरों से भागीं क्योंकि उन्हें मामा व फूफा के घर नहीं जाने दिया गया। कुछ एसी भी हैं जिनके माता पिता ने डांट दिया। भाई से झगड़ा हो गया। इसके बाद चुपछाप घर से निकल ली। फिर कहीं रेलवे स्टेशन पर पकड़ी गयीं तो कहीं बस स्टेशन व पार्क में। वह बताती हैं संरक्षण गृह में आने के बाद भी वह आसानी से अपने घरों को वापस जाने को तैयार नहीं होती हैं। इसके लिए उनकी काउन्सिलंग करायी जाती है। कुछ ऐसी भी हैं जिनके माता पिता भी उन्हें नहीं ले जाना चाहते हैं।
कुछ किशोरियां प्रेम सम्बंधों की वजह से भागीं। ऐसी किशोरियों को उनके माता पिता ले नहीं जाना है। करीब 134 किशोरियां घरों को वापस जाने के बाद फिर से भागीं। इस वजह से उनके माता पिता इन्हें वापस घर नहीं ले जाना चाहते हैं।
अप्रैल 2024 से मार्च 2025 तक 831 किशोरियों को उनके घर भेजा गया
पिछले वित्तीय वर्ष में विभाग के अधिकारियों ने 831 लड़कियों को उनके घर वापस भेजा। कुछ को बालिग होने के बाद महिला संरक्षण गृह भेजा गया। यह भी जाने को तैयार नहीं थी। लेकिन इन्हें व इनके माता पिता को समझाया बुझाया गया। उनकी काउन्सिलिंग करायी गयी। अभी भी 195 लड़कियां किशोरी संरक्षण गृह में रह रही हैं। इसमें भी कुछ ऐसी हैं जो जाने को तैयार नहीं हैं। कुछ के माता पिता नहीं ले जाना चाहते हैं। उनके माता पिता अधिकारियों से कहते हैं कि अगर घर लाएंगे तो वह फिर से झगड़े करेगी और भाग जाएगी। संरक्षण गृह में वह ज्यादा सुरक्षित रहेगी।लखनऊ डीपीओ विकास सिंह ने बताया कि छोटी छोटी बातों से लड़कियां घरों से भाग रही हैं। 80 से 100 लड़कियां हर महीने घरों से भाग रही हैं। ज्यादा संख्या होने की वजह से किशोरी संरक्षण गृह में जगह ही नहीं बची है। अब नए किशोरी संरक्षण गृह बनाने की जरुरत है। दिनों दिन संख्या बढ़ती जा रही है। आभार:हिन्दुस्तान