आगरा में करणी सेना ने खुले आम तलवारें लहराकर अपनी रैली निकाली। पुलिस मौजूद थी लेकिन उसने कोई कार्रवाई नहीं की। यह रैली सपा सांसद डॉ रामजी लाल सुमन के खिलाफ निकाली गई। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी की कानून व्यवस्था पर तल्ख टिप्पणी की थी।
रैली 12 अप्रैल को राणा सांगा के जन्मदिन पर आगरा आयोजित की गई थी, जिसमें करणी सेना के हजारों लोग शामिल हुए थे। समाजवादी पार्टी के दलित सांसद रामजी सुमन पर दवाब बनाने के लिए करणी सेना ने यह रैली आयोजित की थी। सेना ने इसके लिए “एक डंडा–एक झंडा” का नारा दिया था, यानि इसमें शामिल होने वालों को एक डंडा और झण्डा साथ लेकर आना था पर लोग डंडे तक ही नहीं रुके। बाक़ी हथियार भी साथ ले आए। आप साफ देख सकते हैं किस तरह लोग तलवार और डंडे लहरा रहे हैं।
सबसे ज़रूरी बात, पुलिस के सामने ही यह सब हुआ, लेकिन पुलिस बेबस दिखी। हालांकि यहाँ काफी पुलिसकर्मी और पीएसी की बटालियन शामिल थीं फिर भी पुलिस भीड़ को नियंत्रित नहीं कर पाई। एडिशनल कमिश्नर सहित कई बड़े अधिकारी मौके पर पहुंचे थे। करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने उन्हें देखकर डंडे लहराए और नारेबाजी की। इसके बाद पुलिस को पीछे हटना पड़ा। इस कथित शक्ति प्रदर्शन के जरिए करणी सेना के लोग लगातार दबाव बनाने की कोशिश कर रहे थे कि रामजी सुमन पर कार्रवाई हो क्योंकि रामजी सुमन ने राणा सांगा पर एक बयान दिया था। इस रैली में उत्तेजित भीड़ लगातार नारेबाजी कर रही थी। पुलिस के पहुँचने पर भीड़ और भी आक्रामक हो गई थी।
करणी सेना के लोगों ने खुलेआम तलवारें तो लहराई ही लेकिन उनके एक नेता ने सपा प्रमुख और प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव को जान से मारने की धमकी दी है। उसकी धमकी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। जिसे आप यहां देख सकते हैं।
राणा सांगा की जयंती के बहाने ज़ोर आजमाने का सिलसिला सांसद रामजी लाल सुमन के एक बयान के बाद शुरू हुआ है। सपा सांसद रामजी लाल सुमन ने कुछ इतिहासकारों का हवाला देते हुए कहा था कि राणा सांगा ने बाबर को बुलाया था। इसके बाद करणी सेना के लोग भड़क गये थे। 26 मार्च, 2025 को, करणी सेना के लोगों ने रामजी सुमन के आगर स्थित घर पर हमला किया था। उन्होंने सुमन के घर पर पथराव किया। कारें तोड़ीं, खिड़कियां तोड़ दीं, और कुर्सियां तोड़ डालीं। इस घटना में एक पुलिसकर्मी भी घायल हुआ।
इस घटना की चारों ओर आलोचना हुई थी। समाजवादी पार्टी ने इसे दलित समुदाय पर हमला बताया। रामजी लाल सुमन ने राणा सांगा पर दिए अपने बयान के बाद माफी मांगते हुए कहा भी था कि उनका उद्देश्य किसी की भावना को चोट पहुंचाना नहीं था। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने करणी सेना को भाजपा से जुड़ा संगठन बताया था। करणी सेना इस पर भी शांत नहीं हुई। उसके बाद से करणी सेना लगातार रामजी लाल सुमन के खिलाफ़ कार्रवाई की मांग कर रही है। इस रैली में भी वही मांग उठाई गई है। आभार: सत्य हिंदी