इसराइल में नौकरी करने के लिए हरियाणा सरकार ने दस हज़ार लोगों के लिए भर्ती निकाली है.
यह पहली बार है जब राज्य सरकार की कंपनी ‘हरियाणा कौशल रोज़गार निगम’ लोगों को विदेश में काम करने का मौका उपलब्ध करवा रही है.
कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर दुबई में सिक्योरिटी गार्ड, यूके में स्टाफ़ नर्स और इसराइल के लिए कंस्ट्रक्शन सेक्टर में नौकरियों के लिए आवेदन मांगे हैं.
इन तीन देशों में सबसे ख़ास इसराइल है, क्योंकि यहां के लिए ‘हरियाणा कौशल रोज़गार निगम’ ने 10 हज़ार भर्तियां निकाली हैं, जबकि बाक़ी के दो देशों में नौकरी के लिए महज़ 170 लोगों को चुना जाएगा.
इसराइल में नौकरी करने के लिए कंपनी ने कंस्ट्रक्शन सेक्टर में चार अलग-अलग पदों के लिए वैकेंसी निकाली है.
7 अक्टूबर को इसराइल पर हमास ने हमला किया था, इसके बाद से ग़ज़ा, इसराइल के निशाने पर है. हमास संचालित ग़ज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक इस युद्ध में ग़ज़ा में मरने वालों की संख्या 18 हज़ार के पार पहुंच गई है, लेकिन युद्ध कब रुकेगा, ये फ़िलहाल किसी को नहीं पता.
पिछले दो महीने से जारी इस युद्ध के शुरू में ही इसराइल ने अपने यहां से काम करने वाले फ़लस्तीनियों के वर्क परमिट रद्द कर दिए थे, जिसके चलते उसे मैन पॉवर की कमी का सामना करना पड़ रहा है.
अनुमान के मुताबिक इसराइल को करीब एक लाख कामगारों की ज़रूरत है, जिसे पूरा करने के लिए वह भारत की तरफ़ देख रहा है.
इसी ज़रूरत को पूरा करने के लिए हरियाणा कौशल रोज़गार निगम, कंस्ट्रक्शन सेक्टर में अनुभवी लोगों से आवेदन मांग रहा है, लेकिन यहां कुछ ज़रूरी शर्तें भी हैं.
कॉन्ट्रैक्ट कितने समय का होगा? रहने की व्यवस्था क्या होगी? मेडिकल इंश्योरेंस मिलेगा या नहीं? क्या हरियाणा के बाहर का व्यक्ति इस नौकरी के लिए आवेदन दे सकता है? ऐसे तमाम सवाल हैं, जिनके जवाब जानना ज़रूरी है.
इस नौकरी में पैसा कितना मिलेगा? इस पर बात करने से पहले इसराइल में जाकर काम क्या करना होगा? उसकी बात करते हैं.
क्या काम करना होगा
हरियाणा कौशल रोज़गार निगम के मुताबिक चार तरह की नौकरियों के लिए कोई व्यक्ति आवेदन कर सकता है.इसमें ‘फ्रेमवर्क, शटरिंग कारपेंटर’, ‘आयरन बेंडिंग’, ‘सेरेमिक टाइल’ और ‘प्लास्टिरिंग’ शामिल है.
विज्ञापन के मुताबिक ‘फ्रेमवर्क, शटरिंग कारपेंटर’ और ‘आयरन बेंडिंग’ के लिए 3-3 हज़ार, ‘सेरेमिक टाइल’ और ‘प्लास्टिरिंग’ का काम करने के लिए 2-2 हज़ार लोगों की ज़रूरत है.
नौकरी के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति के पास कम से कम तीन साल का अनुभव और दसवीं तक की पढ़ाई होनी चाहिए.
इन नौकरियों के लिए उम्र सीमा को 25 से 45 साल रखा गया है. इसके अलावा चयनित व्यक्ति ज़्यादा से ज़्यादा पांच साल तक इसराइल में काम कर सकता है, लेकिन हर साल उसका वर्क वीज़ा बढ़ाया जाएगा.
ख़ास बात यह है कि विज्ञापन में इन नौकरियों को करने के लिए इंग्लिश भाषा को अनिवार्य नहीं रखा गया है.
हरियाणा कौशल रोज़गार निगम की सचिव पल्लवी संधीर के पास कंपनी में प्राइवेट और ओवरसीज़ नौकरियों की ज़िम्मेदारी है.
बीबीसी से बातचीत में उन्होंने बताया, “यह पहली बार है जब हमने विदेश में नौकरी करने के लिए लोगों से आवेदन मांगा है. अभी तक हमारे पास इसराइल में काम करने के लिए 800, यूके के लिए 300 और दुबई में सिक्योरिटी गार्ड का काम करने के लिए 700 आवेदन आए हैं.”इसराइल में नौकरी के लिए आवेदन करने की आखिरी तारीख़ 20 दिसंबर है.
कितना पैसा मिलेगा?
हरियाणा कौशल रोज़गार निगम के मुताबिक ऑफलाइन इंटरव्यू के आधार पर इन नौकरियों के लिए लोगों का चयन किया जाएगा.
विज्ञापन के मुताबिक इसराइल में नौकरी पाने वाले व्यक्ति को दिन में 9 घंटे और महीने में 26 दिन काम करना होगा. व्यक्ति को काम से अगर छुट्टी लेनी है तो वह इसराइली लेबर क़ानूनों के तहत वहां की कंपनी देगी.
नौकरी करने वाले व्यक्ति को हर महीने 6100 इसराइली न्यू शेकेल करेंसी मिलेगी, जो भारतीय रुपये में करीब 1 लाख 38 हज़ार रुपये बनती है.
इसके अलावा नौकरी करने वाले व्यक्ति के लिए मेडिकल इंश्योरेंस और आवास की व्यवस्था भी रहेगी, लेकिन उसका पैसा व्यक्ति को अपनी जेब से देना होगा.
विज्ञापन के मुताबिक मेडिकल इंश्योरेंस के लिए करीब तीन हज़ार और आवास के लिए प्रति महीना करीब दस हज़ार रुपये तक देना पड़ सकता है.
ध्यान देने वाली बात यहां यह है कि हर महीने मिलने वाला पैसा व्यक्ति के बैंक अकाउंट में जमा होगा और उसे यह पैसा एकमुश्त, ब्याज समेत तभी दिया जाएगा, जब वह कॉन्ट्रैक्ट पूरा होने के बाद इसराइल को छोड़ देगा.
इसका मतलब है कि इसराइल में नौकरी करने वाले को हर महीने पैसा नहीं मिलेगा. इसके अलावा नौकरी करने वाले व्यक्ति को खाने-पीने का ध्यान खुद ही रखना होगा.
ध्यान देने वाली बात यहां यह है कि हर महीने मिलने वाला पैसा व्यक्ति के बैंक अकाउंट में जमा होगा और उसे यह पैसा एकमुश्त, ब्याज समेत तभी दिया जाएगा, जब वह कॉन्ट्रैक्ट पूरा होने के बाद इसराइल को छोड़ देगा.
इसका मतलब है कि इसराइल में नौकरी करने वाले को हर महीने पैसा नहीं मिलेगा. इसके अलावा नौकरी करने वाले व्यक्ति को खाने-पीने का ध्यान खुद ही रखना होगा.( साभार BBC हिन्दी)