नई दिल्ली: चुनाव सर्वेक्षण और प्रबंधन का काम देखने वाले दो लोग इन दिनों चर्चा में हैं। प्रशांत किशोर के चुनाव प्रबंधन का काम छोड़ने और सक्रिय राजनीति में उतरने के बाद उनके साथ काम कर चुके दो लोगों- सुनील कनुगोलू और संदीप पाठक पर सबकी नजर है।
सुनील कनुगोलू कांग्रेस के लिए काम कर रहे हैं और संदीप पाठक आम आदमी पार्टी के लिए। दोनों एक जैसे काम के विशेषज्ञ हैं लेकिन दोनों की स्थिति में जमीन आसमान का फर्क है।
आप ने संदीप पाठक के हवाले पूरा चुनाव छोड़ा है, जबकि कांग्रेस में सुनील कनुगोलू एक राज्य के चुनाव में उलझे हैं और वहां भी पार्टी के नेता ज्यादातर मामलों में अपनी चलाते हैं।
पाठक को आम आदमी पार्टी ने राष्ट्रीय संगठन महासचिव बनाया है। उनक पद भाजपा के संगठन महामंत्री या कांग्रेस के संगठन महासचिव की तरह कर दिया गया है।
साथ ही उनको पार्टी की राजनीतिक मामलों की समित, पीएसी का स्थायी सदस्य बना दिया गया है। उनको राज्यसभा में भी भेजा गया है और उनकी हैसियत अरविंद केजरीवाल के बाद नंबर दो नेता की हो गई है।
इसके उलट सुनील कनुगोलू को कांग्रेस ने कर्नाटक के चुनाव में लगाया है, जहां वे सिर्फ डाटा का विश्लेषण करने जैसे क्लर्क वाले काम कर रहे हैं। कांग्रेस के साथ मुश्किल यह है कि प्रशांत किशोर भी उसके पास गए थे लेकिन पार्टी ने उन पर भी भरोसा नहीं किया और अब वहीं स्थिति कनुगोलू की भी है।
इसके उलट आप को पाठक पर पूरा भरोसा है। मुद्दों की पहचान करने से लेकर नेता और उम्मीदवार की पहचान तक का काम वे और उनकी टीम कर रहे हैं।