Roznama Khabrein
No Result
View All Result
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو
اردو
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو
No Result
View All Result
No Result
View All Result
Home समाचार

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली दंगों की साजिश मामले में तीन छात्र नेताओं को मिली जमानत के खिलाफ दिल्ली पुलिस की चुनौती खारिज की

RK News by RK News
May 2, 2023
Reading Time: 1 min read
0

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली पुलिस की उस विशेष याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें दिल्ली दंगों की साजिश मामले में स्टूडेंट एक्टिविस्ट देवांगना कलिता, नताशा नरवाल और आसिफ इकबाल तन्हा को दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा दी गई जमानत को चुनौती दी गई थी। जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने अपने आदेश में कहा, “हमें इस मामले को जीवित रखने का कोई कारण नहीं मिला।” पीठ ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट किया कि आरोपी को जमानत देते समय गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के प्रावधानों के लिए दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा दी गई व्याख्या की शुद्धता पर ध्यान नहीं दिया गया है।
पीठ ने अपने आदेश में कहा , “हम मामले के संबंध में किसी भी तरह से कानूनी स्थिति में नहीं गए हैं।” भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दिल्ली पुलिस की ओर से पेश होकर पीठ के समक्ष विशेष रूप से यह स्पष्ट करने के लिए जोर दिया कि हाईकोर्ट के आदेश को एक मिसाल के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। जस्टिस कौल ने जवाब दिया कि बेंच पहले ही आदेश में यह नोट कर चुकी है कि 18 जून 2021 को दिल्ली पुलिस की याचिका में नोटिस जारी करते हुए तत्कालीन बेंच ने कहा था कि आदेश को मिसाल के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। हालांकि, एसजी ने अनुरोध किया कि आदेश को उस प्रभाव के लिए अधिक स्पष्ट और विशिष्ट विवरण देना चाहिए।
जस्टिस कौल ने जवाब दिया कि आदेश में पहले से ही इस आशय की टिप्पणियां हैं। खंडपीठ द्वारा निर्धारित आदेश इस प्रकार है: “दिया गया आदेश यूएपीए अधिनियम के प्रावधानों की व्याख्या करते हुए जमानत पर एक अत्यंत विस्तृत आदेश है। हमारे विचार में केवल एक ही मुद्दे की जांच की जानी है कि क्या तथ्यात्मक परिदृश्य में आरोपी को जमानत दी जानी चाहिए या नहीं। नोटिस जारी करते समय हमने देखा कि विवादित निर्णय एक मिसाल के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। जमानत मामले में कानून को लागू करने के लिए फैसले के इस्तेमाल के खिलाफ राज्य की रक्षा करने का विचार था। अभियुक्तों को जमानत पर रिहा कर दिया गया है। हमें इस मामले को जीवित रखने का कोई कारण नहीं मिला। सह-अभियुक्तों में से एक ने अपने आवेदन में…. यह प्रस्तुत करते कि हमारा अवलोकन समनता पर जमानत मांगने के रास्ते में आ रहा था। यदि सह-आरोपी समानता की याचिका का हकदार है तो यह उसके लिए और अदालत के लिए है विचार करें… हम मामले के संबंध में किसी भी तरह से कानूनी स्थिति में नहीं गए हैं।”

RELATED POSTS

ये छोटा सा मुद्दा नेतन्याहू के गले की फांस बन गया, कभी भी गिर सकती है सरकार!

पाकिस्तान की गुहार के बाद सैन्य कार्रवाई सिर्फ स्थगित, फिर हमला हुआ तो मुंहतोड़ जवाब देंगे…’, आदमपुर में गरजे पीएम

ट्रंप ने भारत पर लगाया 25% का टैरिफ, शैयर मार्केट क्रश, देश जवाबी कार्रवाई की तैयारी में

courtesy:livelaw

ShareTweetSend
RK News

RK News

Related Posts

समाचार

ये छोटा सा मुद्दा नेतन्याहू के गले की फांस बन गया, कभी भी गिर सकती है सरकार!

May 13, 2025
समाचार

पाकिस्तान की गुहार के बाद सैन्य कार्रवाई सिर्फ स्थगित, फिर हमला हुआ तो मुंहतोड़ जवाब देंगे…’, आदमपुर में गरजे पीएम

May 13, 2025
समाचार

ट्रंप ने भारत पर लगाया 25% का टैरिफ, शैयर मार्केट क्रश, देश जवाबी कार्रवाई की तैयारी में

May 13, 2025
समाचार

नेपाल बॉर्डर से सटे जिलों में चला बुलडोजर, 350 से ज्यादा ‘अवैध’ धार्मिक स्थलों पर कार्रवाई

May 13, 2025
समाचार

वक्फ संशोधन कानून को लेकर अब सुप्रीम कोर्ट में 15 मई को अगली सुनवाई

May 5, 2025
समाचार

नासिक में’अनधिकृत’ दरगाह पर चला बुल्डोजर, हुआ बवाल;भीड़-पुलिस की भिड़ंत, 15 हिरासत में

April 16, 2025
Next Post

आपको वही मिलता है जिसके आप हकदार हैं...': नवीन-उल-हक ने विस्फोटक इंस्टाग्राम पोस्ट के साथ विराट कोहली पर किया पलटवार

Defamation Case: राहुल गांधी को गुजरात हाई कोर्ट से अंतरिम राहत नहीं, मानहानि केस में फैसला सुरक्षित रखा

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recommended Stories

“नूपुर की जुबान काटकर लाने पर एक करोड़ का इनाम”। भीम सेना का भड़काऊ बयान

“नूपुर की जुबान काटकर लाने पर एक करोड़ का इनाम”। भीम सेना का भड़काऊ बयान

June 9, 2022

पहलवानों के खिलाफ दंगा करने समेत कई धाराओं में मामला दर्ज, धरने की अनुमति नहीं

May 29, 2023
भाजपा के और राष्ट्रवाद के मुकाबले मंडल की राजनीति

भाजपा के और राष्ट्रवाद के मुकाबले मंडल की राजनीति

August 13, 2022

Popular Stories

  • मेवात के नूह में तनाव, 3 दिन इंटरनेट सेवा बंद, 600 परFIR

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • कौन हैं जामिया मिलिया इस्लामिया के नए चांसलर डॉक्टर सैय्यदना सैफुद्दीन?

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • NCERT Recruitment 2023 में नौकरी पाने का जबरदस्त मौका, कल से शुरू होगा आवेदन, जानें तमाम डिटेल

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • नूपुर को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, कहा- बयान के लिए टीवी पर पूरे देश से माफी मांगे

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • दुआएं कुबूल, हल्द्वानी में नहीं चलेगा बुलडोजर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • वक्फ बिल:मुसलमानों का विरोध देखते हुए JDU ने पलटी मारी’ TDP भी बिल के विरोध मे उत्तरी

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
Roznama Khabrein

The Roznama Khabrein advocates rule of law, human rights, minority rights, national interests, press freedom, and transparency on which the newspaper and newsportal has never compromised and will never compromise whatever the costs.

More... »

Recent Posts

  • ये छोटा सा मुद्दा नेतन्याहू के गले की फांस बन गया, कभी भी गिर सकती है सरकार!
  • पाकिस्तान की गुहार के बाद सैन्य कार्रवाई सिर्फ स्थगित, फिर हमला हुआ तो मुंहतोड़ जवाब देंगे…’, आदमपुर में गरजे पीएम
  • ट्रंप ने भारत पर लगाया 25% का टैरिफ, शैयर मार्केट क्रश, देश जवाबी कार्रवाई की तैयारी में

Categories

  • Uncategorized
  • अन्य
  • एजुकेशन
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • विचार
  • समाचार
  • हेट क्राइम

Quick Links

  • About Us
  • Support Us
  • Terms & Conditions
  • Privacy Policy
  • Grievance
  • Contact Us

© 2021 Roznama Khabrein Hindi

No Result
View All Result
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو

© 2021 Roznama Khabrein Hindi