देवबंद:
दिल्ली हाईकोर्ट ने मुल्क में यूनीफार्म सिवल कोड लागू करने को वक़्त की ज़रूरत क़रार देते हुए मर्कज़ी हुकूमत से इस सिलसिला में आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया है। इस सिलसिला में अज़ीम दीनी दानिश गाह दार-उल-उलूम देवबंद के मुहतमिम मुफ़्ती अबुलक़ासिम नाोमानी ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि हमारे देश में विभिन्न रंग और नस्ल और विभिन्न वर्ग और धर्म के लोग रहते हैं, इसलिए यहां यूनीफार्म सिवल कोड लागू करने से आसानीयां नहीं बल्कि मुश्किलें पैदा होंगी।
दारुल उलूम देवबंद के मुहतमिम मुफ़्ती अबुलक़ासिम नाोमानी ने कहा कि ये अदालत का फ़ैसला है इस पर हम ज़्यादा कुछ नहीं कह सकते हैं, लेकिन इतना ज़रूर कह देना चाहते हैं हमारे मुल्क में यूनीफार्म सिवल लागू करना कोई आसान काम नहीं है, क्योंकि यहां विभिन्न रंग और नस्ल और विभिन्न वर्ग और धर्म के लोग रहते हैं,ऐसे में यहां यूनीफार्म सिवल कोड लागू करने से आसानीयां नहीं बल्कि मुश्किलें बढ़ेंगी और इस से देश की एकता को गहरा धचका लुकेगा।
वहीं फ़तवा ऑनलाइन के चेयरमैन मुफ़्ती अरशद फ़ारूक़ी ने भी कोर्ट के इस फ़ैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यूनीफार्म सिवल कोड देश का कोई भी वर्ग स्वीकार नहीं करेगा,क्योंकि इस मुल्क में मुख़्तलिफ़ तबक़ात के लोग रहते हैं ,ऐसी सूरत यहां यूनीफार्म सिवल कोड नाफ़िज़ करने से आसानीयां पैदा नहीं होंगी बल्कि मुश्किलें बढ़ेंगी। दिल्ली हाइकोर्ट ने मज़कूरा फ़ैसला बहुसंख्यक समुदाय के एक जोड़े के तलाक़ के मामले में सुनवाई करते हुए था।