नई दिल्ली:बिलकिस बानो केस में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा – यह जाहिर है कि वे नहीं चाहते कि हम इस मामले को सुनें। 2002 की दंगा पीड़ित बिलकिस बानो की याचिका पर मंगलवार को अदालत ने सुनवाई स्थगित कर दी गई। यह याचिका गुजरात सरकार द्वारा गैंगरेप और हत्या के लिए उम्रकैद की सजा पाए 11 लोगों को रिहा करने के खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस के. एम. जोसेफ और बी. वी. नागरत्ना की बेंच मामले की सुनवाई कर रही है। दरअसल, कोर्ट इस बात पर नाराज नजर आई कि प्रतिवादी इस मामले को लटकाने के लिए तरह-तरह के रोड़े अटका रहे हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक जस्टिस जोसेफ की टिप्पणी कुछ दोषियों के वकीलों द्वारा प्रक्रियात्मक (प्रोसेस संबंधी) मुद्दों को उठान पर आई। उन वकीलों ने कोर्ट में कहा कि मामले में अभी तक नोटिस नहीं दिया गया है। वकीलों ने बिलकिस पर अदालत में “गंभीर धोखाधड़ी” करने का आरोप लगाया।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक जस्टिस के.एम. जोसेफ ने कहा – “मुझे लगता है कि यह आपके लिए स्पष्ट होना चाहिए कि क्या हो रहा है … मेरे लिए समस्या यह है कि मैं 16 जून को रिटायर हो रहा हूं … यह स्पष्ट है कि वे नहीं चाहते कि हम इस मामले को सुनें … यह स्पष्ट से अधिक है।”
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाओं पर अगली सुनवाई 9 मई को होगी, लेकिन केवल यह तय करने के लिए होगी कि हाउसकीपिंग की औपचारिकताएं पूरी हो गई हैं या नहीं।अदालत ने कहा कि मामले की सुनवाई अवकाश के बाद हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट का ग्रीष्मकालीन अवकाश 20 मई से शुरू हो रहा है।