आर राजगोपालन द प्रिंट में लिखते हैं कि बीजेपी की नयी रणनीति मुसलमानों और ईसाईयों को लुभाने की है. केरल में अनिल एंटनी को अपनी पार्टी में शामिल करना और यूपी में अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. तारिक को विधानपरिषद में भेजना दो महत्वपूर्ण घटनाएं हैं. इससे पता चलता है कि 2024 में बीजेपी अपनी रणनीति में परिवर्तन करने जा रही है.
पीएम मोदी ने अपने भाषण से अल्पसंख्यक ईसाइयों का दिल जीता है. पूर्वोत्तर इसका उदाहरण है. तीन महत्वपूर्ण बातों को याद किया जा सकता है.
केरल के ईसाइयों को पीएम मोदी ने स्पष्ट संकेत दिया कि बीजेपी बदल रही है. वेटिकन सिटी में पोप से मुलाकात दूसरी बड़ी घटना रही. हैदराबाद में हुई बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पीएम मोदी ने पसमंदा मुसलमानों की आवाज बनने की बात कही थी.
इसके अलावा गुलाम नबी आजाद जैसे कांग्रेस छोड़ चुके नेताओं के बयान भी बीजेपी को अल्पसंख्यकों तक पहुंचाने में मद कर रहे हैं. यूपी में बीजेपी पहली ऐसी पार्टी बन गयी है जिसने सबसे ज्यादा मुसलमानों को विधानपरिषद भेजा है. पद्म श्री राशिद अहमद कादरी का वह वीडियो भी उल्लेखनीय है, जिसमें वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि नरेंद्र मोदी उन्हें यह सम्मान देंगे. मगर, उनकी धारणा गलत साबित हुई.
यह लेखक के निजी विचार हैं।
(आभार: द प्रिंट)