नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि सीता के बिना भगवान राम का नाम अधूरा है। राहुल ने कहा कि जय सियाराम का मतलब है जय सीता-जय राम। उन्होंने कहा कि सीता और राम एक ही हैं इसलिए सही नारा है जय सियाराम या जय सीताराम।
राहुल गांधी इन दिनों अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मध्य प्रदेश में हैं। इस दौरान आयोजित एक सभा में उन्होंने यह बयान दिया। रविवार शाम को यह यात्रा पड़ोसी राज्य राजस्थान में प्रवेश कर जाएगी।
राहुल ने कहा, “भगवान राम सीता के लिए लड़े और जब हम जय सियाराम कहते हैं तो हम सीता को याद करते हैं और समाज में जो सीता की जगह होनी चाहिए उसका आदर करते हैं।” इसलिए बीजेपी और आरएसएस के लोगों को जय श्री राम के साथ ही जय सियाराम और हे राम भी कहना चाहिए।
राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी और आरएसएस के लोग जिस भावना से राम ने अपनी जिंदगी जी, उस भावना से जिंदगी नहीं जीते हैं। राहुल ने कहा कि भगवान राम ने किसी के साथ अन्याय नहीं किया और उन्होंने समाज को जोड़ने का काम किया। राम ने सभी को इज्जत दी, किसानों, मजदूरों, व्यापारियों की सबकी मदद की, जो उनकी भावना थी, जो उनके जीने का तरीका था उसे बीजेपी के और आरएसएस के लोग नहीं अपनाते हैं।
केरल के वायनाड से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि आरएसएस के लोग जय सियाराम तो कह ही नहीं सकते क्योंकि उनके संगठन में एक भी महिला नहीं है।
राहुल गांधी ने पिछले साल भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर हमला बोलते हुए कहा था कि वह अब इस संगठन से संबंधित संगठनों को संघ परिवार नहीं कहेंगे क्योंकि परिवार में महिलाएं होती हैं, करुणा और स्नेह की भावना होती है जो इस संगठन में नहीं है।
राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में भगवान शिव की पूजा की थी और ज्योतिर्लिंग पर अभिषेक भी किया था। इस दौरान उनके मंदिर में दंडवत होने की तस्वीर ने भी सोशल मीडिया पर जमकर सुर्खियां बटोरी थी। वह अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मस्जिद और गुरुद्वारों में भी जा चुके हैं।
राहुल गांधी ने 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले लगातार कई मंदिरों का दौरा किया था और तब इसे कांग्रेस पार्टी का सॉफ्ट हिंदुत्व की दिशा में एक बड़ा कदम कहा गया था।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी सॉफ्ट हिंदुत्व को लेकर काफी चर्चित रहे हैं। कमलनाथ ने इस साल बड़े पैमाने पर रामनवमी और हनुमान जयंती का कार्यक्रम मनाया था। हनुमान जयंती वाले दिन राम कथा, रामलीला और भगवान राम की पूजा-अर्चना के सार्वजनिक आयोजन किए गए थे।