दिल्ली में भाजपा की एक पोस्टर प्रदर्शनी चर्चा का विषय बनी हुई है। इसे भ्रष्टाचार के तीस मार खान नाम दिया गया है। इसमें आप प्रमुख केजरीवाल से लेकर मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन आदि के कथित करप्शन वाले आरोपों को आधार बनाया गया है। दूसरी तरफ आप ने सोशल मीडिया पर केजरीवाल को हिन्दू समर्थक बताने के लिए अभियान छेड़ दिया है। जाहिर सी बात है कि ये सब पैसे के दम पर किया जा रहा है। यानी विज्ञापनों पर दोनों दल चुनाव से पहले ही जमकर पैसा लुटा रहे हैं। आप का ये सोशल मीडिया पोस्टर देखिएः
केजरीवाल ने सोमवार को मंदिरों के पुजारियों के लिए और गुरुद्वारों के ग्रंथियों के लिए 18000 रुपये हर महीने सैलरी देने की घोषणा की थी। हालांकि ये सैलरी तभी मिलेगी, जब आप दिल्ली में फिर से सरकार बना लेगी। भाजपा ने केजरीवाल को फर्जी हिन्दू साबित करने के लिए फौरन ही एक पोस्टर जारी कर दिया। उस पोस्टर में बताया गया है कि केजरीवाल सिर्फ चुनाव के समय हिन्दू बनते हैं।
दोनों पोस्टर महज बानगी भर है। इसमें आप थोड़ा ज्यादा क्रिएटिव है। उसके विज्ञापन सोशल मीडिया से लेकर दिल्ली की सड़कों, गलियों और पब्लिक ट्रांसपोर्ट में छाये हुए हैं। इसी तरह बीजेपी का भी अभियान बेहद आक्रामक ढंग से जारी है।
हाल ही में दोनों दलों ने लोकप्रिय फिल्म पुष्पा 2 के संवाद को खूब भुनाया था। आप ने ‘केजरीवाल झुकेगा नहीं’ (पुष्पा 2 फिल्म से प्रेरित संवाद) शीर्षक से अपना एक पोस्टर जारी किया, जिसमें पार्टी प्रमुख को फिल्म के नायक के रूप में आप के चुनाव चिह्न ‘झाड़ू’ को कंधे पर उठाए देखा गया था। जवाब में, भाजपा ने प्रचार पोस्टर जारी किया, जिसमें प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा पुष्पा के रूप में सिंहासन पर बैठे थे और पोस्टर पर लिखा था, ‘भ्रष्टाचारियों को खत्म करेंगे।’
विज्ञापन एजेंसियों और उस क्षेत्र में काम करने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि दोनों ही दल कम से कम करीब 200 करोड़ रुपये विज्ञापनों पर इस चुनाव में खर्च करने वाले हैं। आप इन विज्ञापनों में लीड कर रही है। जबकि भाजपा बड़े पैमाने पर होर्डिंग्स और ट्रांजिट विज्ञापनों पर केंद्रित कर रही है। ओओएच (घर से बाहर) विज्ञापन रणनीति में मेट्रो पैनल, स्ट्रीट फ़र्नीचर और डिजिटल होर्डिंग को दोनों दल महत्व दे रहे हैं। इन सब के बीच कांग्रेस भी अपनी उपस्थिति तमाम तरीकों से दिखा रही है लेकिन उसका विज्ञापन कैंपेन अभी नजर नहीं आ रहा है।
रोहित चोपड़ा, सीओओ, टाइम्स ओओएच का अनुमान है कि हर पार्टी ने दो महीने की चुनाव अवधि के दौरान अपने ओओएच अभियानों के लिए कम से कम 10 करोड़ रुपये का बजट रखा है। भाजपा के अभियान की रणनीति मैककैन वर्ल्ड ग्रुप और स्केयरक्रो एम एंड सी साची जैसी एजेंसियां तैयार कर रही हैं। सूचना तो यह भी है कि कांग्रेस ने अपने प्रचार के लिए डीडीबी मुद्रा की सेवाएं ली हैं। आप ने घोषित रूप से आईपीएसी के साथ साझेदारी की है। हालांकि आप के पास अपनी क्रिएटिव टीम भी है जो इस तरह की रणनीति को अंतिम रूप दे रही है।विज्ञापन एजेंसियों और उस क्षेत्र में काम करने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि दोनों ही दल कम से कम करीब 200 करोड़ रुपये विज्ञापनों पर इस चुनाव में खर्च करने वाले हैं। आप इन विज्ञापनों में लीड कर रही है। जबकि भाजपा बड़े पैमाने पर होर्डिंग्स और ट्रांजिट विज्ञापनों पर केंद्रित कर रही है। ओओएच (घर से बाहर) विज्ञापन रणनीति में मेट्रो पैनल, स्ट्रीट फ़र्नीचर और डिजिटल होर्डिंग को दोनों दल महत्व दे रहे हैं। इन सब के बीच कांग्रेस भी अपनी उपस्थिति तमाम तरीकों से दिखा रही है लेकिन उसका विज्ञापन कैंपेन अभी नजर नहीं आ रहा है।