नई दिल्ली: महाराष्ट्र में जो खेला हुआ है वह बिहार में होते होते रह गया, वहां भी सरकार का नेतृत्व कर रहे जनता दल यू में एकनाथ शिंदे तैयार हो गए थे लेकिन समय रहते जदयू के नेताओं ने इसे भांप लिया और उनके पर कतर दिए।
अब भी कई नेता मान रहे हैं जदयू पर से खतरा टला नहीं है और कभी भी महाराष्ट्र जैसा खेला हो सकता है, लेकिन शिव सेना के उलट जनता दल यू के नेता अलर्ट हैं और उन्होंने समय रहते कदम उठा लिया था।
बताया जा रहा है कि पार्टी के नंबर दो नेता और मंत्री आरसीपी सिंह के जरिए बीजेपी का खेला होना था, जिस तरह के महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे ने पार्टी के विधायकों को एकजुट करके बगावत की वैसी बगावत बिहार में आरसीपी के नेतृत्व में होने की संभावना थी।
महाराष्ट्र में तो बीजेपी अपनी सरकार बनाने के लिए दांव चल रही है लेकिन बिहार के बारे में कहा जा रहा था कि वह आरसीपी को भी कुर्सी सौंपने को तैयार थी, ध्यान रहे पिछले चुनाव में जनता दल यू के सिर्फ 43 विधायक जीते थे, उनमें से 28-29 विधायक अलग हो जाते तो बीजेपी का काम बन जाता।
बिहार विधानसभा में स्पीकर विजय सिन्हा बीजेपी के नेता हैं और जदयू के साथ उनके संबंध कैसे हैं, यह सब जानते हैं, वे अलग गुट को मान्यता दे देते, दूसरी ओर बीजेपी के कुछ नेता कांग्रेस के विधायकों में भी सेंधमारी कर रहे थे।
लेकिन महाराष्ट्र की तरह खेल नहीं हुआ तो उसका कारण यह है कि बिहार के सारे नेता 24 घंटे राजनीति में रमे रहते हैं, सो, नीतीश कुमार और उनकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने पहले ही भांप लिया कि आरसीपी सिंह बीजेपी के करीब जा रहे हैं।
इसलिए उनको राज्यसभा की टिकट नहीं दी गई और पार्टी में भी अलग थलग कर दिया गया, खुद नीतीश और ललन सिंह ने पार्टी के सारे विधायकों को अपनी कमान में ले लिया।