एबीपी न्यूज़ के अनुसार सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बाद अब बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने एटीएस के ऑपरेशन पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले ही ऐसा क्यों होता है. यूपी विधानसभा आमचुनाव के करीब आने पर ही इस प्रकार की कार्रवाई लोगों के मन में संदेह पैदा करती है.
मायावती ने ट्विटर पर लिखा कि ”यूपी पुलिस का लखनऊ में आतंकी साजिश का भण्डाफोड़ करने व इस मामले में गिरफ्तार दो लोगों के तार अलकायदा से जुड़े होने का दावा अगर सही है तो यह गंभीर मामला है और उचित कार्रवाई होनी चाहिए. वरना इसकी आड़ में कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए जिसकी आशंका व्यक्त की जा रही है.”
बीएसपी सुप्रीमो ने कहा कि ”यूपी विधानसभा आमचुनाव के करीब आने पर ही इस प्रकार की कार्रवाई लोगों के मन में संदेह पैदा करती है. अगर इस कार्रवाई के पीछे सच्चाई है तो पुलिस इतने दिनों तक क्यों बेखबर रही? यह वह सवाल है जो लोग पूछ रहे हैं. अतः सरकार ऐसी कोई कार्रवाई न करे जिससे जनता में बेचैनी और बढ़े.”
2. यूपी विधानसभा आमचुनाव के करीब आने पर ही इस प्रकार की कार्रवाई लोगों के मन में संदेह पैदा करती है। अगर इस कार्रवाई के पीछे सच्चाई है तो पुलिस इतने दिनों तक क्यों बेखबर रही? यह वह सवाल है जो लोग पूछ रहे हैं। अतः सरकार ऐसी कोई कार्रवाई न करे जिससे जनता में बेचैनी और बढ़े।
— Mayawati (@Mayawati) July 12, 2021
ता दें कि इससे पहले कल समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गिरफ़्तारी को लेकर विवादित बयान दिया था. अखिलेश ने कहा था कि उन्हें यूपी पुलिस पर भरोसा नहीं है.
मानव बम के जरिए धमाके की साजिश थी
लखनऊ में पकड़े गए आतंकियों की मानव बम के जरिए धमाके की साजिश थी. आतंकी 15 अगस्त के आसपास धमाका करने की फिराक में थे. दोनों आतंकी सीरियल ब्लास्ट करना चाहते थे. आतंकी के नाम मिनहाज अहमद और मसीरूद्दीन है. अलकयदा का ये मानव बम मॉड्यूल था. दोनों आतंकी अंसार गजवातुल हिंद ग्रुप से जुड़े थे.