नई दिल्ली: देश के इतिहास में सबसे बड़ा बैंक घोटाला सामने आया, यह घोटाला 34,615 करोड़ का बताया जा रहा है, इस मामले में सीबीआई ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड के पूर्व सी एम डी कपिल वधावनऔर निदेशक धीरज वधावन के खिलाफ केस दर्ज किया है।
आरोप है कि दोनों भाइयों ने मिलकर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की अगुवाई में 17 बैंकों के समूह को 34 हजार करोड़ से ज्यादा का चूना लगाया है।
द क्विट हिंदी अनुसार इससे पहले एबीजी शिपयार्ड का 22,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया था, वहीं, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी पंजाब नेशनल बैंक को 13,000 करोड़ रुपये चुकाए बिना ही देश छोड़कर भाग गए थे।
सीबीआई ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिय की शिकायत पर केस दर्ज किया गया है. यूबीआई की शिकायत के मुताबिक, डीएचएफएल ने 2010 से 2018 के बीच यूनियन यूबीआई बैंक की अगुवाई में 17 बैंकों से 42,000 करोड़ से अधिक का कर्ज लिया था, जिसमें से 34,615 करोड़ रुपये बकाया है, 2019 में कर्ज को एन पी ए (गैर-निष्पादित संपत्तियां) और 2020 में धोखाधड़ी घोषित किया गया था।
बैंक ने आरोप लगाया है कि कपिल और धीरज वधावन ने दूसरे लोगों के साथ मिलकर साजिश के तहत तथ्यों को छुपाया और गलत तरीके से प्रस्तुत किया है, साथ ही उन्होंने विश्वासघात करते हुए सार्वजनिक धन का दुरुपयोग किया है।
इसके साथ ही आरोप है कि डीएचएफएल उन कामों में पैसा नहीं लगाती थी जिसके लिए वो बैंकों से कर्ज लेती थी, बल्कि इन फंड्स को एक महीने के थोड़े समय के अंदर ही दूसरी कंपनियों में भेज दिया जाता था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जांच के दौरान यह भी पाया गया कि लोन का पैसा सुधाकर शेट्टी नाम के एक शख्स की कंपनियों में भी भेजा गया, साथ ही यह पैसा दूसरी कंपनियों के ज्वाइंट वेंचर में लगाया गया।
जांच में यह भी जानकारी सामने आई है कि लोन का पैसा 65 से ज्यादा कंपनियों में भेजा गया इसके लिए बाकायदा अकाउंट बुक में फर्जीवाड़ा किया गया।
बुधवार को इस मामले में सीबीआई ने मुंबई में 12 ठिकानों पर छापेमारी की, सीबीआई के 50 से ज्यादा अधिकारियों की टीम ने दस्तावेज खंगाले और सबूत जुटाए,सीबीआई ने छापेमारी के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त किए गए हैं।
इस मामले में सीबीआई ने डीएचएफएल के पूर्व सीएमडी कपिल वधावन, निदेशक धीरज वधावन, सुधाकर शेट्टी सहित अन्य कंपनियों- गुलमर्ग रिलेटेर्स, स्काईलार्क बिल्डकॉन दर्शन डेवलपर्स, टाउनशिप डेवलपर्स समेत कुल 13 लोगों के खिलाफ विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
आपको बता दें कि, कपिल और धीरज वधावन पहले से ही जेल में हैं, दोनों को यस बैंक धोखाधड़ी मामले में सीबीआई और ईडी के केस के आधार पर गिरफ्तार किया गया था।
सितंबर 2021 में पीरामल डीएचएफएल को खरीद लिया था, पीरामल एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने संकट के दौर से गुजर रही कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड को 38,050 करोड़ रुपये में खरीदा था, साथ ही डीएचएफएल के कर्जदाताओं को 34,250 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया था।