Roznama Khabrein
No Result
View All Result
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو
اردو
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو
No Result
View All Result
No Result
View All Result
Home समाचार

पहले यूपीए लगाया, अब पढ़ने का अधिकार छीना: सफूरा जरगर

RK News by RK News
September 2, 2022
Reading Time: 1 min read
0
पहले यूपीए लगाया, अब पढ़ने का अधिकार छीना: सफूरा जरगर

नई दिल्ली: “मैंने कोरोना जैसी गंभीर महामारी के दौरान अपने थीसिस को लेकर ग्राउंड पर जाकर कड़ी मेहनत की है। मैं गर्भवती थी, जेल में थी, मुझे ऑनलाइन गालियां दी गयीं। राज्य द्वारा मेरे ऊपर  हमला किया गया। इन सबके बावजूद, मैंने अपने काम से कभी समझौता नहीं किया। समय पर सब कुछ जमा कर दिया और आज आखिरकार मुझे अपना थीसिस  जमा करने की अनुमति नहीं दी जा रही है। ये मेरे लिए एक गंभीर मानसिक तनाव है”

RELATED POSTS

भूकंप से थर्राए तुर्की और सीरिया, दोनों देशों में 1200 से ज्यादा मौतें, 

मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ने यूसीसी का विरोध किया, कहा यह संविधान की भावना के खिलाफ

मोहन भागवत बोले, ‘जाति भगवान ने नहीं पंडितों ने बनाई जो ग़लत था’

जामिया मिल्लिया इस्लामिया में एमफिल की छात्रा सफूरा जरगर ने ये बात दिल्ली में  न्यूज़क्लिक को दिए एक साक्षात्कार के दौरान कही,  उन्होंने  आरोप लगाया कि विश्वविद्यायलय प्रशासन उनका थीसिस जमा करने से इनकार कर रहा है। सफूरा जरगर का नाम 2020 में उस वक़्त चर्चा में आया था, जब उन्हें उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा में कथित तौर पर शामिल होने के लिए कठोर यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया गया था। इन दंगों में 53 लोगों की जान गई थी।

“सफूरा ने बरती लापरवाही, इसलिए कर रहे हैं एडमिशन निरस्त”

जामिया प्रशासन का  का कहना है कि थीसिस पर काम करने में में सफूरा जरगर ने काफी लापरवाही बरती है, उन्हें कई बार एक्सटेंशन दिया गया है। विश्वविद्यालय ने अपने स्तर पर उनको हर संभव सहायता प्रदान की, बावजूद इसके उनकी प्रगति असंतोषजनक रही है इसलिए उन्हें और एक्सटेंशन नहीं दिया जा सकता है।

जबकि सफूरा का कहना है कि जामिया ने उन्हें केवल एक COVID एक्सटेंशन दिया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के अनुसार पांच के प्रावधान हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय ने उन्हें और एक्सटेंशन देने से इनकार कर दिया है।

“सीएए के खिलाफ अहम भूमिका निभाई, इसलिए किया जा रहा है प्रताड़ित”

हमने सफूरा ज़रगर से इस मसले पर बात की। उनका कहना है कि उन्होंने अपने थीसिस पर तीन साल बहुत मेहनत से काम किया है। लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन उन्हें परेशान करने की मंशा से उनका थीसिस जमा नहीं कर रहा है। सफूरा ज़रगर का कहना है कि उनके साथ जामिया प्रशासन “क्रिमिनल” की तरह बर्ताव कर रहा है और ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में जामिया के आंदोलन को वे और उनके साथी लीड कर रहे थे। उन्होंने कहा ““मुझे विभाग में दंगाई कहा जाता था। मुझसे बार बार कहा गया कि मेरे जैसे छात्रों की वजह से विभाग ब्लैक लिस्टेड हो जाता है। सरकार को हमारे विरोध से समस्या है। हमारी पढ़ाई से समस्या है। इसलिए जामिया प्रशासन इस तरह का बर्ताव कर रहा है।

उन्होंने जामिया  समाजशास्त्र विभाग पर झूठ और निराधार तरीके से उनका थीसिस जमा ना करने की बात कही है।

“प्रशासन झूठ बोल रहा है। अगर जामिया कहता है कि कोविड-19 एक्सटेंशन केवल एक बार दिया जा सकता है, तो यह पूरी तरह से झूठ है। यह अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है। विश्वविद्यालय में दो या तीन कोविड एक्सटेंशन दिए गए हैं। ऐसा सभी विश्वविद्यालयों में हुआ है। फिर मुझे ही क्यों निशाना बनाया जा रहा है?

“ना वीसी से मिल सकते हैं ना विभाग कोई जवाब दे रहा है”

24 अगस्त को सफूरा जरगर ने विश्वविद्यालय के कुलपति को एक लेटर लिखकर उनकी समस्याओं के बारे में अवगत कराया था, लेकिन उन्हें इसका कोई जवाब नहीं मिल सका। उन्होंने कहा कि उनकी रिपोर्ट को अगस्त 2020 में अनुसंधान सलाहकार समिति (आरएसी) के सदस्यों द्वारा स्वीकार कर लिया गया था। फरवरी 2021 में उनकी दूसरी आरएसी के बाद, उन्हें 4.5 महीने के एक्सटेंशन की अनुमति दी गई थी। उन्होंने  तर्क दिया कि एक्सटेंशन छह महीने के लिए बढ़ाया जाना चाहिए था, जैसा कि यूजीसी COVID  एक्सटेंशन पत्र द्वारा अनिवार्य था।

वीसी को लिखे अपने पत्र में, ज़रगर ने कहा कि यह एक्सटेंशन यूजीसी के 3 दिसंबर 2020 के पत्र के आधार पर दिया गया था।

“हालांकि, यूजीसी COVID एक्सटेंशन पत्र  के अनुसार, मेरे एक्सटेंशन को 7 अगस्त 2021 के बजाय केवल 30 जून 2021 तक ही मंजूरी दी गई थी।”

इसके तुरंत बाद, उन्हें दिसंबर 2021 तक एक और एक्सटेंशन दिया गया। जरगर ने दावा किया कि विश्वविद्यालय ने 22 दिसंबर 2021 को एक पत्र लिखा था जिसमें सिवाए उनके उन सभी छात्रों को एक्सटेंशन दिया गया था, जिनकी जमा करने की तिथि जुलाई 2022 से पहले समाप्त हो गई थी।

उन्होंने  कहा कि अपने तीसरे COVID  एक्सटेंशन आवेदन की प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा करते हुए, उन्हें अपने पर्यवेक्षक से 8 अप्रैल 2022 को एक ईमेल प्राप्त हुआ। सफूरा ने हमें बताया कि, “मुझे सूचित किया गया कि मैं COVID एक्सटेंशन के लिए योग्य नहीं थी और मुझे महिला वर्ग के तहत विस्तार के लिए अवेदन करना चाहिए था।”

जरगर ने आगे दावा किया कि पर्यवेक्षक ने कहा कि “चूंकि आवेदन का समय पहले ही समाप्त हो चुका था, विभाग मेरा पंजीकरण रद्द करने और एमफिल / पीएचडी एकीकृत कार्यक्रम में प्रवेश के साथ आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने इस ईमेल का जवाब देते हुए लिखा था कि वह अपना काम जमा करना चाहती हैंऔर किसी भी एक्सटेंशन का लाभ उठाना चाहती हैं जो उनके लिए लागू होगा।” लेकिन उन्हें इसका जवाब नहीं मिला।

“उनके लिए मुझ पर यूएपीए थमा देना और मुझे जेल भेज देना ही काफी नहीं था”

विभाग ने 26 अगस्त को एक नोटिस जारी किया था जिसमें लिखा था, “सुश्री सफूरा जरगर, एम.फिल./पी.एच.डी स्कॉलर का प्रवेश निम्नलिखित आधारों पर निरस्त किया जाता है:

• पर्यवेक्षक द्वारा दी गयी प्रोग्रेस रिपोर्ट असंतोषजनक थी

• उन्होंने इससे पहले एक महिला स्कॉलर के रूप में एक्सटेंशन के लिए आवेदन नहीं किया था

• निर्धारित समय का ख्याल नहीं रखा गया

• स्कॉलर ने अपना एम.फिल शोध प्रबंध प्रस्तुत नहीं किया

• 5 सेमेस्टर का अधिकतम निर्धारित समय प्लस COVID एक्सटेंशन का (छठा सेमेस्टर) लाभ जो उन्हें भी दिया गया था। यह 6 फरवरी 2022 को समाप्त हुआ इसलिए सुश्री सफूरा जरगर का एम.फिल./पीएचडी से पंजीकरण (समाज शास्त्र) दिनांक 01.04.2015 से रद्द किया जाता है।”

ज़रगर ने इसके जवाब में ट्वीट किया और लिखा  “उनके लिए मुझ पर यूएपीए थमा देना और मुझे जेल भेज देना ही काफी नहीं था। मेरा शिक्षा का अधिकार छीनने की हर संभव कोशिश की गई है। मुझे अपने प्रोफेसरों की बेईमानी और विश्वासघात से गहरा दुख हुआ है, जिन्हें मैंने हमेशा उच्च सम्मान दिया है। ”

समर्थन में आए छात्र, समाजिक संगठन

ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA), फ्रेटरनिटी मूवमेंट, स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI), स्टूडेंट इस्लामिक ऑर्गनाइज़ेशन समेत  विभिन्न संगठन सफूरा ज़रगर के  समर्थन में सामने आए हैं। सामूहिक तौर पर जारी एक बयान में कहा गया है कि “हम सफूरा जरगर के साथ पूरी तरह से एकजुटता के साथ खड़े हैं और मांग करते हैं कि उन्हें एक एक्सटेंशन दिया जाना चाहिए और अपने शोध प्रबंध को जमा करने की अनुमति दी जानी चाहिए।

 

आभार: ‘हिंदी न्यूज़क्लिक’

 

 

ShareTweetSend
RK News

RK News

Related Posts

समाचार

भूकंप से थर्राए तुर्की और सीरिया, दोनों देशों में 1200 से ज्यादा मौतें, 

February 6, 2023
समाचार

मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ने यूसीसी का विरोध किया, कहा यह संविधान की भावना के खिलाफ

February 6, 2023
समाचार

मोहन भागवत बोले, ‘जाति भगवान ने नहीं पंडितों ने बनाई जो ग़लत था’

February 6, 2023
समाचार

दो ‘स्थानीय’ जिन्होंने कप्पन की ज़मानत पर हस्ताक्षर किए

February 5, 2023
समाचार

जामिया हिंसा मामले में बरी करते हुए कोर्ट ने शरजील इमाम को ‘बलि का बकरा’ बताया

February 5, 2023
समाचार

IND vs AUS: विवादों में सिराज और उमरान, तिलक लगवाने से इनकार पर बवाल,

February 4, 2023
Next Post
मीडिया नीतीश और केजरीवाल का इतना हल्ला क्यों मचा रहा है?

मीडिया नीतीश और केजरीवाल का इतना हल्ला क्यों मचा रहा है?

एमसीडी इलेक्शन से पहले ही उम्मीदवारों को लेकर ओखला की राजनीति में उबाल

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recommended Stories

बीजेपी लीडर का बयान ,मुस्लमान हमारे भाई नहीं,अब हथियार उठाना पड़ेगा

बीजेपी लीडर का बयान ,मुस्लमान हमारे भाई नहीं,अब हथियार उठाना पड़ेगा

July 5, 2021

नीतीश कुमार फिर से भाजपा के साथ जाएंगे!

January 24, 2023
पवार ने संभाली कमान, कहा- सरकार बचाने के लिए कुछ भी करेंगे

पवार ने संभाली कमान, कहा- सरकार बचाने के लिए कुछ भी करेंगे

June 23, 2022

Popular Stories

  • नूपुर को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, कहा- बयान के लिए टीवी पर पूरे देश से माफी मांगे

    नूपुर को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, कहा- बयान के लिए टीवी पर पूरे देश से माफी मांगे

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • दुआएं कुबूल, हल्द्वानी में नहीं चलेगा बुलडोजर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • खबरदार! धंस रहा है नैनीताल, तीन तरफ से पहाड़ियां दरकने की खबर, धरती में समा जाएगा शहर, अगर .…..!

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • मदरसों को बम से उड़ा दो, यति नरसिंहानंद का भड़काऊ बयान

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • यूपी में एक मदरसा ऐसा भी…. जिसके प्रिंसिपल एक पंडित जी

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • IND vs AUS: विवादों में सिराज और उमरान, तिलक लगवाने से इनकार पर बवाल,

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
Roznama Khabrein

The Roznama Khabrein advocates rule of law, human rights, minority rights, national interests, press freedom, and transparency on which the newspaper and newsportal has never compromised and will never compromise whatever the costs.

More... »

Recent Posts

  • भूकंप से थर्राए तुर्की और सीरिया, दोनों देशों में 1200 से ज्यादा मौतें, 
  • मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ने यूसीसी का विरोध किया, कहा यह संविधान की भावना के खिलाफ
  • मोहन भागवत बोले, ‘जाति भगवान ने नहीं पंडितों ने बनाई जो ग़लत था’

Categories

  • Uncategorized
  • अन्य
  • एजुकेशन
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • विचार
  • समाचार
  • हेट क्राइम

Quick Links

  • About Us
  • Support Us
  • Terms & Conditions
  • Privacy Policy
  • Grievance
  • Contact Us

© 2021 Roznama Khabrein Hindi

No Result
View All Result
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو

© 2021 Roznama Khabrein Hindi

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?