नई दिल्ली: मीडिया क्यों सीएम नीतीश कुमार और सीएम केजरीवाल का हल्ला मचा रहा है? एक तरफ नीतीश कुमार को 2024 के लिए दावेदार बनाया जा रहा है तो दूसरी ओर केजरीवाल और उनके सिसोदिया के इस दावे को उछाला जा रहा है कि 2024 में मोदी बनाम केजरीवाल होकर रहेगा।
आखिर इस प्रचार का फायदा किसको हो रहा है और किसको नुकसान हो रहा है? इस प्रचार का सीधा फायदा भाजपा को हो रहा है और नुकसान कांग्रेस को हो रहा है। ध्यान रहे राजनीति में कोई भी नैरेटिव बहुत लंबे समय तय नहीं चलता है। उसकी उम्र बहुत कम होती है। अभी जो नीतीश और केजरीवाल को लेकर जो नैरेटिव बन रहा है उसकी उम्र गुजरात और हिमाचल चुनाव तक है।
हिमाचल प्रदेश और गुजरात में अगले दो-तीन महीने में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। इन दोनों राज्यों में भाजपा का सीधा मुकाबला कांग्रेस से है। हिमाचल प्रदेश में तो हर पांच साल पर सत्ता बदलते रहने का रिवाज भी है और पिछले दिनों हुए चार विधानसभा सीटों के उपचुनाव में भाजपा की हार के बाद कांग्रेस के लिए अच्छी संभावना देखी जा रही है। लेकिन आम आदमी पार्टी वहां पहुंची है कांग्रेस का खिल बिगाड़ने।
इसी तरह गुजरात में पिछले चुनाव में कांग्रेस ने बहुत कड़ी टक्कर दी थी। लगभग बराबरी का मुकाबला बना दिया था। लेकिन इस बार पिछले कुछ महीनों से आम आदमी पार्टी की सक्रियता ने कांग्रेस को कमजोर किया है। स्थानीय निकाय चुनावों में आप ने कांग्रेस को नुकसान किया। तभी ऐसा लग रहा है कि जान-बूझकर कांग्रेस पर से फोकस हटाया जा रहा है।
मीडिया में नीतीश कुमार और केजरीवाल के प्रचार से ऐसा माहौल बनाया जा रहा है जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुकाबले ये पार्टियां हैं, कांग्रेस नहीं है। इससे अपने आप दोनों राज्यों में कांग्रेस की संभावन कम होगी।