प्रयागराज: इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में फीस वृद्धि वापस लेने की मांग को लेकर छात्रों का आंदोलन जारी है, विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस पर सख्त रुख अख्तियार करते हुए एक दूसरी एफआईआर दर्ज कराई है।
यह एफआईआर 16 सितंबर की है जिसमें कहा गया है कि विश्वविद्यालय के छात्रसंघ भवन के पास के गेट में सुरक्षा के मद्देनजर विश्वविद्यालय प्रशासन ने ताला लगाया था जिसे आंदोलनरत छात्रों ने तोड़ दिया।
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने आरोप लगाया है कि छात्रों ने गार्डों के साथ धक्का-मुक्की की और अराजकता का माहौल बनाया।
जो छात्र आंदोलन कर रहे हैं उसमें से कई छात्रों को विश्वविद्यालय ने निष्कासित कर दिया है और कई पर उनकी गतिविधियों को देखते हुए विश्वविद्यालय मैं प्रवेश पर रोक लगाई गई है, ऐसे कुछ छात्रों को नामजद कर एफआईआर दर्ज कराई गई है।
उधर आंदोलनरत छात्र कह रहे हैं कि वे एफआईआर से डरने वाले नहीं हैं और अंतिम दम तक लड़ाई लड़ेंगे।
इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में फीस बढ़ोतरी को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों के खिलाफ इससे पहले भी एक एफआईआर दर्ज कराई गई थी। आईपीसी की गंभीर धाराओं के साथ ही सेवेन सीएलए एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ था, केस 15 नामजद और 100 के करीब अज्ञात छात्रों के खिलाफ दर्ज कराया गया था, यूनिवर्सिटी के चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर हर्ष कुमार की शिकायत पर कर्नलगंज कोतवाली में ये केस दर्ज हुआ था।
पहली एफआईआर में छात्रों पर 12 सितंबर को कैंपस में जुलूस निकालने, तालाबंदी करने और कक्षाओं को डिस्टर्ब करने का आरोप गया गया है, उसमें अजय यादव सम्राट, अखिलेश यादव, सत्यम कुशवाहा, आयुष प्रियदर्शी, मंजीत पटेल समेत 15 छात्रों को नामजद किया गया है।
हालांकि इस मामले में अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है. पुलिस अफसरों का कहना है कि जांच के बाद आगे की कार्रवाई होगी।