लखनऊ (एजेंसी) : उत्तर प्रदेश में चुनावी माहौल अपने चरम पर है। ऐसे में ए बी पी न्यूज़ के सी वोटर सर्वे के अनुसार सपा और बसपा अगर साथ चुनाव लड़ते हैं तो भाजपा को सत्ता में आने रोका जा सकता है। यूपी में तमाम अगर मगर के बीच बीजेपी लगातार खुद को फिर से सत्ता तक पहुंचने की होड़ में मजबूती से बनाए हुए है। लेकिन बीते सप्ताह की तुलना में उसका वोट शेयर 1 फीसदी घटा है। अगर सपा और बसपा एक साथ मिलकर चुनाव लड़ें तो बीजेपी को सत्ता से दूर रहना पड़ सकता है। दोनों का मिलाकर वोट शेयर बीजेपी की तुलना में 47 फीसदी तक पहुंच रहा है।
18 दिसंबर के सर्वे में सामने आया कि अगर आज यूपी में चुनाव हो तो 40 फीसदी वोट योगी की बीजेपी को व 34 फीसदी वोट अखिलेश की सपा को मिलेंगे। मायावती की बसपा को 13 फीसदी व राहुल-प्रियंका की कांग्रेस को 7 फीसदी वोट मिलेंगे। चार दिसंबर को ये आंकड़ा बीजेपी के पक्ष में 41 फीसदी, अखिलेश के पक्ष में 33 फीसदी, बसपा के पक्ष में 13 फीसदी व कांग्रेस के पक्ष में 8 फीसदी लोगों ने मतदान किया था। यानि बीजेपी व कांग्रेस दोनों के वोटों में चार दिसंबर की तुलना में 1 फीसदी की कमी देखने को मिल रही है।
सीएम की पसंद के सवाल पर 42 फीसदी लोगों का कहना है कि योगी को वो सत्ता के शीर्ष पायदान पर देखना चाहते हैं। अखिलेश को 35 फीसदी लोग तो मायावती को 14 फीसदी लोग सीएमं की कुर्सी पर बैठे देखना चाहते हैं। प्रियंका को 4 फीसदी तो 2 फीसदी लोगों ने प। यूपी में सियासी पैठ रखने वाले राष्ट्रीय लोकदल जयंत चौधरी के पक्ष में वोट किया। बीते चार दिसंबर से तुलना की जाए तो योगी को उस दौरान 43 फीसदी लोगों ने अपनी पसंद माना था। यानि 1 फीसदी उनकी लोकप्रियता में कमी आई। चार दिसंबर की तुलना में अखिलेश का ग्राफ़ पांच फीसदी बढ़ा है तो मायावती का दो फीसदी घटा है। प्रियंका की लोकप्रियता पहले की तरह से कायम है।
योगी का सीएम के तौर पर कामकाज कैसा है। इस पर 43 फीसदी लोगों ने इसे अच्छा बताया। 20 फीसदी लोगों ने इसे औसत माना तो 37 फीसदी लोगों ने इसे खराब माना। चार दिसंबर को 41 फीसदी लोगों ने उनके काम को अच्छा माना था। यानि योगी तेजी से लोगों के बीच अपनी पैठ बना रहे हैं।
18 दिसंबर को हुए सर्वे में सामने आया कि आज की तारीख में 48 फीसदी लोग मानते हैं कि योगी जीतेंगे। अखिलेश के पक्ष में 31, बसपा के पक्ष में 7 व कांग्रेस के पक्ष में 6 फीसदी लोगों ने मतदान किया। चार दिसंबर की तुलना में कांग्रेस व बसपा का ग्राफ नीचे गिरा है। तब कांग्रेस के पक्ष में 7 व बसपा के पक्ष में 9 फीसदी लोगों ने मतदान किया था। तब से अब तक अखिलेश का ग्राफ 2 फीसदी बढ़ा है। चार को 29 फीसदी लोग उनके पक्ष में थे।