कांग्रेस का मृत्यु लेख लिखना सामान्य शगल है. नरेंद्र मोदी पहले ही जीत की घोषणा कर चुके हैं और बीजेपी को 370 सीटें मिलने की भविष्यवाणी कर चुके हैं. नकली सर्वेक्षण कर्ता और दक्षिणपंथी राय कांग्रेस को 50 से कम सांसद बताते हैं. विपक्ष के क्षेत्रीय राजाओं पर यह छोड़ दिया गया है कि वे मोदी के रथ को अपने जागीर में रोकें या विलुप्त होने का सामना करें.
प्रभु चावला लिखते हैं कि सीधी लड़ाई में कांग्रेस के लिए बीजेपी को नुकसान पहुंचाना मुश्किल दिख रहा है. लोकसभा में बहुमत यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, झारखण्ड, पंजाब और दिल्ली पर निर्भर करेगा. इन राज्यों में 348 लोकसभा सीटे हैं जिनमें बीजेपी के पास 169 और इंडिया व उसके वैचारिक सहयोगियों के पास 126 सीटें हैं.
2024 का चुनाव मोदी 3.0 से ही संबंधित नहीं है बल्कि यह ममता बनर्जी, शरद पवार, एमके स्टालिन, सिद्धारमैया और रेवंत रेड्डी की क्षेत्रीय विचारधाराओं के राजनीतिक स्थायित्व से भी संबंधित है.
प्रभु चावला लिखते हैं कि सीधी लड़ाई में कांग्रेस के लिए बीजेपी को नुकसान पहुंचाना मुश्किल दिख रहा है. लोकसभा में बहुमत यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, झारखण्ड, पंजाब और दिल्ली पर निर्भर करेगा. इन राज्यों में 348 लोकसभा सीटे हैं जिनमें बीजेपी के पास 169 और इंडिया व उसके वैचारिक सहयोगियों के पास 126 सीटें हैं.
यह चुनाव अखिलेश यादव का राजनीतिक भविष्य भी तय करेगा. क्या अखिलेश की लोकप्रियता रोक पेगी राम मंदिर के उत्साह की भगवा लहर? क्या मायावती के अलगाव और संदिग्ध राजनीतिक चरित्र के बीच वे पांच सांसदों से दोहरे अंक में पहुंच जाएंगे? बिहार में तेजस्वी यादव भी या तो सूर्यास्त की ओर बढ़ सकते है या पिता लालू यादव के उपयुक्त उत्तराधिकारी के रूप में सिंहासन पर बैठ सकते हैं. (Courtesy:New Indian express)