पाकिस्तान में ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया है, तब से पूरी दुनिया में कूटनीतिक माहौल गर्माया हुआ है. पुराने समीकरण बदल रहे हैं और नए समीकरण बनने लगे हैं. जो आतंकवाद के खिलाफ होने की बात करते थे, वो पाकिस्तान के साथ नज़र आ रहे हैं और चीन तो मानो एक ही रणनीति पर है – भारत को घेरना. इसके लिए उसने अब अफगानिस्तान को भी साधना शुरू कर दिया है.भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच एक बार फिर चीन ने ऐसी चाल चली है कि भारत की टेंशन बढ़ जाएगी. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के साथ खड़ी तालिबान सरकार को अब चीन साधने में लगा हुआ है. बुधवार को चीन-पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने एक बड़ा फैसला लिया है, भारत की टेंशन बढ़ाने वाला है.
***अफगानिस्तान को साधने में जुटे चीन-पाक
तीनों देशों के शीर्ष नेताओं ने मिलकर चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) को अफगानिस्तान तक विस्तार देने पर सहमति जताई है. यह ऐलान बीजिंग में हुई एक अनौपचारिक तीन पक्षीय बैठक के बाद आया. इस बैठक में पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार, चीन के विदेश मंत्री वांग यी और अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी शामिल थे. पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के मुताबिक तीनों मंत्रियों ने क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और आर्थिक विकास के लिए त्रिपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने पर जोर दिया.इशाक डार ने सोशल मीडिया पर लिखा कि पाकिस्तान, चीन और अफगानिस्तान क्षेत्रीय शांति और विकास के लिए एकजुट हैं. बैठक में बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) को बढ़ावा देने और CPEC को अफगानिस्तान तक ले जाने का फैसला हुआ. आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और क्षेत्र में स्थिरता के लिए भी प्रतिबद्धता जताई गई है.
बढ़ जाएगी भारत की टेंशन
भारत 60 अरब डॉलर के CPEC प्रोजेक्ट का विरोध करता रहा है, क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) से होकर गुजरता है. भारत चूंकि कश्मीर को पाकिस्तान के कब्ज़े से मुक्त कराना चाहता है, ऐसे में उसके लिए ये प्रोजेक्ट न सिर्फ सामरिक बल्कि रणनीतिक स्तर पर भी चिंता बढ़ाने वाला है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जिस तरह से तालिबान सरकार ने पाकिस्तान का विरोध और भारत का समर्थन किया, उसके बाद ही चीन ने उसे साधने की कोशिश शुरू कर दी थी आभार:.news18