Roznama Khabrein
No Result
View All Result
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو
اردو
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو
No Result
View All Result
No Result
View All Result
Home समाचार

मतदान का डेटा अपलोड करने में देरी क्यों? सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से पूछा

RK News by RK News
May 18, 2024
Reading Time: 1 min read
0

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्रीय चुनाव आयोग (ईसीआई) से कहा कि वो वोटिंग के 48 घंटे के अंदर मतदान केंद्रों का फाइनल प्रमाणित डेटा जारी न करने के सवाल का जवाब दे। सुप्रीम कोर्ट में इस संबंध में याचिका दायर कर कहा गया है कि लोकसभा चुनाव में हर चरण के मतदान के बाद हर बूथ के वोट प्रतिशत का डेटा चुनाव आयोग की साइट पर अपलोड नहीं किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई है कि वो चुनाव आयोग को इस संबंध में निर्देश जारी करे।
याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए भारत के चीफ जस्टिस (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने चुनाव आयोग के वकील अमित शर्मा से पूछा कि वेबसाइट पर मतदाता वोटिंग विवरण डालने में क्या परेशानी आ रही है।
कोर्ट रूम संवाद
सीजेआईः मिस्टर शर्मा, इसे वेबसाइट पर डालने में क्या कठिनाई है?
आयोग के वकीलः इसमें समय लगता है। हमें बहुत सारा डेटा इकट्ठा करना होगा।
•सीजेआई बेंचः लेकिन हर मतदान अधिकारी शाम तक ऐप पर डेटा जमा करता है? इसलिए रिटर्निंग अधिकारी के पास दिन के अंत तक पूरे लोकसभा क्षेत्र का डेटा होता है।
•आयोग वकीलः तुरंत नहीं।
•सीजेआईः ठीक है, अगले दिन। (यानी अदालत का कहना था कि वो डेटा अगले दिन तो डाला जा सकता है।)
वकील की चुप्पी के बाद अदालत ने आयोग को एक सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 24 मई को होगी
अदालत में यह याचिका इसलिए दायर की गई कि लोकसभा चुनावों के पहले दो चरणों के बाद आयोग ने अंतिम मतदान प्रतिशत घोषित करने में जरूरत से ज्यादा समय लिया। और जब अंतिम डेटा आया तो उसमें मतदान प्रतिशत में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी गई। अदालत को बताया गया कि 30 अप्रैल को प्रकाशित आंकड़ों में मतदान के दिन चुनाव आयोग द्वारा घोषित शुरुआती प्रतिशत की तुलना में अंतिम मतदाता मतदान में तेज वृद्धि (लगभग 5-6%) दिखाई गई है।
मतदान प्रतिशत की घोषणा में देरी की वजह से मतदाताओं और राजनीतिक दलों में ऐसे आंकड़ों की विश्वसनीयता को लेकर चिंता पैदा हो गई हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने इस मामले में याचिका दायर की है। इस याचिका में आयोग को अपनी वेबसाइट पर फॉर्म 17 सी भाग- I (रिकॉर्ड किए गए वोटों का खाता) की स्कैन की गई, पढ़ी जाने वाली प्रतियां अपलोड करने के निर्देश देने की मांग की गई है।

RELATED POSTS

बुलंदशहर स्याना हिंसा:इंस्पेक्टर की हत्या के पांच दोषियों को उम्रकैद,33 को सात सात साल की सजा,कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

मालेगांव ब्लास्ट: जांच एजेंसियां लगातार विफल हो रही हैं,उनको भंग कर देना चाहिए:जमीअत उलमा-ए-हिंद

Up, Bulan Shahar: इंस्पेक्टर सुबोध हत्याकांड में 38 दोषी, जानें अख़लाक केस से संबंध

ShareTweetSend
RK News

RK News

Related Posts

समाचार

बुलंदशहर स्याना हिंसा:इंस्पेक्टर की हत्या के पांच दोषियों को उम्रकैद,33 को सात सात साल की सजा,कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

August 1, 2025
समाचार

मालेगांव ब्लास्ट: जांच एजेंसियां लगातार विफल हो रही हैं,उनको भंग कर देना चाहिए:जमीअत उलमा-ए-हिंद

July 31, 2025
समाचार

Up, Bulan Shahar: इंस्पेक्टर सुबोध हत्याकांड में 38 दोषी, जानें अख़लाक केस से संबंध

July 31, 2025
समाचार

मालेगांव ब्लास्टः पीड़ितों का दर्द ,17साल बाद भी इन्साफ नहीं मिला,भरोसा टूटा, पर हिम्मत नहीं हारी, suprem court जाएंगे

July 31, 2025
समाचार

मालेगांव धमाका केस में सभी आरोपी बरी,साध्वी प्रज्ञा बोलीं,यह भगवा की जीत

July 31, 2025
Uncategorized

सीएए विरोधी प्रदर्शनों में जेल में बंद  शरजील इमाम  का बिहार चुनाव लड़ने का फैसला

July 30, 2025
Next Post

नाराज विदेशी निवेशक? बाजार से निकाल चुके हैं 28000 करोड़ से ज्यादा

'मैंने मुसलमानों के खिलाफ एक शब्द नहीं बोला', पीएम मोदी बोले- बस किसी को "खास नागरिक" स्वीकार नहीं कर सकता

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recommended Stories

‘हमारी लोकतांत्रिक संस्थाओं को BJP-RSS ने भारी नुकसान पहुंचाया है’, राहुल का गंभीर आरोप

September 10, 2024

‘नर्क में सड़ता है गाय की हत्या करने वाला’, इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुस्लिम जज ने कहा- गोहत्या पर लगे बैन

March 6, 2023
कॉमन सिविल कोड: 2024 के लिए बीजेपी का आखिरी दांव?- एक नजरिया

कॉमन सिविल कोड: 2024 के लिए बीजेपी का आखिरी दांव?- एक नजरिया

December 16, 2022

Popular Stories

  • दिल्ली में 1396 कॉलोनियां हैं अवैध, देखें इनमें आपका इलाका भी तो नहीं शामिल ?

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • मेवात के नूह में तनाव, 3 दिन इंटरनेट सेवा बंद, 600 परFIR

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • कौन हैं जामिया मिलिया इस्लामिया के नए चांसलर डॉक्टर सैय्यदना सैफुद्दीन?

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • NCERT Recruitment 2023 में नौकरी पाने का जबरदस्त मौका, कल से शुरू होगा आवेदन, जानें तमाम डिटेल

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • पकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में महिला यूट्यूबर ज्योति गिरफ्तार, पूछताछ में किए बड़े खुलासे

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • नूपुर को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, कहा- बयान के लिए टीवी पर पूरे देश से माफी मांगे

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
Roznama Khabrein

The Roznama Khabrein advocates rule of law, human rights, minority rights, national interests, press freedom, and transparency on which the newspaper and newsportal has never compromised and will never compromise whatever the costs.

More... »

Recent Posts

  • बुलंदशहर स्याना हिंसा:इंस्पेक्टर की हत्या के पांच दोषियों को उम्रकैद,33 को सात सात साल की सजा,कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला
  • मालेगांव ब्लास्ट: जांच एजेंसियां लगातार विफल हो रही हैं,उनको भंग कर देना चाहिए:जमीअत उलमा-ए-हिंद
  • Up, Bulan Shahar: इंस्पेक्टर सुबोध हत्याकांड में 38 दोषी, जानें अख़लाक केस से संबंध

Categories

  • Uncategorized
  • अन्य
  • एजुकेशन
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • विचार
  • समाचार
  • हेट क्राइम

Quick Links

  • About Us
  • Support Us
  • Terms & Conditions
  • Privacy Policy
  • Grievance
  • Contact Us

© 2021 Roznama Khabrein Hindi

No Result
View All Result
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو

© 2021 Roznama Khabrein Hindi