बरेली में लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी के भीतर इस वक्त बड़ी उठापटक चल रही है। इसकी वजब ये है कि इस सीट से 8 बार के सांसद रहे संतोष गंगवार का टिकट काटकर भाजपा ने छत्रपाल सिंह गंगवार को टिकट दे दिया है जिसके बाद मानो भूचाल सा आ गया है। संघ से जुड़े छत्रपाल गंगवार को टिकट दिए जाने के बाद से ही भाजपा में अंदरूनी कलह बढ़ गई है। आलम ये है कि छत्रपाल गंगवार को न तो संगठन चुनाव लड़वा रहा है और न ही पार्टी के विधायक ही सांसद और मंत्री चुनाव प्रचार में साथ दे रहे हैं। इसे लेकर छत्रपाल गंगवार का एक मीटिंग के दौरान दर्द छलक पड़ा और उन्होंने कहा कि मुझे कोई भी चुनाव नहीं लड़वा रहा है इसलिए मैं अपना टिकट सरेंडर कर दूंगा।
बरेली से इंडिया TV के अनूप मिश्रा की रिपोर्ट के अनुसार इसके बाद भाजपा नेता डॉक्टर दीप्ति भारद्वाज ने एक्स पर पोस्ट किया है और तंज कसा है कि “इससे बुरी बात क्या होगी कि भाजपा बरेली प्रत्याशी छत्रपाल जी अकेले अपना प्रचार कर रहे हैं। सारे विधायक और संगठन पदाधिकारी नदारद हैं। कल हताश प्रत्याशी ने टिकट तक सरेंडर करने की बात तक भरी मीटिंग में कर दी।”
दीप्ति भारद्वाज ने आगे लिखा-बरेली का चुनाव इस बार संगठन नहीं जनता लड़ रही है, यही उपलब्धि है @narendramodi जी की। कितनी ही नीचता करो पार्टी के भीतरघातियों जीतेगा कमल ही। आएगा तो मोदी ही।
गंगवार का हो रहा है जमकर विरोध
इंडिया TV के मुताबिक़ दरअसल बरेली से भाजपा प्रत्याशी छत्रपाल गंगवार का पार्टी में जमकर विरोध हो रहा है। बरेली लोकसभा चुनाव को देखते हुए कुर्मी और मुस्लिम मतदाताओं को साधने के लिए भाजपा ने छत्रपाल सिंह गंगवार को अपना प्रत्याशी बनाया है लेकिन पहले ही दिन से उनका विरोध किया जा रहा है। ऐसे में कहा जा रहा है कि बरेली की राजनीति में अगले 72 घंटे बहुत खास हैं। वहीं, पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक छत्रपाल गंगवार का टिकट भी कट सकता है और इसके बाद टिकट मेयर उमेश गौतम को दिया जा सकता है।