लखनऊ:डिप्लोमा इन होम्योपैथिक फार्मेसी (डीएचपी) की डिग्री देने वाले 11 कॉलेज कागज पर चल रहे हैं। यह खुलासा जिलाधिकारियों के स्तर से किए गए सत्यापन में हुआ है। इन्हें नोटिस जारी किया गया है। अब इन कॉलेजों की मान्यता निरस्त करने की तैयारी है। इन कॉलेजों की स्थापना से अब तक जारी की गई डिग्री और शासन से ली गई सुविधाओं की भी जांच की जाएगी।
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में 234 कॉलेजों में डीएचपी की डिग्री दी जा रही है। इन कॉलेजों से हर साल करीब 14 हजार से अधिक छात्र डिग्री ले रहे हैं। लेकिन फर्जी कॉलेजों के संचालन की शिकायतों के चलते उप्र. होम्योपैथिक मेडिसिन बोर्ड ने सभी कॉलेजों का नए सिरे से सत्यापन कराया गया जिसमें विभिन्न जिलों से बोर्ड को 10 जनवरी तक 136 कॉलेज की सत्यापन रिपोर्ट मिली है। इन्हीं में ये 11 कॉलेज फर्जी मिले हैं। हालांकि सत्यापन का काम जिलों में अब भी जारी है। सूत्रों का कहना है कि सत्यापन में कॉलेजों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां पाई गई हैं। कई कॉलेजों में शिक्षकों की संख्या कम मिली तो भवन, फर्नीचर, लैब आदि भी मानक के अनुसार नहीं मिले हैं।
इन्हें नोटिस जारी किया गया है। अब इन कॉलेजों की मान्यता निरस्त करने की तैयारी है।