नई दिल्ली: आरक्षण राजनीति की वो पतली सी रस्सी है, जिस पर चलकर वोट तो भरपूर मिलता है, लेकिन रिजर्वेशन के मुद्दे की इस रस्सी पर बहुत संभलकर चलना होता है. अब बीजेपी ने एक ऐसी भूल कर दी है कि इसी मसले पर उसे बहुत डैमेज कंट्रोल करना पड़ रहा।
अब असल में उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव के लिए सरकार की ओर से जारी ओबीसी आरक्षण को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने रद्द कर दिया था. इस एक फैसले ने योगी सरकार की मंशा पर ऐसे सवाल उठाए कि अखिलेश से लेकर मायावती तक को इसमें एक बड़ा मुद्दा दिखने लगा. मुद्दा आरक्षण का, मुद्दा पिछड़े वोटबैंक का.