Roznama Khabrein
No Result
View All Result
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو
اردو
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو
No Result
View All Result
No Result
View All Result
Home विचार

गोदाम’ का होरी अब बीमार नहीं पड़ता! आत्महत्या करता है! 

RK News by RK News
July 31, 2022
Reading Time: 1 min read
0
गोदाम’ का होरी अब बीमार नहीं पड़ता! आत्महत्या करता है! 

श्रवण गर्ग 

RELATED POSTS

Waqf पर सुनवाई:केंद्र ने कहा- वक्फ अधिनियम के प्रमुख प्रावधान जारी रहेंगे, सुप्रीम कोर्ट  अब 20 मई को मामले की सुनवाई करेगा

गजा और शान्ति:अमेरिका की दोहरी नीति, दोहरा चरित्र

ईस्ट इंडिया कंपनी भले खत्म हो गई, उसका डर फिर से दिखने लगा!

मुंशी प्रेमचंद की जयंती के अवसर पर कवि-पत्रकार मित्र ध्रुव शुक्ल ने कथा सम्राट के विशाल रचना संसार से ढूँढकर कुछ सवाल ‘अपने आप से पूछने के लिए’ सार्वजनिक किए हैं।पूछे गए सवालों में एक यह भी है कि ‘गोदान के होरी का क्या हुआ ?’ उन्होंने यह भी जानना चाहा है कि हम प्रेमचंद को क्या जवाब देंगें ?

पिछले साल आज के ही दिन लब्ध प्रतिष्ठित साहित्यकार विजयबहादुर सिंह के आमंत्रण पर विदिशा में पंडित ‘गंगाप्रसाद पाठक ललित कला न्यास’ द्वारा प्रेमचंद जयंती पर आयोजित एक संगोष्ठी में ‘पत्रकारिता और लोक समाज’ विषय पर बोलने का अवसर मिला था।अपनी बात प्रेमचंद के अंतिम उपन्यास ‘गोदान’ से प्रारम्भ की थी।प्रेमचंद ने यह अद्भुत उपन्यास अपने निधन से दो वर्ष पूर्व 1936 में लिखा था।उन्हें तब तक शायद आभास हो गया था कि आने आने वाले भारत में उनके होरी का क्या हश्र होने वाला है ! विदिशा संगोष्ठी में जो कहा था उसे संक्षिप्त रूप में पहली बार बाँट रहा हूँ :

हम चाहें तो शर्म महसूस कर सकते हैं कि साल 1936 से 2021 के बीच गुजरे 85 सालों के बीच मुंशी प्रेमचंद द्वारा ‘गोदान’ में उकेरे गए पात्रों और उनके ज़रिए उठाए गए सवालों में कुछ नहीं बदला है।सिर्फ़ पात्रों के नाम ,उनके चेहरे और स्थान बदल गए हैं।शेष वैसा ही है।देश के जीवन में ग्रामीण भारत या तो ‘गोदान’ के समय जैसा ही है या और ख़राब हो गया है।पत्रकारिता और साहित्य के केंद्र में ग्रामीण के बजाय शहरी भारत हो गया है।

‘गोदान’ उपन्यास में प्रेमचंद का मुख्य पात्र होरी बीमार होकर मरता है, आज का होरी आत्महत्या कर रहा है। उसे सिंघु बॉर्डर पर बैठकर आंदोलन करना पड़ रहा है। वह पुलिस-प्रशासन की लाठियाँ और गोलियाँ झेल रहा है।क़र्ज़ में डूबकर जान देने वाले हज़ारों किसानों के चेहरों में होरी की शक्ल तलाश की जा सकती है। ‘गोदान’ में वर्णित ज़मींदार की भूमिका सरकारों ने ले ली है और तहसीलदार-पटवारी उसके वसूली एजेंट हो गए हैं।

अखबारी दुनिया में भी कुछ नहीं बदला है।’गोदान’ में उल्लेखित ‘बिजली’ पत्र के राय साहब जैसे मालिक-सम्पादक व्यवस्था में आज भी न सिर्फ़ उसी तरह उपस्थित हैं बल्कि ज़्यादा ताकतवर हो गए हैं। वे अब होरी की ही तक़दीर नहीं सरकारें बनाने-गिराने की हैसियत में पहुँच गए हैं। ‘गोदान’ की ही तरह सौ या हज़ार ग्राहकों का चंदा भरकर या विज्ञापनों के दम पर आज भी खबरें ‘गोदान’ की तरह रुकवाई-छपवाई जा सकतीं हैं। धर्म और सत्ता की राजनीति के बीच हुई साँठगाँठ ने पत्रकारिता को विज्ञापन और चंदा वसूल करने की मशीन में तब्दील कर दिया है।होरी की मौत मीडिया की नज़रों से ग़ायब है। किसानों को बाँटे जाने वाले नक़ली बीजों और उर्वरकों की तरह ही नक़ली खबरें भी राजनीति के ज़मींदारों के द्वारा राय साहबों के अख़बारों की मदद से जनता को बेची जा रहीं हैं।

मुंशी प्रेमचंद के ‘गोदान’ में जिस गाय की अतृप्त आस में होरी को अंतिम साँस लेना पड़ती है वह गाय इस समय सत्ता की साँस बन गई है।चिंता होरी के मरने की नहीं है ,गाय अगर छूट गई तो सत्ता की साँस उखड़ जाएगी।समूची राजनीति को होरी के जन-जल-जंगल-ज़मीन-जानवर से विमुख कर गाय-गोबर-गोमूत्र के चमत्कार में केंद्रित कर दिया गया है।

मुंशी प्रेमचंद को हम कुछ भी जवाब देने की स्थिति में नहीं बचे हैं।

ShareTweetSend
RK News

RK News

Related Posts

विचार

Waqf पर सुनवाई:केंद्र ने कहा- वक्फ अधिनियम के प्रमुख प्रावधान जारी रहेंगे, सुप्रीम कोर्ट  अब 20 मई को मामले की सुनवाई करेगा

May 15, 2025
विचार

गजा और शान्ति:अमेरिका की दोहरी नीति, दोहरा चरित्र

May 12, 2025
विचार

ईस्ट इंडिया कंपनी भले खत्म हो गई, उसका डर फिर से दिखने लगा!

November 6, 2024
विचार

इस्लामोफोबिया से मुकाबला बहुत पहले शुरू हो जाना था:–राम पुनियानी

September 16, 2024
विचार

क्या के.सी. त्यागी द्वारा इजरायल को हथियारों की आपूर्ति रोकने के आह्वान के कारण उन्हें अपना पद गँवाना पड़ा?

September 5, 2024
विचार

नए अखिलेश का उदय:—प्रभु चावला

July 28, 2024
Next Post
संजय राऊत के घर पर ED का छापा, हो रही है पूछताछ, हिरासत में ले सकती है

संजय राऊत के घर पर ED का छापा, हो रही है पूछताछ, हिरासत में ले सकती है

एक नजरिया: हिंदू- मुस्लिम को एक साथ ला सकने वाला ही मोदी को चुनौती दे सकता है

एक नजरिया: हिंदू- मुस्लिम को एक साथ ला सकने वाला ही मोदी को चुनौती दे सकता है

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recommended Stories

योगी का तर्क, किसी एक वर्ग की आबादी बढ़ने से अराजकता फैल जाएगी

योगी का तर्क, किसी एक वर्ग की आबादी बढ़ने से अराजकता फैल जाएगी

July 11, 2022

‘The Kerala story’के विरोधी PFI और आंतकवाद के समर्थक: अनुराग ठाकुर

May 7, 2023
NCRB की रिपोर्ट में यूपी दंगा मुक्त

NCRB की रिपोर्ट में यूपी दंगा मुक्त

August 31, 2022

Popular Stories

  • मेवात के नूह में तनाव, 3 दिन इंटरनेट सेवा बंद, 600 परFIR

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • कौन हैं जामिया मिलिया इस्लामिया के नए चांसलर डॉक्टर सैय्यदना सैफुद्दीन?

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • NCERT Recruitment 2023 में नौकरी पाने का जबरदस्त मौका, कल से शुरू होगा आवेदन, जानें तमाम डिटेल

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • नूपुर को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, कहा- बयान के लिए टीवी पर पूरे देश से माफी मांगे

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • दुआएं कुबूल, हल्द्वानी में नहीं चलेगा बुलडोजर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • वक्फ बिल:मुसलमानों का विरोध देखते हुए JDU ने पलटी मारी’ TDP भी बिल के विरोध मे उत्तरी

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
Roznama Khabrein

The Roznama Khabrein advocates rule of law, human rights, minority rights, national interests, press freedom, and transparency on which the newspaper and newsportal has never compromised and will never compromise whatever the costs.

More... »

Recent Posts

  • यह कैसी राष्ट्रभक्ति?BJP नेता बालमुकुंदाचार्य ने तिरंगे से नाक पोंछी,किया अपमान,देश गुस्से में
  • जेएनयू के बाद जामिया मिलिया इस्लामिया ने तुर्की के सभी शैक्षणिक संस्थानों के साथ MoU निलंबित किया
  • Waqf पर सुनवाई:केंद्र ने कहा- वक्फ अधिनियम के प्रमुख प्रावधान जारी रहेंगे, सुप्रीम कोर्ट  अब 20 मई को मामले की सुनवाई करेगा

Categories

  • Uncategorized
  • अन्य
  • एजुकेशन
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • विचार
  • समाचार
  • हेट क्राइम

Quick Links

  • About Us
  • Support Us
  • Terms & Conditions
  • Privacy Policy
  • Grievance
  • Contact Us

© 2021 Roznama Khabrein Hindi

No Result
View All Result
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو

© 2021 Roznama Khabrein Hindi