एक नज़रिया:हरिशंकर व्यास
हाथरस में एक बाबा के सत्संग की
भगदड़ में करीब सवा सौ लोग मरे तब देश में ज्यादातर लोगों को सूरजपाल जाटव उर्फ भोले बाबा के बारे में मालूम हुआ। लोग इन बाबा को नहीं जानते थे लेकिन अब पूरी कुंडली सब लोग जान गए हैं। सूरजपाल पहले खेती किसानी करता था, फिर उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती हो हुआ। वहां से निकल कर नारायण हरि उर्फ भोले बाबा बना। सोचें, नारायण भी और भोले भी यानी विष्णु भी और शिव भी एक ही व्यक्ति बन गया! अब सबको पता है कि इस बाबा के खिलाफ कई मुकदमे थे, जिसमें एक लड़की छेड़ने का भी मुकदमा था। इस बाबा के पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में लाखों भक्त हैं। बाबा के आठ आश्रम बताए जा रहे हैं और करोड़ों की संपत्ति बताई जा रही है।
भगदड़ की वजह से बाबा की खोज हुई है। लोगों ने इस बाबा को जाना है। मगर ऐसे कितने ही बाबा देश के अलग अलग हिस्सों में और अलग अलग जातीय समूहों की भीड़ को भक्त बना कर आश्रम और मठ चला रहे हैं, जिनके बारे में लोगों को पता नहीं है। बाबा सूरजपाल मुर्दों में जान फूंक देने का दावा करता था, जिसे लेकर एक मुकदमा हुआ था।
भक्तों की भीड़ बाबा के चमत्कार में विश्वास करती हैं। भक्तकहते हैं कि बाबा ने दुनिया बनाई है और वे ब्रह्मांड के स्वामी हैं लेकिन भगदड़ में हुई मौतों के लिए उसको जिम्मेदार नहीं ठहराते हैं और न उसको कहा कि वह इन मुर्दों में जान फूंक दे। बहरहाल, पिछले 25 साल में यानी 21वीं सदी की पहली चौथाई में यह कमाल की अविश्वसनीय परिघटना है लेकिन भारत में हर 50 किलोमीटर की दूरी पर कोई न कोई बाबा आश्रम बनाए हुए है और भक्त चमत्कार की उम्मीद में उसकी चरण धूलि लेने के लिए जान की बाजी लगा रहे हैं। जो बाबा आश्रम बना कर नहीं बैठा है वह इंटरनेट की दुनिया में है। वह सोशल मीडिया पर भक्तों को चमत्कारिक सुझाव दे रहे है।