शीतकालीन सत्र में लोकसभा और राज्यसभा से बड़े स्तर पर सांसदों का निलंबन हुआ है. बीते दो दिनों में 127 विपक्ष के सांसद निलंबित कर दिए गए हैं.
इस पूरे सत्र में निलंबित हुए सांसदों की संख्या 141 है.
इस समय राहुल गांधी समेत कांग्रेस के नौ सांसद ही सदन में बचे हैं और विपक्ष के कुल 43 सांसद सदन में बचे हैं.
सांसदों का निलंबन ऐसे समय हुआ है जब सदन में कुछ अहम बिल पेश होने वाले हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सांसदों के निलंबन पर कहा है कि प्रधानमंत्री देश में ‘एक पार्टी का राज’ स्थापित करना चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि घुसपैठियों पर यूएपीए के तहत केस दर्ज किया गया लेकिन जिस बीजेपी सांसद के कारण वो संसद में घुसे उनसे अब तक पूछताछ तक नहीं हुई.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक लंबा पोस्ट शेयर करते हुए उन्होंने लिखा- “141 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है क्योंकि वे संसद में हुए गंभीर सुरक्षा उल्लंघन पर गृह मंत्री से बयान चाहते थे.”
“6 घुसपैठियों पर यूएपीए कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है. लेकिन वो जिस सांसद की मदद से सदन में आए उनसे अभी तक पूछताछ नहीं की गई है, ये कैसी जांच है?”
“वो वरिष्ठ अधिकारी जो संसद की सुरक्षा के लिए ज़िम्मेदार हैं उनसे जवाब क्यों नहीं मांगे जा रहे हैं. महीनों से ये प्रदर्शनकारी इसकी योजना बना रहे हैं. इस बड़े इंटेलीजेंस फेल के लिए ज़िम्मेदार कौन है?”
“संसद की बहुस्तरीय सुरक्षा होने के बाद भी दो लोग अपने जूतों में कनस्तर छिपाकर संसद में प्रवेश कर लेते हैं और लोकतंत्र के मंदिर के बीचों-बीच पहुंचने में कामयाब हो जाते हैं.”
“प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी देश में ‘एक पार्टी का राज’ स्थापित करना चाहती है. ये लोग ‘एक अकेला’ की बात करते हैं, जो खुद में लोकतंत्र को बर्बाद करने जैसा है. ठीक यही उन्होंने सांसदों को निलंबित करके किया है. ज़िम्मेदार लोगों को सज़ा देने के बजाय सांसदों से उनके लोकतांत्रिक अधिकार छिने जा रहे हैं.”