नई दिल्ली: मथुरा में शाही मस्जिद ईदगाह के विवाद के बाद एक और नया मामला सामने आया है। अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान के निकट स्थित एक और मस्जिद को ठाकुर केशवदेव की 13.37 एकड़ जमीन में स्थित बताया है।
अदालत में दावा किया गया है कि यह मस्जिद अवैध अतिक्रमण है। हाल ही में इस पर नया निर्माण भी किया गया है जो कि गलत है। अदालत से इसे हटाने की मांग की है।
महासभा के कोषाध्यक्ष ने सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में प्रस्तुत किए गए वाद में कहा है कि औरंगजेब ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर को तोड़ा और शाही ईदगाह को अतिक्रमण के रूप में खड़ा किया।
उसके बाद औरंगजेब के वंशजों ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर के पूर्वी सीमा पर कथित मीना मस्जिद बना डाली जो कि गलत है तथा इसे इस जमीन से हटाया जाए। इसे लेकर किए गए दावे में उनके द्वारा सुन्नी वक्फ बोर्ड के अलावा मीना मस्जिद के सचिव को पार्टी बनाया गया है। अदालत ने दावे पर सुनवाई के लिए 26 अक्तूबर की तारीख लगाई है।
काशी विश्वनाथ के मामले में अदालत का फैसला स्वागत योग्य है। इसी फैसले का अनुसरण करते हुए मथुरा में भी अदालत निर्णय देगी और विपक्ष द्वारा 7 रूल 11 के प्रार्थनापत्रों को खारिज कर देगी।
काशी विश्वनाथ का निर्णय अदालत में करेंगे दाखिल
हम काशी विश्वनाथ में शृंगार गौरी के मामले में अदालत द्वारा 7 रूल 11 को बहस के बाद खारिज कर दिया है और केस पर सुनवाई प्रारंभ हो गई है। हम इस केस की प्रति प्राप्त कर रहे हैं और मंगलवार को इसकी प्रति अदालत को सौंपेंगे। इस निर्णय से हिंदुओं के दावे की पुष्टि हुई है।