नई दिल्ली: कुतुबमीनार परिसर में मौजूद मुगल मस्जिद में नमाज पढ़ने की मांग का दिल्ली हाईकोर्ट में केंद्र सरकार ने विरोध किया है, केंद्र की ओर से पेश वकील कीर्तिमान सिंह ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि ये मस्जिद संरक्षित स्मारक है और साकेत कोर्ट में ये मामला फिलहाल पेंडिंग है।
वक्फ बोर्ड के वकील ने कोर्ट में कहा कि साकेत कोर्ट में मामला कुतुबमीनार परिसार में ही मौजूद दूसरी मस्जिद कुवत उल इस्लाम को लेकर है न कि मुगल मस्जिद को लेकर, उन्होंने दलील दी कि मुगल मस्जिद संरक्षित स्मारकों की लिस्ट में शामिल नहीं है।
न्यूज़ 18 रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने इस दौरान कहा कि वहां पर नमाज पढ़ने से रोका जाना एकतरफा, गैरकानूनी और मनमाना फैसला है, इसके बाद केंद्र सरकार के वकील ने हाईकोर्ट से बहस जारी रखने के लिए और समय की मांग की है, जिसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई को 12 दिसंबर तक के लिए दिया है।
उल्लेखनीय है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की ओर से 15 मई को नमाज पर बैन लगाने को फैसले को चुनौती दी गई थी, वक्फ की ओर से हाईकोर्ट में मामले की जल्द सुनवाई को लेकर मेंशनिंग भी की गई थी, कहा गया था कि मस्जिद में नमाज पढ़ने पर रोक लगाने का आदेश जारी किया गया है लेकिन उससे पहले हर दिन नमाज पढ़ी जा रही थी, इस दौरान वक्फ के वकील ने कहा कि कुतुब परिसर में स्थित मस्जिद वक्फ की संपत्ति है लेकिन एएसआई ने अचानक नमाज पढ़ने से रोक लगा दी।
गौरतलब है कि कुछ दिनों से कुतुब मीनार परिसर में हिंदू और जैन देवताओं की मूर्तियों को फिर से स्थापित करने की मांग पर शुरु हुए विवाद के बीच दिल्ली वक्फ बोर्ड ने दावा किया था कि कुतुब मीनार परिसर की मस्जिद में नमाज हमेशा से होती रही है लेकिन एएसआई ने इसे रुकवा दिया, बोर्ड ने फिर से मस्जिद में नमाज पढ़े जाने की अनुमति मांगी है।