दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि उपराज्यपाल ने रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ अभियान की फाइल छुट्टी का बहाना देकर रोकी है। उपराज्यपाल ने फाइल पर साइन न होने के 3 बहाने बनाए हैं। एलजी फाइल रोकने के लिए बहाने बनाने की जगह जल्द से जल्द साइन करें। प्रदूषण के खिलाफ लड़ना हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी है।
दिल्ली में सर्दियों में प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से अरविंद केजरीवाल की सरकार 15 सूत्रीय कार्यक्रम बनाकर उसपर युद्ध स्तर पर कार्य कर रही है। इसके तहत धूल प्रदूषण को रोकने के लिए एंटी डस्ट अभियान, बायोमास बर्निंग तथा पराली बर्निंग को रोकने का अभियान, इंडस्ट्रीज को गैस ईंधन में कन्वर्ट करना आदि शामिल है।
दिल्ली में वाहन प्रदूषण को रोकने के लिए रेड लाइट पर लोग अपने गाड़ियों का इंजन बंद करने की आदत विकसित करने के लिए पिछले दो सालों से “रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ” अभियान चला रहे हैं। हम सब जानते हैं कि जब दिल्ली में कोई व्यक्ति अपना वाहन लेकर निकलता है और शाम को घर पहुंचता है कि तो वह कम-से-कम 10 से 12 रेड लाइट से होकर गुजरता है।
भारतीय पेट्रोलिय कंज्यूमर एसोसियशन के सर्वे के मुताबिक रेड लाइट होने पर भी वाहन को स्टार्ट रखने की वजह से प्रत्येक व्यक्ति प्रतिदिन लगभग 25 से 30 मिनट की बेकार में ईंधन जलाता है। इसलिए रेड लाइट होने पर प्रत्येक व्यक्ति अपने वाहन को बंद कर दे तो 15 से 20 प्रतिशत तक वाहन से होने वाले प्रदूषण में कमी आ सकती है।
इस अभियान में लगभग 2500 सिविल डिफेंस के वालंटियर्स को ट्रेनिंग देकर, दिल्ली पुलिस के साथ उनसे मॉकड्रिल कराकर दिल्ली के 100 व्यस्ततम चौराहों पर तैनात किया जाता है। जहां वे गांधीगरी के माध्यम से गुलाब देकर लोगों से अपने वाहनों का इंजन बंद करने का आग्रह करते हैं।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा इस बारे में आपको बताया था कि उपराज्यपाल कार्यालय से इससे संबंधित फाइल पर साइन न होने के कारण इस अभियान को फिलहाल रोक रहे हैं। इसके जवाब में उपराज्यपाल ने अपने विश्वस्थ सूत्रों के माध्यम से मीडिया में एक प्रेस नोट भेजा। जिसमें फाइल पर साइन न होने के 3 बहाने बताए गए।
उन्होंने कहा कि पहला बहाना यह बताया कि 21 तारीख को जब मुख्यमंत्री कार्यालय से फाइल उनके कार्यालय में आई तो उसके बाद पूरे सप्ताह छुट्टी थी। मैं आपसे कहना चाहता है कि कोई मुख्यमंत्री, मंत्री, राज्यपाल एक हफ्ते छुट्टी पर नहीं रहता है। मैं खुद दीपावली के दूसरे दिन 25 तारीख को दिल्ली सचिवालय के बाहर 150 मोबाइल एंटी स्मॉग गन को पूरे दिल्ली में छिड़काव करने के लिए भेजा, तब सारे अधिकारी भी मौजूद थे। मैंने 26 अक्टूबर को एंटी डस्ट अभियान की समीक्षा बैठक की। उसमें भी सारे अधिकारी मौजूद थे। जब 27 अक्टूबर को उपराज्यपाल कार्यालय से कोई जवाब नहीं आया तो हमने यह निर्णय लिया की इस अभियान को स्थगित कर दिया जाए। इस लिए यह केवल बहानेबाजी है की 7 दिन छुट्टी की वजह से फाईल पर साईन नहीं हुआ। यह इस बात को दर्शाता है कि उपराज्यपाल को दिल्ली में सर्दियों में होने वाले प्रदूषण का कोई अहसास ही नहीं है।
दूसरा बहाना उन्होंने यह दिया है कि इसप्रकार की फाइलों में दिमाग लगाना पड़ता है। इसलिए इसपर साइन करने के लिए समय चाहिए होता है। मेरा कहना यह है कि यदि उन्हें नहीं समझ में आ रहा है कि यह अभियान क्या है तो मुझे बुला लेते। मैं उन्हें समझा देता है कि यह अभियान क्या है और पिछले दो सालों से किस प्रकार चल रहा है।
तीसरा बहाना उन्होंने यह बनाया है कि उस फाइल में 31 अक्टूबर की तारीख लिखी हुई थी। इसलिए अभी साइन नहीं हुआ है। मैं आपको बताना चाहता हूँ कि जब सीएम अरविंद केजरीवाल को फाइल भेजी गई थी तो उसमें 31 अक्टूबर की तारीख लिखी हुई थी। लेकिन इस अभियान के पहले काफी तैयारी करनी पड़ती है। दिपावली के बाद यह आशंका थी की प्रदूषण का स्तर बढ़ेगा। इसलिए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि जल्दी करो। इसलिए हमने 22 तरीख को सारे मीडिया के माध्यम से यह बातें कहीं कि हम 28 तारीख से इस अभियान की शुरूआत करेंगे। हमने विभाग को नोट भेजा कि वे 28 तारीख से इस अभियान को प्रारम्भ करने की तैयारी करें।
एलजी ने कल मेरे द्वारा की गई प्रेस वार्ता के तो देख-पढ़ लिया। लेकिन जो 22 अक्टूबर को सारे मीडिया को बताया की प्रदूषण का स्तर बढ़ने के कारण इस अभियान को 31 के बजाए 28 अक्टूबर से ही शुरू करेंगे, वे खबर उन्होंने नहीं पढ़ी।
इस प्रकार ये 3 बहाने एलजी की तरफ से दिए गए हैं कि क्यों इस फाईल पर साईन नहीं हुआ है? मैं एक और दिलचस्प बात आपलोगों को बताना चाहता हूँ। एलजी 26 अक्टूबर को मुख्यमंत्री की आलोचना करते हैं। छठ की तैयारियों को लेकर उनको बुरा भला बोलते हैं। तब उनका ऑफिस खुला था। अभी तक फाईल पर साईन नहीं किए हैं और आज 28 तरीख हो गई है। कब हम ट्रेनिंग कराएंगे, कब उनसे मॉकड्रिल कराएंगे और कब सारी तैयारियां करेंगे। इसलिए मेरा निवेदन है कि मीडिया में बयानबाजी बंद कीजिए। अगर आपको मीडिया में बयानबाजी करनी है तो भाजपा के प्रवक्ता बन जाइए। क्योकि अभी तक जितने एलजी हुए हैं, उन सबसे ज्यादा बयान अकेले आपने जारी किए हैं।
इसलिए आपसे निवेदन है कि इस फाइल पर राजनीति न करें, दिल्ली के लोगों की सांसों पर राजनीति बंद करें और जल्दी से फाइल पर साईन करें ताकि हम इस अभियान को शीघ्र शुरू कर सकें।