बिहार की राजनीति में फिर कुछ ‘बड़ा’ होने वाला है और सियासी गलियारों में यह चर्चा आम है कि नीतीश कुमार महागठबंधन का दामन छोड़कर एकबार फिर NDA में आ सकते हैं. राज्य की राजधानी में बैठकों का दौर भी जारी है और इसी कड़ी में राबड़ी आवास पर आरजेडी की बैठक हुई है, जिसके बाद तेजस्वी यादव ने बड़ा दावा किया है.
बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद और उनकी पत्नी राबड़ी देवी के अलावा राज्य विधानमंडल के सदस्यों सहित वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया. सूत्रों के मुताबिक, तेजस्वी यादव ने बैठक में मौजूद पार्टी के नेताओं से कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ‘सम्माननीय’ हैं. लेकिन कई चीजें हैं जो उनके ‘नियंत्रण’ में नहीं हैं. साथ ही उन्होंने कथित तौर पर कहा, ‘बिहार में अभी खेल होना बाकी है.’
तेजस्वी यादव ने कहा, “CM नीतीश कुमार सम्मानजनक थे और हैं. महागठबंधन में RJD के सहयोगियों ने हमेशा मुख्यमंत्री का सम्मान किया है.” सूत्रों ने आगे बताया कि तेजस्वी ने राज्य में कई अप्रत्याशित राजनीतिक घटना के संकेत भी दिए हैं.
तेजस्वी यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री मेरे साथ मंच पर बैठते थे और पूछते थे, “2005 से पहले बिहार में क्या था?” मैंने कभी प्रतिक्रिया नहीं दी. अब, अधिक लोग हमारे साथ हैं. दो दशकों में जो कुछ भी अधूरा रह गया था, हम उसे हासिल करने में कामयाब रहे. यह बहुत कम समय में किया गया- चाहे वह नौकरियां हों, जाति जनगणना हो, आरक्षण बढ़ाना आदि हो.
बिहार विधानसभा का क्या है समीकरण? अभी के हालत में अगर नीतीश बीजेपी के साथ जाते हैं तो एनडीए के पक्ष में 127 विधायकों का समर्थन है. वहीं एआईएमआईएम के बचे हुए एक विधायक को अगर जोड़ दें तो राजद गठबंधन के पास 115 विधायकों का समर्थन हासिल है. बिहार विधानसभा में जादुई आंकड़ा 122 है. नीतीश कुमार के RJD से नाता तोड़ने की अटकलों के बीच राजद ने 122 के जादुई आंकड़े तक पहुंचने के लिए 8 और विधायकों को साधने की कवायद शुरू कर दी है. राजद+कांग्रेस+लेफ्ट की सीटों को मिला लिया जाए तो 79+19+16 यानी 114 का नंबर बनता है. मतलब साफ है बहुमत के लिए 8 विधायकों की कमी है. लालू खेमा इन्हीं 8 विधायकों को साधने में जुट गया है. वहीं, नीतीश कुमार जेडीयू के प्रमुख नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं. (साभार NDTV इंडिया)