अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में, डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर (DSW), जामिया मिलिया इस्लामिया के कार्यालय ने ‘Women in Science & Technology: Assuring Access, Participation & Aspiration’ विषय पर एक पैनल चर्चा का आयोजन आज सीआईटी सम्मेलन हॉल में किया। इसका अंतर्निहित उद्देश्य असमानताओं और जेंडर असंतुलन की चिंता पर ध्यान आकर्षित करना था जो विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में मौजूद है। यह अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस समारोह का पहला आयोजन था जो 1 से 8 मार्च, 2023 के बीच आयोजित किया जा रहा है।
पैनल में तीन महिला वैज्ञानिक शामिल थीं- प्रोफेसर क़मर रहमान, एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध वैज्ञानिक और शिक्षाविद्, प्रो. प्रेरणा गौर, निदेशक, वेस्ट कैंपस- एनएसयूटी, और प्रो. सीमी फरहत बसीर, डीन, प्राकृतिक विज्ञान संकाय, जामिया। जामिया की वाइस चांसलर प्रो. नजमा अख्तर (पद्मश्री) ने पैनल डिस्कशन की अध्यक्षता की।
प्रोफेसर इब्राहिम, डीएसडब्ल्यू, जेएमआई ने स्वागत भाषण दिया जिसमें उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि नीतिगत पहलों और ऑन-फील्ड तंत्र की सुविधा के बावजूद, कई रूढ़ियाँ बनी हुई हैं और कई बाधाएँ भी हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अब आवश्यकता व्यवसायों के उच्च स्तरों पर असंतुलन को दूर करने पर ध्यान केंद्रित करने की है।
प्रो. नजमा अख्तर ने अपने अध्यक्षीय भाषण की शुरुआत अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य में की और इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे जेंडर समानता हमेशा संयुक्त राष्ट्र के लिए एक मुख्य मुद्दा रहा है, जैसा कि शिक्षा, प्रशिक्षण, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार में महिलाओं और लड़कियों की पहुंच और भागीदारी से संबंधित प्रस्तावों को निरंतर अपनाने के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है। 11 फरवरी को ‘International Day of women and girls in science’ के रूप में मनाना इस मुद्दे को वैश्विक ध्यान में रखने की दिशा में एक और कदम है।
कुलपति ने आगे कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर हमारी सरकार जेंडर अंतर को पाटने के लिए सक्रिय रूप से कदम उठा रही है। जीएटीआई (या जेंडर एडवांसमेंट फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंस्टीट्यूशंस), विज्ञान ज्योति योजना और एसटीईएमएम में महिलाओं के लिए इंडो-यूएस फेलोशिप जैसी पहलों का उन्होंने उल्लेख किया। इसके बाद उन्होंने यह साझा किया कि लैंगिक समानता का मुद्दा जेएमआई प्रशासन के ध्यान में है। अभी हाल तक विश्वविद्यालय के तीन सर्वोच्च पदों- चांसलर, वाइस चांसलर और प्रो-वाइस चांसलर के पदों पर महिलाओं का कब्जा था। वर्तमान में विश्वविद्यालय के तीन संकायों का नेतृत्व महिला डीन कर रही हैं। उन्होंने जामिया की कुछ मेधावी छात्राओं की उपलब्धियों को भी याद किया जो संस्थान को गौरवान्वित कर रही हैं।
प्रो कमर रहमान ने असंगठित क्षेत्र में कार्यरत महिलाओं के कार्य वातावरण की चर्चा की। उन्होंने उन महिलाओं के संघर्षों को प्रकाश में लाने के लिए व्यक्तिगत घटनाएं सुनाईं, जो अपनी पसंद के क्षेत्र में हासिल करने और अपनी पहचान बनाने का प्रयास करती हैं। उन्होंने इस अवसर पर लड़कियों को अपनी पुस्तक ‘उफाक’ समर्पित भी की। मिलनसार अंदाज में साझा किए गए उनके अनुभवों ने दर्शकों के दिल को छू लिया।
प्रो. प्रेरणा गोयल ने कुछ बुनियादी युक्तियों के रूप में लड़कियों को कुछ त्वरित लेकिन उपयोगी सलाह दी – इन्वेस्ट योरसेल्फ इन एजुकेशन, एक-दूसरे का समर्थन करें, आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनें, आवाज़ उठाएं और खुद पर विश्वास करें।
प्रो. सीमी फरहत बसीर ने अपनी प्रस्तुति में कई महिला वैज्ञानिकों की कहानियों को सामने रखा, जिनकी उपलब्धियों का श्रेय या तो पुरुष वैज्ञानिकों को दिया जाता है या जिनके योगदान को उनके पुरुष सहयोगियों द्वारा अधिक प्रभावशाली पत्रों के लिए केवल फुटनोट के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कैसे विभिन्न रूपों में विविधतापूर्ण रचनात्मक अंतर्दृष्टि और समस्या समाधान के लिए कई दृष्टिकोणों को लाकर विज्ञान के क्षेत्र को समृद्ध करती है। उन्होंने जामिया में कई पहलों के बारे में विस्तार से बताया, जो हैंड होल्डिंग गतिविधियों के साथ-साथ निवारण तंत्र प्रदान करके जेंडर समानता की दिशा में काम करती हैं।
इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शिक्षकों और छात्रों ने भाग लिया, जो प्रोफेसर गुरजीत कौर, सहायक डीएसडब्ल्यू के धन्यवाद ज्ञापन के साथ समाप्त हुआ।