Roznama Khabrein
No Result
View All Result
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو
اردو
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو
No Result
View All Result
No Result
View All Result
Home विचार

मैं मोहम्मद जुबैर हूं

RK News by RK News
July 18, 2022
Reading Time: 1 min read
0
मैं मोहम्मद जुबैर हूं

पी. चिदंबरम 

RELATED POSTS

इजराइल-हमास जंग से गड़बड़ाया अमेरिकी गणित:-एक नज़रिया
लेखक: श्रुति व्यास

संविधान के सामने सनातन को खड़ा कर रहे हैं पीएम मोदी:- डॉ. उदित राज, पूर्व सांसद

आपराधिक कानूनों को बदलने वाले विधेयक पर जमात-ए-इस्लामी को गंभीर चिंता

तथ्यों की जांच करना गंभीर काम होता है। इसमें निष्पक्ष समझ, व्यापक अध्ययन, गहन शोध और अकादमिक साख की जरूरत होती है। तथ्यों की जांच-परख का काम उफनते पानी में से मछलियां निकालने या जायज गलतियों का लाभ ले लेने जैसा नहीं होता। तथ्यों की जांच करना जुएं निकालने जैसा काम भी नहीं है। इसके प्रकाशन के लिए किसी को भी पैसा मिलना चाहिए। तथ्यों को जांचना कोई इंस्पैक्टर का काम भी नहीं है, यह पत्थरों में से हीरे निकालने और पत्थरों को पहचान देने जैसा काम है।

मेरे सामने दो आकर्षक पुस्तिकाएं और कई परचे रखे हैं, जिनका शीर्षक है- ”एट इयर्स: सेवा, सुशासन, गरीब कल्याण”। भारत सरकार ने 2014 से अब तक की अपनी आठ साल (जो 31 मई, 2022 को पूरे हुए) की उपलब्धियों वाली चिकने कागजों की ये पुस्तिकाएं जारी की हैं।

मेरी समझ में उपलब्धियों का मतलब तथ्यों से है। सरकार ने जो हकीकत में किया है। यह बहस करना मूर्खता होगी कि आठ सालों में कुछ नहीं हुआ।

कोई भी सरकार जो पर्याप्त अवधि तक सत्ता में रहती है और जनता का पैसा खर्च करती है, उसके खाते में कुछ तो उपलब्धियां होंगी। उदाहरण के लिए, मेरा लंबे समय से मानना रहा है कि अगर कोई सरकार जान-बूझ कर नुकसान नहीं करती, तो भारत की जीडीपी पांच फीसद सालाना की दर से इसलिए बढ़ेगी, क्योंकि कृषि निजि क्षेत्र में है, ढेरों सेवाएं निजी क्षेत्र में हैं और विनिर्माण क्षेत्र का भी अच्छा-खासा हिस्सा निजी क्षेत्र में है। जो सरकार कम काम करती है या कुछ नहीं करती, वह नुकसान थोड़ा ही कर सकेगी। यह सिर्फ तभी होता है जब कोई सरकार सक्रिय रूप से नुकसान पहुंचाती है जैसे नोटबंदी, जिसने देश की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचाया।

सक्रिय रूप से नुकसान पहुंचाने के मोदी सरकार के कई और भी उदाहरण हैं। मैं इरादों पर सवाल नहीं उठा रहा हूं, मैं बचाव में जिद और प्रामाणिक रूप से गलत नीतियों पर डटे रहने पर सवाल उठा रहा हूं। जीएसटी कानून ऐसी ही एक नीति है, जिसमें पैदाइशी दोष हैं। दूसरा, चुनावी बांड है, जिसने उद्योगपतियों को किसी पार्टी से गठजोड़ करने और फिर उस पार्टी के जरिए चुनाव के पहले और बाद में सरकार के गठन को प्रभावित करने की इजाजत दे दी है।

ताजा उदाहरण अग्निपथ का है। आने वाले दिनों में हम महसूस करेंगे कि इस योजना ने भारतीय सेना (जिसमें नौसेना और वायुसेना भी हैं) को ठेके के जवानों की सेना में तब्दील कर दिया है, जिसमें युद्ध लड़ने और बलिदान देने की कम ही इच्छा होगी।

हालांकि इस लेख का विषय साधारण-सा ही है। पुस्तिकाओं और परचों में किए गए दावे कितने सच हैं? ऐसे विज्ञापन छाप कर क्या झूठे और गुमराह करने वाले दावे जानबूझ कर की गई कोशिश हैं? यहां कुछ नतीजे पेश हैं, जो विभिन्न स्रोतों के जरिए तथ्यों की जांच करके निकाले गए हैं।

प्रचार के बाद

दावा: सारी शहरी आबादी को वर्ष 2022 तक वहनयोग्य आवास मुहैया करवाने के लिए वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) शुरू की गई थी। जरूरत का आकलन करने के बाद, मंत्री के अनुसार एक करोड़ पंद्रह लाख घरों की मंजूरी दी गई थी, सत्तर लाख घर बन गए, और छियालीस लाख घर लाभार्थियों को सौंप दिए गए गए।

तथ्य: अट्ठावन लाख उनसठ हजार घर बन चुके थे। 31 मार्च 2022 के बाद योजना को बढ़ाया नहीं गया। भारत के शहरों और कस्बों में लाखों लोग बिना घर के सड़कों पर हैं और होंगे।

दावा: 99.99 फीसद घरों में बिजली पहुंचा दी गई।

तथ्य: नीति आयोग के साथ मिल कर स्मार्ट पावर इंडिया ने एक सर्वे करवाया, जिसमें यह उजागर हुआ कि देश की तेरह फीसद आबादी ऐसी है जो बिजली के लिए ग्रिड के इतर दूसरे स्रोतों का इस्तेमाल करती है या फिर बिजली ही इस्तेमाल नहीं करती। जिस दिन प्रधानमंत्री ने (म्यूनिख में) दावा किया कि ‘सारे गांवों में बिजली पहुंच चुकी है’, मीडिया ने खबर दी कि राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के पैतृक गांव में बिजली पहुंचाने के लिए युद्धस्तर पर काम किया जा रहा है!

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे (एनएफएचएस 5) के अनुसार 2015-16 में अट्ठासी फीसद आबादी के पास घरों में पहले ही से बिजली थी। मोदी सरकार ने इसमें 8.8 फीसद की और बढ़ोतरी कर इसे 96.8 फीसद पर पहुंचा दिया। इस बात को स्वीकार करने में कोई शर्म नहीं है कि अब भी कई गांवों और दूरदराज की बस्तियों में बिजली पहुंचाने का काम बाकी है और बड़ी संख्या में ऐसे परिवार हैं, जिनके पास बिजली नहीं है।

सच से परे

दावा: चार हजार तीन सौ इकहत्तर शहरों को खुले में शौच मुक्त घोषित कर दिया गया। स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण के तहत स्वच्छता सौ फीसद तक हो गई। ग्यारह करोड़ से ज्यादा परिवारों ने शौचालय बनवाए।

तथ्य: साउथ एशियन लेबर नेटवर्क के 2021 में करवाए गए सर्वे में पता चला कि अब भी पैंतालीस फीसद लोग खुले में शौच जा रहे हैं।

सर्वे में यह भी सामने आया कि जो बारह लाख शौचालय बना दिए जाने की बात की जा रही थी, वे वास्तव में बने ही नहीं थे। खुले में शौच मुक्त घोषित किए गए चार हजार तीन सौ इकहत्तर शहरों में से सिर्फ एक हजार दो सौ छिहत्तर शहर ही ऐसे रहे, जहां स्वच्छता और शौचालयों में पानी की सुविधा थी।

दावा: भारत 2022 तक कुपोषण मुक्त हो जाएगा। हथियार: पोषण तक पहुंच। मिशन: पोषण। नतीजा: उचित पोषण सुनिश्चित करने के लिए एक लाख इक्यासी हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च कर दिए गए।

तथ्य: राष्ट्रीय स्वास्थ्य परिवार सर्वे-5 और बुरी खबर लेकर आया। पंद्रह से उनचास साल आयुवर्ग वाली महिलाओं में सत्तावन फीसद महिलाएं खून की कमी से ग्रस्त निकलीं। छह से तेईस महीने आयुवर्ग वाले शिशुओं में 11.3 फीसद को ही पर्याप्त खुराक मिल पाई। कम वजन (32.1 फीसद), कम लंबाई (35.5 फीसद) और कमजोर फेफड़े (19.3 फीसद) वाले बच्चों का अनुपात भी काफी ज्यादा है।

इन पुस्तिकाओं में कुछ ऐसे दावे हैं, जो सही हैं और कुछ ऐसे जो सच्चाई के करीब हैं, वे कुछ अतिशयोक्ति पैदा करते हैं, लेकिन कई ऐसे हैं जो सिर्फ शेखी हैं। ऐसी शेखी बघारने वाली सारी सरकारें गुनहगार होती हैं, लेकिन यह सरकार इससे भी ऊपर निकल चुकी है और कभी भी किसी खामी को स्वीकार नहीं करती। मुझे हैरी ट्रूमैन के समझदारी वाले ये शब्द याद आते हैं: ”भरोसा करो, पर पहले सच्चाई जान लो”।

ShareTweetSend
RK News

RK News

Related Posts

विचार

इजराइल-हमास जंग से गड़बड़ाया अमेरिकी गणित:-एक नज़रिया
लेखक: श्रुति व्यास

October 17, 2023
विचार

संविधान के सामने सनातन को खड़ा कर रहे हैं पीएम मोदी:- डॉ. उदित राज, पूर्व सांसद

September 25, 2023
विचार

आपराधिक कानूनों को बदलने वाले विधेयक पर जमात-ए-इस्लामी को गंभीर चिंता

September 3, 2023
विचार

समान नागरिक संहिता बनने पर सबसे ज़्यादा दिक़्क़त हिंदुओं को होगी? :-एक नज़रिया

June 30, 2023
विचार

मोदी और राहुल का फर्क: एक नज़रिया

June 4, 2023
विचार

छत्रपति शिवाजी का राज्याभिषेक करने से ब्राह्मणों ने क्यों किया था इंकार

June 4, 2023
Next Post
अमरोहा में बाइक सवार दो कांवडि़यों की मौत के बाद हिंसा

अमरोहा में बाइक सवार दो कांवडि़यों की मौत के बाद हिंसा

राष्ट्रपति चुनाव में जमकर क्रास वोटिंग, हर पार्टी में लगी सेंध

राष्ट्रपति चुनाव में जमकर क्रास वोटिंग, हर पार्टी में लगी सेंध

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recommended Stories

आराध्या बच्चन ने फेक न्यूज के ख़िलाफ़ दिल्ली HC में दायर की याचिका

April 20, 2023
36 घंटे में 38 लाख खर्च, ट्रंप की 2020 की भारत यात्रा पर आरटीआई का जवाब

36 घंटे में 38 लाख खर्च, ट्रंप की 2020 की भारत यात्रा पर आरटीआई का जवाब

August 18, 2022

यूपी के सोनभद्र में बिजली कनेक्शन जोड़ने पर दलित युवक से मारपीट, चप्पल चटवाई, अभियुक्त गिरफ़्तार

July 8, 2023

Popular Stories

  • मेवात के नूह में तनाव, 3 दिन इंटरनेट सेवा बंद, 600 परFIR

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • कौन हैं जामिया मिलिया इस्लामिया के नए चांसलर डॉक्टर सैय्यदना सैफुद्दीन?

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • NCERT Recruitment 2023 में नौकरी पाने का जबरदस्त मौका, कल से शुरू होगा आवेदन, जानें तमाम डिटेल

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • नूपुर को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, कहा- बयान के लिए टीवी पर पूरे देश से माफी मांगे

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • दुआएं कुबूल, हल्द्वानी में नहीं चलेगा बुलडोजर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • खबरदार! धंस रहा है नैनीताल, तीन तरफ से पहाड़ियां दरकने की खबर, धरती में समा जाएगा शहर, अगर .…..!

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
Roznama Khabrein

The Roznama Khabrein advocates rule of law, human rights, minority rights, national interests, press freedom, and transparency on which the newspaper and newsportal has never compromised and will never compromise whatever the costs.

More... »

Recent Posts

  • हलाल प्रोडक्ट का सर्टिफिकेट देने वाली एजेंसियों के पास कोई टेस्टिंग लैब या विशेषज्ञता नहीं :FSDA
  • सुप्रीम कोर्ट ने लगाई द‍िल्‍ली सरकार को फटकार कहा,एड के ल‍िए 500 करोड़ दे सकते हैं..परियोजना के 400 करोड़ नहीं
  • हलाल उत्पादों पर यूपी सरकार का प्रतिबंध मुस्लिम समुदाय और इस्लाम के खिलाफ नफरत:प्रो० सलीम इंजीनियर, JIH उपाध्यक्ष

Categories

  • Uncategorized
  • अन्य
  • एजुकेशन
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • विचार
  • समाचार
  • हेट क्राइम

Quick Links

  • About Us
  • Support Us
  • Terms & Conditions
  • Privacy Policy
  • Grievance
  • Contact Us

© 2021 Roznama Khabrein Hindi

No Result
View All Result
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو

© 2021 Roznama Khabrein Hindi

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?