उपराज्यपाल, श्री वीके सक्सेना ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (DSSSB) द्वारा दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों / स्थानीय निकायों / स्वायत्त निकायों के लिए चयनित लगभग 1200 नव नियुक्त सरकारी कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र सौंपे। यह भव्य समारोह दिल्ली सरकार के सेवा विभाग द्वारा विज्ञान भवन में आयोजित किया गया।
इस अवसर पर श्रोताओं को संबोधित करते हुए माननीय उपराज्यपाल महोदय ने बताया कि लंबे समय से रिक्त स्थायी सरकारी रिक्तियों को भरने के लिए किए गए प्रतिबद्ध प्रयासों के परिणाम दिखने लगे हैं। केवल शिक्षा विभाग में ही पिछले 08 महीनों में 9369 नई भर्तियां की गई हैं और कुल मिलाकर विभिन्न विभागों/ एजेंसियों में शिक्षा निदेशालय सहित 12000 से अधिक नई भर्तियां की गई हैं। श्री सक्सेना ने बताया कि यह 2017-21 के बीच पिछले पांच वर्षों के दौरान की गई प्रति वर्ष औसत भर्ती से दोगुना से अधिक है, जो केवल 5880 थी। उन्होंने जल्द से जल्द सरकार में सभी स्थायी रिक्तियों को भरने के रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और बताया कि वह व्यक्तिगत रूप से भर्तियों की प्रक्रिया की निगरानी कर रहे हैं।
इस अवसर पर सचिव (सेवा) ने स्वागत भाषण दिया, इस दौरान मुख्य सचिव, दिल्ली, तथा दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों/ स्थानीय निकायों/ स्वायत्त निकायों के प्रमुख एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (DSSSB) द्वारा आयोजित परीक्षाओं के माध्यम से विभिन्न पदों के लिए चयनित कुल 1200 सफल अभार्थियों को उनके नियुक्ति पत्र लेने के लिए आमंत्रित किया गया था। केवल शिक्षा निदेशालय में ही 600 नई भर्तियां की गयी हैं, जबकि दिल्ली परिवहन निगम में 360 नई नियुक्तियां की गई हैं। चयनित उम्मीदवारों की बड़ी संख्या महिला, दिव्यांग और अन्य आरक्षित श्रेणियों से है।
उपराज्यपाल ने नवनियुक्त सरकारी सेवकों को उनके ईमानदार प्रयास द्वारा नौकरी पाने के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं में उनकी सफलता के लिए बधाई दी। उन्होने कहा की नवनियुक्त सरकारी सेवकों से यह अपेक्षा की जाती है की वे दिल्ली और देश के लिए सरकारी सेवक के रूप में अपने कर्तव्यों का पालन करते हुये भविषय मे भी पूरी लगन, ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ काम करेंगे।
श्री सक्सेना ने कहा कि दिल्ली में पदभार ग्रहण करने के दिन से ही विकास को गति देने के अलावा दिल्ली के नागरिकों को समयबद्ध तरीके से जनसेवा सुनिश्चित करने हेतु मानव संसाधन को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दे रहे हैं। वे खुद दिल्ली में मानव संसाधन बढ़ाने के लिए भर्ती की पूरी प्रक्रिया की निगरानी कर रहे हैं। दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (DSSSB) ने दिल्ली के विभिन्न विभागों में 18000 से अधिक रिक्त पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित की है। ये रिक्तियां शिक्षा विभाग, परिवहन विभाग, समाज कल्याण और महिला एवं बाल विकास विभाग एवम अन्य विभागों में विभिन्न पदों से संबंधित हैं।
उपराज्यपाल ने आगे कहा कि सभी संबंधित विभागों के ईमानदार प्रयास के कारण दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (DSSSB) द्वारा आयोजित परीक्षाओं के माध्यम से 18000 से अधिक पदों को भरना संभव हो पाया है। इसके अलावा दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (DSSSB) आने वाले दिनों में 25000 से अधिक पदों के लिए प्रतियोगी परीक्षा आयोजित करने की प्रक्रिया में है, क्योंकि यह उनकी प्राथमिकता है कि कोई स्थायी पद रिक्त नहीं रहेना चाहिए या संविदात्मक या तदर्थ नियुक्तियों के माध्यम से भरा नहीं रहना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि भर्ती की प्रक्रिया में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए विभाग को उपयुक्त निर्देश दिए गए हैं।
श्री सक्सेना ने एक विशेष संवर्ग में सभी कर्मचारियों के लिए नौकरी के दौरान प्रगति का पर्याप्त अवसर सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न कैडर के पुनर्गठन की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि सभी योग्य कर्मचारियों को समय पर पदोन्नति मिल सके। उन्होंने पेंशन मामलों के शीघ्र निवारण की आवश्यकता और पेंशन संबंधी मामलों के तत्काल निपटान के लिए पर्याप्त उपाय करने पर भी जोर दिया।
उपराज्यपाल ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं के लिए अधिक रोजगार के अवसर पैदा करने की आवश्यकता पर जोर दिया है, जो न केवल उन्हें आजीविका का साधन प्रदान करेगा, बल्कि भारत को आने वाला समय में एक विकसित देश बनाने के लिए आवश्यक मानव संसाधन भी उपलब्ध कराएगा।
मुख्य सचिव ने भी सभा को संबोधित किया और नए भर्ती हुए सरकारी सेवकों को प्रतियोगी परीक्षाओं को पास करके सरकारी सेवा में प्रवेश करने पर बधाई दी। उन्होंने कामना की कि वे आगे भी दिल्ली में नागरिक केंद्रित सेवा वितरण प्रणाली बनाने और भारत को एक विकसित देश बनाने की दिशा में ईमानदारी से प्रयासरत रहेगें ।
मुख्य सचिव ने नए नियुक्त लोगों को अपने कौशल और ज्ञान को बढ़ाने के लिए “कर्मयोगी” स्व- शिक्षण कार्यक्रमों में नामांकित करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली को एक वैश्विक शहर और भारत को एक विकसित देश बनाने के लिए सभी पक्षों को सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है।