नई दिल्ली: हरियाणा में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है, पार्टी उम्मीदवार अजय माकन को बीजेपी के समर्थन वाले निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा के हाथों हार का सामना करना पड़ा है, अजय माकन की हार में बड़ी भूमिका कांग्रेस के ही विधायक कुलदीप बिश्नोई ने निभाई।
कुलदीप बिश्नोई की ओर से की गई क्रॉस वोटिंग की वजह से माकन को हार का मुंह देखना पड़ा, वहीं, चुनाव आयोग ने कांग्रेस का एक वोट रद्द कर दिया था, जानिए माकन की हार के कारण क्या रहे।
इस चुनाव में वरिष्ठ कांग्रेस नेता अजय माकन को पर्याप्त वोट नहीं मिले, वहीं, पार्टी विधायक कुलदीप बिश्नोई ने ‘क्रॉस-वोटिंग’ की, जबकि एक अन्य विधायक के वोट को अमान्य घोषित कर दिया गया, चुनाव में कृष्ण लाल पंवार को 36 वोट मिले, जबकि निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा के खाते में प्रथम वरीयता के 23 मत गए और 6,6 वोट बीजेपी से स्थानांतरित होकर आए।
जिससे उनके मतों की कुल संख्या 29,6 हो गई, कांटे की टक्कर वाले इस मुकाबले में माकन को 29 वोट हासिल हुए, लेकिन दूसरी वरीयता का कोई वोट न होने के कारण वह हार गए।
दरअसल राज्यसभा में एक वोट की वैल्यू 100 अंक के बराबर होती है, हरियाणा में कुल 90 विधायकों में से 89 ने वोट दिए, जबकि निर्दलीय विधायक बलराज कुंडु मतदान से दूर रहे, और कांग्रेस का एक वोट रद्द हो गया, ऐसे में अब 88 सीटों के 8800 अंक हुए, तीन उम्मदवारों की वजह से 8800 अंकों को तीन से भाग किया जाएगा।
ऐसे में एक उम्मीदवार को जीतने के लिए 2934 वोट चाहिए थे, लेकिन बीजेपी सदस्यों द्वारा दिए गए वोटों का मूल्य 3,600 था, जिससे पहली सीट पंवार के लिए सुरक्षित हो गई, वहीं, शर्मा ने 2,960 वोट मूल्य के साथ दूसरी सीट जीत ली।
जिसमें दूसरी वरीयता के मतों के तौर पर बीजेपी उम्मीदवार से स्थानांतरित 660 वोट मूल्य शामिल है, कांग्रेस सदस्यों के वोटों का मूल्य 2,900 था, 40 विधायकों के साथ बीजेपी के पास जीत के लिए आवश्यक 31 प्रथम वरीयता मतों से नौ मत ज्यादा थे।