नई दिल्ली: साल 2002 में गुजरात दंगे के दौरान नरोदा गाव में हुए नरसंहार मामले में अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है. अहमदाबाद की विशेष अदालत में इस मामले पर सुनवाई चल रही थी. गौरतलब है कि इस मामले में बाबू बजरंगी और माया कोडनानी भी आरोपी थे. माया कोडनानी गुजरात सरकार में मंत्री रह चुकी हैं. बताते चलें कि इस घटना में 11 लोगों की मौत हो गई थी साथ ही कई अन्य घायल हो गए थे. गृह मंत्री अमित शाह 2017 में सुश्री कोडनानी के बचाव पक्ष के गवाह के रूप में पेश हुए थे. बरी किए गए लोगों के वकील ने आज अदालत के बाहर संवाददाताओं से कहा कि सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया है. हम फैसले की प्रति का इंतजार कर रहे हैं.
18 आरोपियों की हुई मौत
इस मामले के आरोपियों में बीजेपी की पूर्व विधायक माया कोडनानी और बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी समेत कुल 86 आरोपी थे, लेकिन उनमें से 18 लोगों की सुनवाई के दौरान मौत हो गई. गोधरा में ट्रेन आगजनी की घटना में अयोध्या से लौट रहे 58 यात्रियों की मौत के एक दिन बाद 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद शहर के नरोदा ग्राम इलाके में दंगे हुए थे.