पूर्व बीएसपी एमएलसी हाजी इकबाल उर्फ बाला को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. शीर्ष अदालत ने हाजी इकबाल, उन के भाई और बेटों के खिलाफ सहारनपुर के मिर्जापुर थाने में दर्ज 5 एफआईआर रद्द करने का आदेश दिया है. ये एफआईआर 2018 से 2023 के बीच दर्ज हुई थीं.
हाजी इकबाल ने छह एफआईआर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी. जस्टिस बीआर गवई और जेपी पारदीवाला की खंडपीठ ने सुनवाई के बाद मंगलवार (8 अगस्त) को इनमें से 5 एफआईआर रद्द करने का आदेश दिया.
हाजी इकबाल पर एक लाख का इनाम
हाजी इकबाल कई मामलों में वांछित चल रहे है. उनके ऊपर एक लाख रुपये का इनाम घोषित है. करीब 40 एफआईआर दर्ज हैं. पुलिस ने उनकी करीब दो हजार करोड़ की संपत्ति जब्त की है. हाजी इकबाल का भाई पूर्व एमएलसी महबूब अली और चार बेटे जेल में हैं. यही नहीं, प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग को भी हाजी इकबाल की तलाश है. इकबाल 10 हजार करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में केंद्रीय एजेंसियों के निशाने पर है.
हाजी इकबाल के केस की पैरवी कर रहे सहारनपुर के वकील संजय सिंह के हवाले से टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि 2018 के बाद से दर्ज 5 एफआईआर सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दी हैं. सिंह ने कहा, मेरे क्लाइंट को गैंग-रेप, डकैती, धोखाधड़ी, और लूट जैसे संगीन मामले में फंसाया गया था. एक मामले में उनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट लगाया गया था.
गैंगरेप के आरोप को कोर्ट ने पाया गलत
सुनवाई के दौरान, शीर्ष अदालत की पीठ ने हाजी इकबाल और अन्य के खिलाफ एफआईआर को खारिज करने के साथ ही आरोपों पर सवाल भी उठाए, जिन्हें इलाहाबाद हाई कोर्ट नोटिस करने में विफल रहा था. इसमें 25 अगस्त 2022 को दर्ज की गई एफआईआर में इकबाल, उसके भाई और बेटों पर गैंगरेप का मामला भी शामिल था.
दोनों पक्षों को सुनने के बाद बेंच ने कहा, “पूरी एफआईआर में, अपीलकर्ता के खिलाफ बलात्कार या आपराधिक धमकी के किसी भी आरोप का संकेत नहीं है.” पीठ ने आगे कहा, हमें इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए कि किसी न किसी कारण से अपीलकर्ता को निशाना बनाया जा रहा है.