प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) की फैक्ट चेकिंग इकाई द्वारा किसी भी खबर को फेक बताए जाने के बाद उसे सोशल मीडिया समेत ऑनलाइन मंचों से हटाना होगा। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 के एक संशोधन मसौदे में यह कहा गया है.मंगलवार (17 जनवरी) को मंत्रालय की वेबसाइट पर अपलोड किए गए नए मसौदे में ऑनलाइन गेमिंग मंचों के लिए भी नियम तय किए गए हैं
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने कल बुधवार को सरकार से आईटी नियमों के मसौदे में सोशल मीडिया कंपनियों को पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) द्वारा “फर्जी” माने जाने वाले समाचार लेखों को हटाने जाने के नियमों में, सुधार का आग्रह किया है। एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने कहाकि मंत्रालय पेश किए गये मसौदे को रद्द करे और डिजिटल मीडिया नियमन के लिए प्रेस निकायों, मीडिया संगठनों और अन्य हितधारकों के साथ बातचीत करे, ताकि प्रेस की स्वतंत्रता को कमजोर न किया जा सके।
एडिटर्स गिल्ड द्वारा जारी बयान मौजूदा मसौदे पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि फेक न्यूज के निर्धारण का अधिकार सरकार के हाथों में नहीं दिया जा सकता है, अगर ऐसा होता है तो इसके परिणामस्वरूप स्वतंत्र प्रेस पर सेंसरशिप होगी।
गिल्ड ने कहा कि नई प्रक्रिया मूल रूप से स्वतंत्र प्रेस का गला घोंटने जैसा है। पीआईबी या फिर सरकार द्वारा अधिकृत किसी अन्य एजेंसी को ज्यादा शक्ति देने का मतलब है कि स्वंतत्र रूप से काम कर रहे प्रेस को मजबूर करना कि सरकार को खराब लगने वाली सामग्री को हटाने पर मजबूर करेगी।