दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली वक्फ बोर्ड में कथित अनियमितताओं से जुड़े एक हाई-प्रोफाइल मामले में आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला खान और 10 अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए हैं. कोर्ट ने खान और तत्कालीन वक्फ बोर्ड के सीईओ महबूब आलम पर आपराधिक साजिश (आईपीसी की धारा 120-बी) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(d) व 13(2) के तहत आरोप तय किए. बाकी नौ आरोपियों- हामिद अख्तर, किफायतुल्ला खान, रफीउस्सन खान, इमरान अली, मोहम्मद अहरार, आकिब जावेद, अजहर खान, जाकिर खान और अब्दुल मन्नार पर आपराधिक साजिश के आरोप लगाए गए हैं.
यह मामला 2016 से 2021 के बीच वक्फ बोर्ड में अवैध नियुक्तियों और वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित है. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इस मामले की जांच 2016 में शुरू की थी और अगस्त 2022 में खान समेत 11 लोगों के खिलाफ पहला आरोप पत्र दाखिल किया था. सीबीआई के अनुसार खान ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में अपने पद का दुरुपयोग करते हुए 41 लोगों की अवैध नियुक्तियां कीं, जिनमें उनके रिश्तेदार और परिचित शामिल थे. इनमें से केवल 22 नियुक्तियों के लिए विज्ञापन प्रकाशित किए गए थे, जबकि शेष 19 लोग अनौपचारिक रूप से अनुबंध या दैनिक भुगतान के आधार पर नियुक्त किए गएइन नियुक्तियों के कारण वक्फ बोर्ड को 27.2 लाख रुपये का वित्तीय नुकसान हुआ, जो इन कर्मचारियों को वेतन और अन्य भत्तों के रूप में चुकाया गया. सीबीआई ने अपनी जांच में पाया कि खान ने नियुक्तियों में दिल्ली वक्फ बोर्ड अधिनियम, 1995 और सरकारी दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया. 2016 में एक उर्दू अखबार में विज्ञापन प्रकाशित कर कुछ नियुक्तियों को नियमित करने की कोशिश की गई थी, जिसे जांच एजेंसी ने अवैध नियुक्तियों को वैध बनाने का प्रयास करार दिया.
इसके अलावा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सीबीआई की प्राथमिकी और दिल्ली पुलिस की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) द्वारा दर्ज एक अन्य मामले के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की. ईडी ने दावा किया कि खान ने अवैध नियुक्तियों और वक्फ बोर्ड की संपत्तियों के अनुचित पट्टे के जरिए 36 करोड़ रुपये की अपराध की आय अर्जित की और इसे अपने सहयोगियों के नाम पर संपत्तियों में निवेश कियाखान को सितंबर 2022 में एसीबी ने गिरफ्तार किया था और सितंबर 2024 में ईडी ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हिरासत में लिया था. हालांकि, नवंबर 2024 में राउज एवेन्यू कोर्ट ने अभियोजन के लिए आवश्यक स्वीकृति के अभाव में खान को जमानत दे दी थी. खान ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए दावा किया कि सीबीआई और ईडी के पास उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं हैं.आभार news18hindi