नई दिल्ली:आईआईएम इंदौर ने नौकरीपेशा युवाओं को मार्केट डिमांड के आधार पर स्किल, री-स्किल और अपस्किल करने के लिए मॉस्टर ऑफ मैनेजमेंट स्ट्डीज (एमएमएस) प्रोग्राम शुरू करने की घोषणा की है। इस ऑनलाइन डिग्री प्रोग्राम में 900 घंटे का शिक्षण सत्र होगा। इस प्रोग्राम में दाखिले के लिए उम्मीदवार के पास स्नातक के साथ दो साल का पूर्णकालिक कार्य का अनुभव जरूरी है।
आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रोफेसर हिमांशु राय ने बताया कि आज कामकाजी युवाओं के लिए सबसे बड़ी दिक्कत नौकरी के साथ-साथ अपनी शिक्षा को जारी रखना है। वर्किंग युवाओं की इसी दिक्कत को दूर करने के लिए मास्टर ऑफ मैनेजमेंट स्ट्डीज प्रोग्राम को शुरू किया जा रहा है।
प्रोफेसर राय ने कहा कि आईआईएम इंदौर का मास्टर ऑफ मैनेजमेंट स्ट्डीज प्रोग्राम एक नया ऑनलाइन डिग्री प्रोग्राम है, जिसे वर्किंग प्रोफेशनल्स को उनकी नौकरी के समय को बाधित किए बिना डिग्री हासिल करने के लिए डिजाइन किया गया है। कॅरिअर में उन्नति के लिए शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानते हुए; यह प्रोग्राम स्किल्स को बेहतर बनाने में मदद करेगा।
मैनेजमेंट का क्षेत्र तेज़ी से बदल रहा है, और नवाचार अब केवल एक अवधारणा नहीं है। इस प्रोग्राम में दाखिले के लिए स्नातक के बाद न्यूनतम दो वर्ष का पूर्णकालिक कार्य अनुभव और किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से कम से कम 50 फीसदी अंकों या समकक्ष सीजीपीए के साथ स्नातक की डिग्री की आवश्यकता है
आईआईएम की फैकल्टी ही पढ़ाएंगे
प्रो. राय ने कहा, एमएमएस इन वर्किंग प्रोफेशनल्स के कॅरिअर में क्रांति लाने, प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने और डेटा की सुरक्षा के साथ-साथ लीडरों को आधुनिक व्यवसाय के जटिल परिदृश्य को समझने के लिए सशक्त बनाएगा। प्रोग्राम में आईआईएम इंदौर की फैकल्टी और विशेषज्ञ पढ़ाएंगे। केस-स्टडी को विषयों में सम्मिलित करके एमएमएस विविध डोमेन में व्यापक ज्ञान प्रदान करता है, और यह सुनिश्चित करता है कि प्रतिभागियों को आवश्यक कौशल, एक मजबूत नैतिक आधार और नेतृत्व की भूमिका निभाने की क्षमता से लैस किया जाए। आज के परिदृश्य में, नैतिक नेतृत्व एक महत्वपूर्ण आधारशिला है।
प्रो. राय ने कहा, विश्व स्तरीय ज्ञान प्रदान करने के अलावा, इस प्रोग्राम का उद्देश्य ईमानदारी से नेतृत्व करने, अनिश्चितताओं से निपटने और संगठनात्मक विकास को बढ़ावा देने वाले प्रबंधकों और लीडरों को तैयार करना भी है। यह प्रोग्राम कार्यकारी शिक्षा में एक नए युग की शुरुआत करता है। इसमें प्रौद्योगिकी, डेटा और नवाचार का उपयोग करके पेशेवरों को आज की गतिशील व्यावसायिक दुनिया में आगे बढ़ने के लिए आवश्यक कौशल से लैस करना शामिल है, जिससे ऐसे लीडर और प्रबंधक तैयार हों जो प्रबंधन के भविष्य को फिर से परिभाषित करेंगे। (साभार.अमर उजाला)