Roznama Khabrein
No Result
View All Result
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو
اردو
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو
No Result
View All Result
No Result
View All Result
Home देश-विदेश

दुनिया में घटती जनसंख्या बनी चिंता

 आबादी बढ़ानी हो, तो बच्चों के पालन-पोषण को आसान बनाना होगा

RK News by RK News
July 5, 2021
Reading Time: 1 min read
0
दुनिया में घटती जनसंख्या बनी चिंता

हालिया सर्वेक्षणों के मुताबिक अमेरिकी अभी भी कई बच्चों का माता-पिता बनना चाहते हैं। लेकिन बच्चों के पालन-पोषण में होने वाले खर्च को लेकर वे चिंतित रहते हैं। इसकी वजह देश में स्टूडेंट लोन के जरिए पढ़ाई का बढ़ता चलन, पारिवारिक अवकाश सुनिश्चित करने वाली नीति का अभाव और करियर में आने वाली रुकावटें हैं…

RELATED POSTS

Babar Azam के नाम दर्ज हुआ एक खास रिकॉर्ड और एक बेहद खास रिकॉर्ड अपने नाम नहीं कर पाए

अल्लाह के रसूल पर विवादित टिप्पणी के मामले में ईरान के विदेश मंत्री को डोभाल का भरोसा, दोषियों पर करेंगे कड़ी कार्रवाई

देश को ब्याज की लानत से मुक्त कराना चाहता हूँ : रजब तईय्यब अर्दोगान

अमेरिका और चीन में जनसंख्या वृद्धि की दर लगातार धीमी हो रही है। लेकिन जानकारों कहना है कि इन दोनों में कोई चिंता की बात नहीं है। इसलिए क्योंकि जनसंख्या के मामले में ऐसा कोई बिंदु नहीं होता, जहां से वापस लौटना संभव ना हो। जानकारों के मुताबिक अगर सरकारें जनसंख्या दर गिरने के बुनियादी कारणों पर ध्यान दें, तो समस्या को आसानी से हल किया जा सकता है। इस सिलसिले में विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि सरकारों को बच्चों के पालन-पोषण की लागत घटाने के इंतजाम करने चाहिए।

जनसंख्या बढ़ने या घटने का अर्थव्यवस्था पर असर पड़ता है। आबादी में कामकाजी उम्र वाले लोगों का अनुपात घटने का मतलब कम उत्पादक आबादी का मौजूद रहना होता है। जबकि बुजुर्ग लोगों की संख्या कमाने वालों से अधिक होने पर सामाजिक सुरक्षा पर सरकारों को अधिक खर्च करना पड़ता है। संयुक्त राष्ट्र ने भविष्यवाणी की है कि अगले 30 वर्षों में दुनिया की आबादी बढ़ कर 9 अरब 70 करोड़ हो जाएगी। 2019 में ये आबादी सात अरब 70 करोड़ थी।

अगले तीन दशकों में जो आबादी बढ़ेगी, उसकी आधी संख्या सिर्फ नौ देशों में होगी। चीन उन 55 देशों में होगा, जहां आबादी कम से कम आज की तुलना में एक फीसदी घट जाएगी। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक दुनिया में इस समय प्रजनन उम्र वाले लोगों की संख्या, एक पीढ़ी की ऐसी संख्या से ज्यादा है। इसलिए अगर प्रजनन दर में अचानक बड़ी गिरावट आ जाए, तब भी नवजात शिशुओं की संख्या उतनी अधिक होगी, जितनी पिछले कई दशकों में नहीं रही।

अमेरिकी थिंक टैंक अमेरिकन एंटरप्राइज इंस्टीट्यूट एडजंक्ट में फेलो लिमैन स्टोन ने वेबसाइट एक्सियोस.कॉम से कहा- ‘हमें इस बारे में सोचना चाहिए कि लोग क्या चाहते हैं। लोग अपने देश में किस हद तक आव्रजन चाहते हैं। लोग किस उम्र तक जीना चाहते हैं।’ उन्होंने ध्यान दिलाया कि फिलहाल अमेरिका जनसंख्या संबंधी तीनों कसौटियों पर पिछड़ रहा है। ये कसौटियां हैं- आव्रजन, जीवन प्रत्याशा, और प्रजनन दर। उन्होंने कहा- ‘जब सामान्य इच्छाएं पूरी न हो सकें, तो ये इस बात का संकेत होता है कि समाज में समस्या है।’

हालिया सर्वेक्षणों के मुताबिक अमेरिकी लोग अभी भी कई बच्चों का माता-पिता बनना चाहते हैं। लेकिन बच्चों के पालन-पोषण में होने वाले खर्च को लेकर वे चिंतित रहते हैं। इसकी वजह देश में स्टूडेंट लोन के जरिए पढ़ाई का बढ़ता चलन, पारिवारिक अवकाश सुनिश्चित करने वाली नीति का अभाव और करियर में आने वाली रुकावटें हैं। जानकारों के मुताबिक इन्हीं कारणों से हाल में चीन में भी जनसंख्या में गिरावट आई है। इसके अलावा चीन में तकरीबन चार दशक तक चलाई गई वन चाइल्ड पॉलिसी के कारण लैंगिक असंतुलन (लड़के-लड़कियों की संख्या में अंतर) भी बढ़ गया है।

विश्लेषकों ने ध्यान दिलाया है कि एक तरफ चीन में अधिक बच्चे पैदा करने के लिए अब लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है, उसी समय चीन सरकार ने रिटायरमेंट की उम्र भी बढ़ा दी है। इससे बच्चों के पालन-पोषण में दिक्कत बढ़ेगी, क्योंकि जिन परिवारों में पत्नी-पत्नी दोनों नौकरी करते हों, उनमें आमतौर पर रिटायर लोग ही छोटे बच्चों की देखभाल करते हैं। जनसंख्या विशेषज्ञों ने कहा है कि जो देश सचमुच अपनी आबादी बढ़ाना चाहते हैं, उन्हें उन कारणों को दूर करना चाहिए, जिनकी वजह से लोग ज्यादा बच्चे नहीं पैदा करना चाहते।

Tags: जनसंख्या
ShareTweetSend
RK News

RK News

Related Posts

Babar Azam के नाम दर्ज हुआ एक खास रिकॉर्ड और एक बेहद खास रिकॉर्ड अपने नाम नहीं कर पाए
देश-विदेश

Babar Azam के नाम दर्ज हुआ एक खास रिकॉर्ड और एक बेहद खास रिकॉर्ड अपने नाम नहीं कर पाए

June 11, 2022
अल्लाह के रसूल पर विवादित टिप्पणी के मामले में ईरान के विदेश मंत्री को डोभाल का भरोसा, दोषियों पर करेंगे कड़ी कार्रवाई
देश-विदेश

अल्लाह के रसूल पर विवादित टिप्पणी के मामले में ईरान के विदेश मंत्री को डोभाल का भरोसा, दोषियों पर करेंगे कड़ी कार्रवाई

June 9, 2022
देश को ब्याज की लानत से मुक्त कराना चाहता हूँ : रजब तईय्यब अर्दोगान
देश-विदेश

देश को ब्याज की लानत से मुक्त कराना चाहता हूँ : रजब तईय्यब अर्दोगान

December 23, 2021
भारत-चीन सीमा संबंधी 17 सवाल संसद की प्रश्नसूची से हटाए गए, वजह राष्ट्रीय सुरक्षा बताई गई
देश-विदेश

भारत-चीन सीमा संबंधी 17 सवाल संसद की प्रश्नसूची से हटाए गए, वजह राष्ट्रीय सुरक्षा बताई गई

December 22, 2021
अफ़ग़ान सैनिक आत्मसमर्पण करें, तालिबान की धमकी
देश-विदेश

अफ़ग़ान सैनिक आत्मसमर्पण करें, तालिबान की धमकी

July 14, 2021
अफगानिस्‍तान में अनिश्चित काल तक ‘लड़ना’ US के हित में नहीं, 31 अगस्‍त को खत्‍म होगा सैन्‍य अभियान : जो बाइडेन
देश-विदेश

अफगानिस्‍तान में अनिश्चित काल तक ‘लड़ना’ US के हित में नहीं, 31 अगस्‍त को खत्‍म होगा सैन्‍य अभियान : जो बाइडेन

July 10, 2021
Next Post
मुनव्वर राना तुमने अपने प्रशंसकों को शर्मसार कर दिया

मुनव्वर राना तुमने अपने प्रशंसकों को शर्मसार कर दिया

UP में एक भी मुस्लिम प्रत्याशी की जीत नहीं, ओवैसी का छलका दर्द

UP में एक भी मुस्लिम प्रत्याशी की जीत नहीं, ओवैसी का छलका दर्द

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recommended Stories

उलमा और बुद्धिजीवी टीवी डिबेट्स में न जाए, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का मशवरा

उलमा और बुद्धिजीवी टीवी डिबेट्स में न जाए, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का मशवरा

June 10, 2022
अल्लाह के रसूल पर टिप्पणी: नूपुर शर्मा को कोलकाता पुलिस ने फिर किया तलब

अल्लाह के रसूल पर टिप्पणी: नूपुर शर्मा को कोलकाता पुलिस ने फिर किया तलब

June 24, 2022
विवाहिता ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, दहेज उत्पीड़न का आरोप

विवाहिता ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, दहेज उत्पीड़न का आरोप

July 6, 2021

Popular Stories

  • भारत की पहली मुस्लिम फीमेल न्यूरोसर्जन बनी डॉ. मरियम अफीफा अंसारी

    भारत की पहली मुस्लिम फीमेल न्यूरोसर्जन बनी डॉ. मरियम अफीफा अंसारी

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • क्या जमीयत के साथ ज़ीटीवी की बदतमीजी को नज़रअंदाज किया जा सकता है?

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • दारुल उलूम देवबंद, ए एम यू और जामिया मिलिया को तबाह कर दो : स्वामी नरसिंघा नंद का भड़काऊ बयान

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • जामिया आवासीय कोचिंग अकादमी: UPSC की निशुल्क कोचिंग के लिए 30 जून तक होगा आवेदन

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • यूनीफार्म सिवल कोड लागू होने से मुल्क की एकता को गहरा धक्का लगेगा :मुफ़्ती अबुलक़ासिम नाोमानी

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • मुनव्वर राना तुमने अपने प्रशंसकों को शर्मसार कर दिया

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
Roznama Khabrein

The Roznama Khabrein advocates rule of law, human rights, minority rights, national interests, press freedom, and transparency on which the newspaper and newsportal has never compromised and will never compromise whatever the costs.

More... »

Recent Posts

  • आरसीए जामिया मिल्लिया इस्लामिया के चार छात्रों का IFS में चयन
  • चंद लोगों की गलती की वजह से आप पूरे समाज को बदनाम नहीं कर सकते
  • राहुल नहीं तो क्या प्रियंका बनेंगी कांग्रेस अध्यक्ष?

Categories

  • Uncategorized
  • अन्य
  • एजुकेशन
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • विचार
  • समाचार
  • हेट क्राइम

Quick Links

  • About Us
  • Support Us
  • Terms & Conditions
  • Privacy Policy
  • Grievance
  • Contact Us

© 2021 Roznama Khabrein Hindi

No Result
View All Result
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو

© 2021 Roznama Khabrein Hindi

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?