भारतीय जनता पार्टी अगले लोकसभा चुनाव की तैयारी में लगी है। बताया जा रहा है कि पार्टी इस बार कई राज्यसभा सांसदों को चुनाव के मैदान में उतार सकती है। असल में पिछले दिनों भाजपा के राज्यसभा सांसदों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक हुई है, जिसमें उन्होंने सांसदों से जमीन पर काम करने को कहा है। इन सांसदों की जिम्मेदारी भी उन क्षेत्रों में ज्यादा है, जहां भाजपा का लोकसभा सांसद नहीं है। बताया जा रहा है कि संसद का शीतकालीन सत्र समाप्त होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने उच्च सदन में पार्टी के सदस्यों से अलग अलग समूहों में सुबह के नाश्ते पर मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने सांसदों के साथ लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा की।
बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री राज्यसभा सांसदों से कहा कि उनका कोई चुनाव क्षेत्र नहीं है इसलिए उनके पास ज्यादा समय है कि वे अलग अलग जगह पर जाएं और लोगों को जोड़ने का काम करें। मोदी ने सबसे ज्यादा चर्चा सोशल मीडिया को लेकर की। भाजपा के जानकार सूत्रों के मुताबिक उन्होंने सभी सांसदों से कहा कि वे सोशल मीडिया में अपन फॉलोवर बढ़ाने के लिए काम करें। उनकी सोशल मीडिया प्रेजेंस का भी आकलन किया गया और बताया जा रहा है कि यह भी पूछा गया कि उन्होंने केंद्र सरकार के कामकाज, फैसलों या नमो ऐप के जरिए शेयर की जाने वाली सामग्री का कितना प्रचार किया। कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री ने सांसदों से काशी करिडोर, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, महाकाल लोक आदि को देखने जाने के लिए भी कहा और यह भी कहा कि वे लोगों के लिए इन जगहों की यात्राओं का आकलन करें।
ध्यान रहे लगातार तीसरी बार किसी भी पार्टी के लिए चुनाव जीतना आसान नहीं होता है। इसलिए प्रधानमंत्री मोदी हर तरह के उपाय कर रहे हैं। वे चाह रहे हैं कि उनकी सरकार ने ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व की जगहों पर जो काम किया है वह ज्यादा से ज्यादा लोगों को दिखाया जाए। इसके अलावा वे यह भी चाहते हैं कि पार्टी के जाने माने चेहरे या मशहूर नेता इस बार खुद चुनाव लड़ें ताकि एंटी इन्कंबैंसी को कम किया जा सके। इससे यह भी अंदाजा लगाया जा रहा है कि कई मौजूदा लोकसभा सांसदों की टिकट कट सकती है।
ध्यान रहे पिछली बार एकाध राज्यसभा सांसद लोकसभा का चुनाव लड़े थे। जैसे रविशंकर प्रसाद को पटना साहिब सीट से लड़ाया गया था। इस बार ऐसे सांसदों की संख्या बढ़ सकती है। ध्यान रहे इस समय राज्यसभा में भाजपा के 92 सांसद हैं। बताया जा रहा है कि एक दर्जन से ज्यादा सांसदों को लोकसभा का चुनाव लड़ाया जा सकता है। भाजपा के जानकार सूत्रों के मुताबिक मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया, बिहार में सुशील मोदी, राकेश सिन्हा व सतीश चंद्र दुबे, छत्तीसगढ़ में सरोज पांडेय, ओडिशा में धर्मेंद्र प्रधान, तेलंगाना में डॉक्टर के लक्ष्मण, गुजरात में डॉक्टर मनसुख मंडाविया, महाराष्ट्र में नारायण राणे, असम में सर्बानंद सोनोवाल जैसे राज्यसभा सांसदों के बारे में कहा जा रहा है कि ये अगला लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे। हालांकि केंद्रीय मंत्रियों को लेकर अभी दुविधा बताई जा रही है क्योंकि उनको कई लोकसभा सीटों पर काम करने की जिम्मेदारी दी गई है।