केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में स्थित अमेरिकी थिंक टैंक पीटरसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स (पीआईआईई) में देश की नकारात्मक पश्चिमी ‘धारणा’ का जवाब दिया. एडम एस पोसेन ने वित्त मंत्री से सवाल किया कि पश्चिमी प्रेस में विपक्षी दल के सांसदों की स्थिति खोने और भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों के हिंसा का शिकार होने के बारे में बड़े पैमाने पर रिपोर्टिंग हो रही है. जिस पर वित्त मंत्री ने अपनी प्रतिक्रिया दी.
एनडीटीवी के मुताबिक इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “भारत में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी रहती है और यह आबादी बढ़ रही है. यदि कोई धारणा है या वास्तव में ऐसा है कि उनका जीवन मुश्किल में है या सरकार के समर्थन से मुश्किल बना दिया गया है, जैसा कि अधिकांश लेखों में लिखा है. मैं पूछना चाहती हूं कि क्या भारत के बारे में ये कहना तब सही होगा जब मुस्लिम आबादी 1947 की तुलना में बढ़ रही है? वहीं पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की हालत बदतर होती जा रही है और उनकी संख्या दिन पर दिन घट रही है. पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर मामूली आरोप लगाए जाते हैं, जिसके लिए मौत की सजा जैसी सजा दी जाती है. पाकिस्तान के मुसलमानों की भारत से तुलना करते हुए कहा कि भारत में मुसलमान बेहतर कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, “भारत में हर जगह, अगर मुसलमानों को प्रभावित करने के लिए हिंसा हो रही है, यह बयान भ्रम है. यह कहना कि यह सब भारत सरकार का दोष है तो मैं कहना चाहूंगी, मुझे बताओ, क्या साल 2014 और आज के बीच, जनसंख्या कम हो गई है? मैं उन लोगों को भारत आने के लिए आमंत्रित करूंगी, जो ये रिपोर्ट लिखते हैं मैं उनकी मेजबानी करूंगी. उन्हें भारत आने दीजिए और अपनी बात साबित करने दीजिए.”