नई दिल्ली (एजेंसी)पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर लगाए गए बैन पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा है कि केंद्र सरकार का कदम बिलकुल दुरुस्त था। कोर्ट ने बैन को जायज ठहराते हुए उस याचिका को खारिज कर दिया जो केंद्र के फैसले के विरोध में दायर की गई थी। इस तरह कर्नाटक उच्च न्यायालय ने देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता के लिए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर केंद्र के प्रतिबंध को बरकरार रखा है। प्रतिबंध को बेंगलुरु निवासी और प्रतिबंधित संगठन के प्रदेश अध्यक्ष नासिर अली ने चुनौती दी थी।
‘जनसत्ता’ के अनुसार इस मामले में जस्टिस एम नागप्रसन्ना (Justice M Nagaprasanna) की सिंगल बेंच ने बुधवार को फैसला सुनाया। केंद्र सरकार ने 28 सितंबर को तत्काल प्रभाव से संगठन और उसके सहयोगी संगठनों पर पांच साल की अवधि के लिए प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया था। केंद्र ने यह कार्रवाई देश भर में पीएफआई (PFI) के कार्यालयों और उसके सदस्यों के आवासों पर छापेमारी के बाद की थी।
केंद्र सरकार की ओर से दलील रखने वाले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पीएफआई देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहा था और उसने देश में हिंसक गतिविधियों को अंजाम देने वाले और इस तरह के कृत्यों को बढ़ावा देने वाले आतंकवादी संगठनों से हाथ मिलाया था।