नई दिल्ली: असम की हिमंत बिस्वा सरमा सरकार ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए राज्य के पांच असमिया भाषी मुस्लिम समुदायों को ‘स्वदेशी’ का दर्जा देने का फैसला किया है। इस कदम के बाद इन समुदायों की पहचान बंगाली भाषी मुसलमानों से अलग होगी। असम की कैबिनेट ने जिन पांच समुदायों को स्वदेशी का दर्जा देने का फैसला किया है उनमें वे गोरिया, मोरिया, देसी, जुला और सैयद शामिल हैं।
इन पांच मुस्लिम समुदायों के लोगों को स्वदेशी असमिया मुसलमानों के रूप में वर्गीकृत किया गया है। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब हाल ही में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने घोषणा की थी कि राज्य सरकार मुस्लिम समुदायों सहित राज्य में स्वदेशी अल्पसंख्यकों के अलग वर्गीकरण के लिए कदम उठाएगी। असम कैबिनेट के इस निर्णय से राज्य के लगभग 40 लाख असमिया भाषी मुसलमानों को मान्यता मिल जाएगी।
कैबिनेट के इस निर्णय के बारे में बताते हुए कैबिनेट मंत्री केशब महंत ने कहा कि कैबिनेट ने इन पांच मुस्लिम समूहों के लिए एक नए नामकरण को मंजूरी दी है। वे अब से स्वदेशी असमिया मुसलमानों के रूप में जाने जाएंगे। उन्होंने इस कदम से स्वास्थ्य, सांस्कृतिक पहचान, शिक्षा, वित्तीय समावेशन, कौशल विकास और महिला सशक्तिकरण में उनका विकास सुनिश्चित होगा। साथ ही अन्य सरकारी जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ उन तक पहुंच सकेगा।