Roznama Khabrein
No Result
View All Result
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو
اردو
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو
No Result
View All Result
No Result
View All Result
Home विचार

किया मुसलमान भारत के जेलों में सड़ने के लिए ही बने हैं?

पत्रकार सिद्दीक कप्पन केस उदाहरण है!

RK News by RK News
July 10, 2021
Reading Time: 1 min read
0
किया मुसलमान भारत के जेलों में सड़ने के लिए ही बने हैं?

विक्रम सिंह चौहान

RELATED POSTS

अहमदाबाद: एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो कर, दो टुकड़ों में टूटा,242 यात्रियों में53 ब्रिटिश,

Waqf पर सुनवाई:केंद्र ने कहा- वक्फ अधिनियम के प्रमुख प्रावधान जारी रहेंगे, सुप्रीम कोर्ट  अब 20 मई को मामले की सुनवाई करेगा

गजा और शान्ति:अमेरिका की दोहरी नीति, दोहरा चरित्र

सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ के खिलाफ राजद्रोह के तहत दर्ज एफआईआर को रद्द करते हुए कहा कि देशद्रोह पर केदार नाथ सिंह के फैसले के तहत हर पत्रकार सुरक्षा का हकदार होगा. सुनने में और पढ़ने में ये शब्द अच्छा लग रहा है. पर हक़ीकत क्या है ये देश जानता है. जो नहीं जानते हैं वे मुझसे सुन लें.

केरल के एक पत्रकार सिद्दीक कप्पन अपने दोस्तों के साथ हाथरस में 17 सितंबर 2020 को सामूहिक बलात्कार की पीड़िता दलित लड़की की मौत के बाद उनके परिवार के सदस्यों से मिलने ,खबर बनाने उनके गांव जा रहे थे. पुलिस ने रास्ते से उठा लिया और उन्हें पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का सदस्य बता दिया.

उनपर व उनके साथियों पर राजद्रोह व दंगे भड़काने का मामला लगा दिया और जेल में ठूंस दिया. पहले पुलिस ने अदालत को बताया कि कप्पन और उनके साथी पीएफआई के सदस्य हैं ,लेकिन एक सबूत जुटा नहीं पाए.

फिर कहा इनका अखबार तेजस पीएफआई का मुखपत्र है और सिमी से इनके तार जुड़े हुए हैं. कमाल यह है कि इसका भी सबूत नहीं जुटा पाए.फिर कहा ये पत्रकार ही नहीं है इनका अखबार तीन साल पहले बंद हो गया है.फिर कहा इनका अखबार पहले ओसामा बिन लादेन को शहीद बताता था. तमाम झूठे आरोप लगाए गए. फिर भी न उच्च न्यायालय ने और न सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें जमानत दिया. सुप्रीम कोर्ट तो कई माह बाद केस सुना.

सिद्दीक कप्पन का न्यायिक हिरासत बढ़ता गया. जेल में उन्हें लंबे समय तक वकीलों से मिलने नहीं दिया गया. उनके साथ जमकर मारपीट की गई.पिछले दिनों सिद्दीक कप्पन को कोरोना हो गया.उन्हें मथुरा अस्पताल में चारपाई के साथ चेन से बांधा गया था जैसे कोई बड़ा आतकंवादी हो.पेशाब के लिए एक प्लास्टिक बोतल लटका दिया गया था. सिद्दीक कप्पन की तबीयत अभी भी बहुत खराब है. केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट ने अपनी याचिका में कहा है सिद्दीकी कप्पन सक्रिय पत्रकार हैं. फिर भी सुप्रीम कोर्ट उन्हें राजद्रोह से राहत नहीं दे रहा. जिस पीएफआई से उनका लिंक जोड़ा जा रहा है वह भी इस देश में प्रतिबंधित संगठन नहीं है.

मुझे तो लगता है धर्म इस्लाम और नाम में मुसलमान हो तो भारत के जेलों में आप सड़ने के लिए ही बने हैं. आखिर केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन को किस जुर्म की सजा दी जा रही है ? क्या एक मुसलमान पत्रकार नहीं हो सकता ? क्या एक मुसलमान पत्रकार देश के दूसरे राज्य जाकर संवेदनशील मामलों की रिपोर्टिंग नहीं कर सकता ?

Tags: सिद्दीक कप्पन
ShareTweetSend
RK News

RK News

Related Posts

विचार

अहमदाबाद: एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो कर, दो टुकड़ों में टूटा,242 यात्रियों में53 ब्रिटिश,

June 12, 2025
विचार

Waqf पर सुनवाई:केंद्र ने कहा- वक्फ अधिनियम के प्रमुख प्रावधान जारी रहेंगे, सुप्रीम कोर्ट  अब 20 मई को मामले की सुनवाई करेगा

May 15, 2025
विचार

गजा और शान्ति:अमेरिका की दोहरी नीति, दोहरा चरित्र

May 12, 2025
विचार

ईस्ट इंडिया कंपनी भले खत्म हो गई, उसका डर फिर से दिखने लगा!

November 6, 2024
विचार

इस्लामोफोबिया से मुकाबला बहुत पहले शुरू हो जाना था:–राम पुनियानी

September 16, 2024
विचार

क्या के.सी. त्यागी द्वारा इजरायल को हथियारों की आपूर्ति रोकने के आह्वान के कारण उन्हें अपना पद गँवाना पड़ा?

September 5, 2024
Next Post
भारत की विदेश नीति किसके भरोसे?

भारत की विदेश नीति किसके भरोसे?

दबंगों ने दलित से जाति पूछी और बेरहमी से की पिटाई

दबंगों ने दलित से जाति पूछी और बेरहमी से की पिटाई

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recommended Stories

आंकड़े बताते हैं यूपी में सबसे ज्यादा हिरासती मौतें

आंकड़े बताते हैं यूपी में सबसे ज्यादा हिरासती मौतें

August 7, 2022

जामिया की छठी, नौवीं और ग्यारहवीं कक्षा प्रवेश परीक्षा का परिणाम घोषित

July 13, 2022
यूपी : योगी सरकार में यूएपीए के तहत सबसे ज़्यादा गिरफ्तारियां, जिनमें 70% युवा शामिल हैं

यूपी : योगी सरकार में यूएपीए के तहत सबसे ज़्यादा गिरफ्तारियां, जिनमें 70% युवा शामिल हैं

December 18, 2021

Popular Stories

  • मेवात के नूह में तनाव, 3 दिन इंटरनेट सेवा बंद, 600 परFIR

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • दिल्ली में 1396 कॉलोनियां हैं अवैध, देखें इनमें आपका इलाका भी तो नहीं शामिल ?

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • कौन हैं जामिया मिलिया इस्लामिया के नए चांसलर डॉक्टर सैय्यदना सैफुद्दीन?

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • NCERT Recruitment 2023 में नौकरी पाने का जबरदस्त मौका, कल से शुरू होगा आवेदन, जानें तमाम डिटेल

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • पकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में महिला यूट्यूबर ज्योति गिरफ्तार, पूछताछ में किए बड़े खुलासे

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • नूपुर को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, कहा- बयान के लिए टीवी पर पूरे देश से माफी मांगे

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
Roznama Khabrein

The Roznama Khabrein advocates rule of law, human rights, minority rights, national interests, press freedom, and transparency on which the newspaper and newsportal has never compromised and will never compromise whatever the costs.

More... »

Recent Posts

  • नई दिल्ली:नेवी का क्लर्क विशाल  जासूसी के आरोप में गिरफ्तार, पाक महिला हैंडलर ‘प्रिया शर्मा’ को गोपनीय सैन्य जानकारी दी
  • SCO में चीन-पाक का खेल: पहलगाम की जगह बलूचिस्तान का नाम… भारत का जॉइंट स्टेटमेंट पर साइन से इनकार
  • इजराइल-ईरान और अमेरिका:12 दिन की war में किस को कितना फायदा व नुक्सान:report

Categories

  • Uncategorized
  • अन्य
  • एजुकेशन
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • विचार
  • समाचार
  • हेट क्राइम

Quick Links

  • About Us
  • Support Us
  • Terms & Conditions
  • Privacy Policy
  • Grievance
  • Contact Us

© 2021 Roznama Khabrein Hindi

No Result
View All Result
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو

© 2021 Roznama Khabrein Hindi