Roznama Khabrein
No Result
View All Result
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو
اردو
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو
No Result
View All Result
No Result
View All Result
Home विचार

भारत की विदेश नीति किसके भरोसे?

अफ़ग़ानिस्तान से अमेरिकी फौजें जैसे सिर पर पाँव रखकर भागी हैं, क्या उससे भी भारत सरकार ने कोई सबक़ नहीं लिया।

RK News by RK News
July 10, 2021
Reading Time: 1 min read
0
भारत की विदेश नीति किसके भरोसे?

डॉ. वेद प्रताप वैदिक

RELATED POSTS

जिंदा’ हो सकती है कांग्रेस!: एक नजरिया
लेखक: करण थापर

ED,CBI का दुरुपयोग, विपक्ष के 9 नेताओं का पीएम को खत

जुनेद नासिर के गांव वाले राजस्थान सरकार से नाराज, इंसाफ मांगने वालों को डराने का आरोप

अफ़ग़ानिस्तान से अमेरिकी फौजें जैसे सिर पर पाँव रखकर भागी हैं, क्या उससे भी भारत सरकार ने कोई सबक़ नहीं लिया। बगराम सहित सात हवाई अड्डों को खाली करते वक़्त अमेरिकी फौजियों ने काबुल सरकार को ख़बर तक नहीं की। नतीजा क्या हुआ? बगराम हवाई अड्डे में सैकड़ों शहरी लोग घुस गए और उन्होंने बचा-खुचा माल लूट लिया। अमेरिकी फौज अपने कपड़े, छोटे-मोटे कंम्प्यूटर और हथियार, बर्तन-भांडे-फर्नीचर वगैरह जो कुछ भी छोड़ गई थी, उसे लूटकर काबुल में कई कबाड़ियों ने अपनी चलती-फिरती दुकानें खोल लीं। यहाँ असली सवाल यह है कि अमेरिकियों ने अपनी विदाई भी भली प्रकार से क्यों नहीं होने दी?

गालिब के शब्दों में ‘बड़े बेआबरु होकर, तेरे कूचे से हम निकले।’ क्यों निकले? क्योंकि अफ़ग़ान लोगों से भी ज़्यादा अमेरिकी फौजी तालिबान से डरे हुए थे। उन्हें इतिहास का वह सबक़ याद था, जब लगभग पौने दो सौ साल पहले अंग्रेजी फौज के 16 हजार फौजी जवान काबुल छोड़कर भागे थे तो उनमें से 15 हजार 999 जवानों को अफ़ग़ानों ने क़त्ल कर दिया था। अमेरिकी जवान वह दिन नहीं देखना चाहते थे। लेकिन उसका नतीजा यह हो रहा है कि अफ़ग़ान प्रांतों में तालिबान का कब्जा बढ़ता चला जा रहा है। एक-तिहाई अफ़ग़ानिस्तान पर उनका कब्जा हो चुका है।

कई मोहल्लों, गाँवों और शहरों में लोग हथियारबंद हो रहे हैं ताकि गृहयुद्ध की स्थिति में वे अपनी रक्षा कर सकें। डर के मारे कई राष्ट्रों ने अपने वाणिज्य दूतावास बंद कर दिए हैं और काबुल स्थित राजदूतावासों को भी वे खाली कर रहे हैं। भारत ने अभी अपने दूतावास बंद तो नहीं किए हैं लेकिन उन्हें कामचलाऊ भर रख लिया है।

भारत की वैधानिक सीमा (कश्मीर से लगी हुई) अफ़ग़ानिस्तान से लगभग 100 किमी. लगती है। अपने इस पड़ोसी देश के तालिबान के साथ चीन, रूस, तुर्की, अमेरिका आदि सीधी बात कर रहे हैं और दिग्भ्रमित पाकिस्तान भी उनका दामन थामे हुआ है लेकिन भारत की विदेश नीति बगलें झाँक रही है। यह ठीक है कि बीजेपी में विदेश नीति के जानकर नहीं के बराबर हैं और मोदी सरकार नौकरशाहों पर पूरी तरह निर्भर है।

आश्चर्य है कि नरेंद्र मोदी ने दक्षता के नाम पर अपने लगभग आधा दर्जन वरिष्ठ मंत्रियों को घर बिठा दिया लेकिन विदेश नीति के मामले में उनकी कोई मौलिक पहल नहीं है। इस समय भारत की विदेश नीति की सबसे बड़ी चुनौती अफ़ग़ानिस्तान है। उसके मामले में अमेरिका का अंधानुकरण करना और भारत को अपंग बनाकर छोड़ देना राष्ट्रहित के विरुद्ध है। यदि अफ़ग़ानिस्तान में अराजकता फैल गई तो वह भारत के लिए सबसे ज़्यादा नुक़सानदेह साबित होगी।

Tags: अफ़ग़ानिस्तान
ShareTweetSend
RK News

RK News

Related Posts

विचार

जिंदा’ हो सकती है कांग्रेस!: एक नजरिया
लेखक: करण थापर

March 12, 2023
विचार

ED,CBI का दुरुपयोग, विपक्ष के 9 नेताओं का पीएम को खत

March 5, 2023
विचार

जुनेद नासिर के गांव वाले राजस्थान सरकार से नाराज, इंसाफ मांगने वालों को डराने का आरोप

February 26, 2023
विचार

लेक्चर देने राहुल कैंब्रिज यूनिवर्सिटी जाएंगे, ट्वीट करके बताया

February 17, 2023
विचार

मुसलामानों का वर्तमान राजनितिक परिदृश्य; शकीलुर रहमान

February 1, 2023
विचार

आवास को मस्जिद में बदलने का आरोप, हिंदू ब्रिगेड की आपकत्ति के बाद फातिमा मस्जिद पर ताला

January 18, 2023
Next Post
दबंगों ने दलित से जाति पूछी और बेरहमी से की पिटाई

दबंगों ने दलित से जाति पूछी और बेरहमी से की पिटाई

अफगानिस्‍तान में अनिश्चित काल तक ‘लड़ना’ US के हित में नहीं, 31 अगस्‍त को खत्‍म होगा सैन्‍य अभियान : जो बाइडेन

अफगानिस्‍तान में अनिश्चित काल तक 'लड़ना' US के हित में नहीं, 31 अगस्‍त को खत्‍म होगा सैन्‍य अभियान : जो बाइडेन

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recommended Stories

सनातन धर्म भी राष्ट्रीय धर्म है: योगी आदित्यनाथ

January 28, 2023
राहुल दक्षिण में और प्रियंका उत्तर में संभालेंगी कमान

राहुल दक्षिण में और प्रियंका उत्तर में संभालेंगी कमान

December 13, 2022
IIT Delhi में जॉब, मेडिकल ऑफिसर समेत कई पदों पर वैकेंसी

IIT Delhi में जॉब, मेडिकल ऑफिसर समेत कई पदों पर वैकेंसी

November 15, 2022

Popular Stories

  • मेवात के नूह में तनाव, 3 दिन इंटरनेट सेवा बंद, 600 परFIR

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • कौन हैं जामिया मिलिया इस्लामिया के नए चांसलर डॉक्टर सैय्यदना सैफुद्दीन?

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • नूपुर को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, कहा- बयान के लिए टीवी पर पूरे देश से माफी मांगे

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • दुआएं कुबूल, हल्द्वानी में नहीं चलेगा बुलडोजर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • खबरदार! धंस रहा है नैनीताल, तीन तरफ से पहाड़ियां दरकने की खबर, धरती में समा जाएगा शहर, अगर .…..!

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • मदरसों को बम से उड़ा दो, यति नरसिंहानंद का भड़काऊ बयान

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
Roznama Khabrein

The Roznama Khabrein advocates rule of law, human rights, minority rights, national interests, press freedom, and transparency on which the newspaper and newsportal has never compromised and will never compromise whatever the costs.

More... »

Recent Posts

  • कन्हैया को कांग्रेस मैं बड़ी जिम्मेदारी देने की तैयारी, पुराने कांग्रेसी परेशान
  • दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के जोरदार झटके
  • केजरीवाल बोले, ऊपर से नीचे तक बैठी है अनपढ़ों की जमात

Categories

  • Uncategorized
  • अन्य
  • एजुकेशन
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • विचार
  • समाचार
  • हेट क्राइम

Quick Links

  • About Us
  • Support Us
  • Terms & Conditions
  • Privacy Policy
  • Grievance
  • Contact Us

© 2021 Roznama Khabrein Hindi

No Result
View All Result
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو

© 2021 Roznama Khabrein Hindi

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?