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भारत की विदेश नीति किसके भरोसे?

अफ़ग़ानिस्तान से अमेरिकी फौजें जैसे सिर पर पाँव रखकर भागी हैं, क्या उससे भी भारत सरकार ने कोई सबक़ नहीं लिया।

RK News by RK News
July 10, 2021
Reading Time: 1 min read
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भारत की विदेश नीति किसके भरोसे?

डॉ. वेद प्रताप वैदिक

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अफ़ग़ानिस्तान से अमेरिकी फौजें जैसे सिर पर पाँव रखकर भागी हैं, क्या उससे भी भारत सरकार ने कोई सबक़ नहीं लिया। बगराम सहित सात हवाई अड्डों को खाली करते वक़्त अमेरिकी फौजियों ने काबुल सरकार को ख़बर तक नहीं की। नतीजा क्या हुआ? बगराम हवाई अड्डे में सैकड़ों शहरी लोग घुस गए और उन्होंने बचा-खुचा माल लूट लिया। अमेरिकी फौज अपने कपड़े, छोटे-मोटे कंम्प्यूटर और हथियार, बर्तन-भांडे-फर्नीचर वगैरह जो कुछ भी छोड़ गई थी, उसे लूटकर काबुल में कई कबाड़ियों ने अपनी चलती-फिरती दुकानें खोल लीं। यहाँ असली सवाल यह है कि अमेरिकियों ने अपनी विदाई भी भली प्रकार से क्यों नहीं होने दी?

गालिब के शब्दों में ‘बड़े बेआबरु होकर, तेरे कूचे से हम निकले।’ क्यों निकले? क्योंकि अफ़ग़ान लोगों से भी ज़्यादा अमेरिकी फौजी तालिबान से डरे हुए थे। उन्हें इतिहास का वह सबक़ याद था, जब लगभग पौने दो सौ साल पहले अंग्रेजी फौज के 16 हजार फौजी जवान काबुल छोड़कर भागे थे तो उनमें से 15 हजार 999 जवानों को अफ़ग़ानों ने क़त्ल कर दिया था। अमेरिकी जवान वह दिन नहीं देखना चाहते थे। लेकिन उसका नतीजा यह हो रहा है कि अफ़ग़ान प्रांतों में तालिबान का कब्जा बढ़ता चला जा रहा है। एक-तिहाई अफ़ग़ानिस्तान पर उनका कब्जा हो चुका है।

कई मोहल्लों, गाँवों और शहरों में लोग हथियारबंद हो रहे हैं ताकि गृहयुद्ध की स्थिति में वे अपनी रक्षा कर सकें। डर के मारे कई राष्ट्रों ने अपने वाणिज्य दूतावास बंद कर दिए हैं और काबुल स्थित राजदूतावासों को भी वे खाली कर रहे हैं। भारत ने अभी अपने दूतावास बंद तो नहीं किए हैं लेकिन उन्हें कामचलाऊ भर रख लिया है।

भारत की वैधानिक सीमा (कश्मीर से लगी हुई) अफ़ग़ानिस्तान से लगभग 100 किमी. लगती है। अपने इस पड़ोसी देश के तालिबान के साथ चीन, रूस, तुर्की, अमेरिका आदि सीधी बात कर रहे हैं और दिग्भ्रमित पाकिस्तान भी उनका दामन थामे हुआ है लेकिन भारत की विदेश नीति बगलें झाँक रही है। यह ठीक है कि बीजेपी में विदेश नीति के जानकर नहीं के बराबर हैं और मोदी सरकार नौकरशाहों पर पूरी तरह निर्भर है।

आश्चर्य है कि नरेंद्र मोदी ने दक्षता के नाम पर अपने लगभग आधा दर्जन वरिष्ठ मंत्रियों को घर बिठा दिया लेकिन विदेश नीति के मामले में उनकी कोई मौलिक पहल नहीं है। इस समय भारत की विदेश नीति की सबसे बड़ी चुनौती अफ़ग़ानिस्तान है। उसके मामले में अमेरिका का अंधानुकरण करना और भारत को अपंग बनाकर छोड़ देना राष्ट्रहित के विरुद्ध है। यदि अफ़ग़ानिस्तान में अराजकता फैल गई तो वह भारत के लिए सबसे ज़्यादा नुक़सानदेह साबित होगी।

Tags: अफ़ग़ानिस्तान
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