नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट से नियमित जमानत न मिलने के बाद जेएनयू के छात्र नेता रहे उमर खालिद ने दो सप्ताह की अंतरिम जमानत (Interim bail) के लिए कड़कड़डूमा कोर्ट से गुहार लगाई है।
खालिद का कहना है कि उसकी बहन की शादी है, वो उसमें शरीक होना चाहता है। खालिद के खिलाफ UAPA (अनलॉफुल एक्टिविटीज (प्रिवेंशन) एक्ट 1967 के तहत केस दर्ज किया गया है। दिल्ली पुलिस का आरोप है कि राजधानी में हुए दंगों की साजिश में उमर खालिद शामिल थे।
खालिद की याचिका पर एडिशनल सेशन जज अमिताभ रावत ने नोटिस जारी किया है। 25 नवंबर को याचिका पर सुनवाई होगी। खालिद सितंबर 2020 से जेल में बंद हैं। 18 अक्टूबर को दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस रजनीश भटनागर की बेंच ने खालिद को जमानत पर रिहा करने से इन्कार कर दिया था।
अदालत का कहना था कि खालिद का नाम दंगे शुरू होने से पहले हुए विरोध प्रदर्शन में सामने आया था। कोर्ट का कहना था कि खालिद वाट्सऐप ग्रुप DPSG और मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑफ जेएनयू का सक्रिय सदस्य था। उसने कई बैठकों में सक्रिय भागीदारी की, जहां दिल्ली में हुए दंगों को लेकर सारी साजिश रची गई।