Roznama Khabrein
No Result
View All Result
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو
اردو
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو
No Result
View All Result
No Result
View All Result
Home समाचार

यूसीसी: बीजेपी ने समान नागरिक संहिता के लिए उत्तराखंड को क्यों चुना?
एक नज़रिया :अनंत प्रकाश

RK News by RK News
February 7, 2024
Reading Time: 1 min read
0

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक.के क़ानून बनने के साथ ही उत्तराखंड में रहने वाले सभी धर्मों के लोगों पर तलाक़ और शादी जैसे तमाम मामलों में एक ही क़ानून लागू होगा.
बीजेपी ने साल 2022 में उत्तराखंड का विधानसभा चुनाव जीतने के बाद ही इस दिशा में प्रयास शुरू कर दिए थे.
सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड जज जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में एक पैनल का गठन किया गया था. इसी पैनल ने राज्य सरकार को 479 पन्नों की एक ड्राफ़्ट रिपोर्ट पेश की थी.
लेकिन सवाल ये उठता है कि ये विधेयक उत्तराखंड विधानसभा में ही क्यों पेश किया गया है जबकि बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए की देश के 17 राज्यों में सरकारें हैं.
इसका जवाब वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी देती हैं.
वह कहती हैं, “देखिए, यूसीसी भाजपा का एक मुख्य मुद्दा है जो अब तक अधूरा है. तीन तलाक़ का मुद्दा पूरा हो गया. इससे पहले जब इन्होंने इस दिशा में पहला प्रयोग किया था तब आदिवासियों की ओर से काफ़ी विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ा था.”
“ऐसे में उन्होंने इस दिशा में आगे नहीं बढ़ने का फ़ैसला किया. क्योंकि आदिवासी भाजपा का एक महत्वपूर्ण मतदाता वर्ग है. यहां भी आदिवासियों को छूट दी गयी है. अब उत्तराखंड में मुसलमान आबादी ज़्यादा नहीं है. ऐसे में यहां ये विधेयक लाया जाना एक प्रयोग जैसा है.”
लेकिन सवाल ये उठता है कि बीजेपी इस विधेयक को उत्तराखंड में पास करके क्या हासिल करना चाहती है.
इस सवाल के जवाब में नीरजा चौधरी कहती हैं, “बीजेपी उत्तराखंड में ये विधेयक पास कराकर एक प्रयोग जैसा करना चाहती है. वह देखना चाहती है कि इस पर कैसी प्रतिक्रिया होती है. वह इसके क़ानूनी पहलुओं को भी देखना चाहती हैं कि क्या एक समुदाय को बाहर रखकर समान नागरिक संहिता लागू की जा सकती है. या ये कुछ विशेष समुदायों पर लागू हो सकता है. या ये अदालत में मूल अधिकारों के सामने कैसे खड़ा होगा. ऐसे में ये एक तरह से एक प्रयोग है. लेकिन इसके साथ ही ये बताने की कोशिश भी की जा रही है कि हम इसे लेकर गंभीर हैं.”
हिंदू बहुल है उत्तराखंड
उत्तराखंड की बात करें तो यहां की आबादी में मुसलमानों की हिस्सेदारी लगभग 13 फीसद है जो कि उत्तर प्रदेश की तुलना में सिर्फ छह फीसद कम है.
ऐसे में बीजेपी ने उत्तराखंड का चुनाव क्यों किया, इस सवाल का जवाब अमर उजाला के देहरादून संपादक दिनेश जुयाल देते हैं.
वह कहते हैं, “उत्तराखंड में सबसे पहले यूसीसी विधेयक लाने की एक वजह इसका एक छोटा राज्य होना है. दूसरी बात ये है कि ये एक तरह से हिंदू स्टेट है. यहां चारधाम है, देवस्थली है, देवभूमि है. एक तरह से ये हिंदुओं का गढ़ है. थोड़ी सी मुस्लिम आबादी है जो कि मैदानी इलाकों में रहती है. ऐसे में यहां यूसीसी के मुद्दे पर विरोध की वैसी कोई गुंजाइश नहीं है.”
उत्तराखंड की मुसलमान आबादी का घनत्व पूरे राज्य की जगह शहरों में ज़्यादा दिखाई देता है.
उदाहरण के लिए, मुसलमान समुदाय की ज़्यादातर आबादी तराई के ज़िलों जैसे देहरादून, हरिद्वार और उधम सिंह नगर में रहती है. इसके साथ ही हल्द्वानी और अल्मोड़ा में भी मुस्लिम आबादी की मौजूदगी है.
वहीं, हिंदू आबादी मैदान से लेकर पहाड़ तक हर जगह मौजूद है जहां बीजेपी अपनी ज़मीन मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है.
जुयाल बताते हैं, “आरएसएस और बीजेपी की ओर से राज्य के हिंदूकरण करने की दिशा में मजबूती से प्रयास किए गए हैं. सरकार के स्तर पर भी पूर्व सैनिकों से लेकर महिलाओं को लुभाने की दिशा में जो काम किए गए हैं, उसकी वजह से यहां मोदी मैजिक भी काफ़ी है. पहाड़ों पर जहां कृषि से उतनी कमाई नहीं होती है, वहां सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचने की वजह से लोगों का सरकार के प्रति सकारात्मक रुख है.”
लेकिन सवाल उठता है कि क्या बीजेपी ने 2024 के चुनाव को ध्यान में रखकर चुनाव अभियान शुरू होने से ठीक पहले पटल पर ये विधेयक पेश करने का फ़ैसला किया.
इस सवाल का जवाब देते हुए नीरजा चौधरी कहती हैं, “ये पूरी तरह से गंभीर दिखने की कोशिश है. बीजेपी दिखाना चाहती है कि उसने जो वायदे किए हैं, उन्हें लेकर वह पूरी तरह गंभीर है. अगर वह उत्तराखंड के पटल पर इसे पास करा लेती है तो चुनाव मैदान पर ये कह सकती है कि वह अपने एजेंडे को लेकर पूरी तरह गंभीर है. क्योंकि ये परसेप्शन का बैटल यानी धारणाओं की लड़ाई है. ऐसे में एक माहौल बनाने की कोशिश है
(साभार BBC हिंदी)

RELATED POSTS

बिहार की वोटर लिस्ट में संशोधन:चुनाव आयोग के कदम से NRC की याद क्यों आई cc? खेल को समझये

गोवा से छत्तीसगढ़ में आश्रम खोलने वाले ‘योग गुरु’ गिरफ्तार, पुलिस का दावा,2 किलो गांजा बरामद, जेल रसीद

ओबामा ने कहा:अमेरिका लोकतंत्र से भटक रहा है,ट्रम्प सरकार देश को खोखला कर रही

ShareTweetSend
RK News

RK News

Related Posts

समाचार

बिहार की वोटर लिस्ट में संशोधन:चुनाव आयोग के कदम से NRC की याद क्यों आई cc? खेल को समझये

June 28, 2025
समाचार

गोवा से छत्तीसगढ़ में आश्रम खोलने वाले ‘योग गुरु’ गिरफ्तार, पुलिस का दावा,2 किलो गांजा बरामद, जेल रसीद

June 27, 2025
समाचार

ओबामा ने कहा:अमेरिका लोकतंत्र से भटक रहा है,ट्रम्प सरकार देश को खोखला कर रही

June 27, 2025
समाचार

नई दिल्ली:नेवी का क्लर्क विशाल  जासूसी के आरोप में गिरफ्तार, पाक महिला हैंडलर ‘प्रिया शर्मा’ को गोपनीय सैन्य जानकारी दी

June 26, 2025
Uncategorized

SCO में चीन-पाक का खेल: पहलगाम की जगह बलूचिस्तान का नाम… भारत का जॉइंट स्टेटमेंट पर साइन से इनकार

June 26, 2025
समाचार

इजराइल-ईरान और अमेरिका:12 दिन की war में किस को कितना फायदा व नुक्सान:report

June 25, 2025
Next Post

पाकिस्तान में मतदान जारी ; इंटरनेट सेवा सस्पेंड, कानून-व्यवस्था का हवाला

दिल्ली की ओर किसानों का कूच, आंदोलन की तैयारी, नोएडा बॉर्डर सील

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recommended Stories

भारत ने पहली बार माना- पाकिस्तान से संघर्ष में कुछ लड़ाकू विमान नष्ट हुए थे ,सीडीएस चौहान का बयान सामने आया

May 31, 2025

रवि सिन्हा होंगे रॉ के प्रमुख, दो साल का रहेगा कार्यकाल

June 19, 2023

दिल्ली की सड़कों पर निकले राहुल गांधी,बंगाली मार्केट में गोलगप्पों का स्वाद, पुरानी दिल्ली में मोहब्बत के शरबत का उठाया लुत्फ।

April 18, 2023

Popular Stories

  • दिल्ली में 1396 कॉलोनियां हैं अवैध, देखें इनमें आपका इलाका भी तो नहीं शामिल ?

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • मेवात के नूह में तनाव, 3 दिन इंटरनेट सेवा बंद, 600 परFIR

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • कौन हैं जामिया मिलिया इस्लामिया के नए चांसलर डॉक्टर सैय्यदना सैफुद्दीन?

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • NCERT Recruitment 2023 में नौकरी पाने का जबरदस्त मौका, कल से शुरू होगा आवेदन, जानें तमाम डिटेल

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • पकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में महिला यूट्यूबर ज्योति गिरफ्तार, पूछताछ में किए बड़े खुलासे

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • नूपुर को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, कहा- बयान के लिए टीवी पर पूरे देश से माफी मांगे

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
Roznama Khabrein

The Roznama Khabrein advocates rule of law, human rights, minority rights, national interests, press freedom, and transparency on which the newspaper and newsportal has never compromised and will never compromise whatever the costs.

More... »

Recent Posts

  • बिहार की वोटर लिस्ट में संशोधन:चुनाव आयोग के कदम से NRC की याद क्यों आई cc? खेल को समझये
  • गोवा से छत्तीसगढ़ में आश्रम खोलने वाले ‘योग गुरु’ गिरफ्तार, पुलिस का दावा,2 किलो गांजा बरामद, जेल रसीद
  • ओबामा ने कहा:अमेरिका लोकतंत्र से भटक रहा है,ट्रम्प सरकार देश को खोखला कर रही

Categories

  • Uncategorized
  • अन्य
  • एजुकेशन
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • विचार
  • समाचार
  • हेट क्राइम

Quick Links

  • About Us
  • Support Us
  • Terms & Conditions
  • Privacy Policy
  • Grievance
  • Contact Us

© 2021 Roznama Khabrein Hindi

No Result
View All Result
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو

© 2021 Roznama Khabrein Hindi